ग्राम प्रधान संगठन और डीएम के बीच छिड़ी जंग पर जिले के मजदूरों सहित प्रबुद्ध जनो की है नजर

 


      जौनपुर। कोविड 19वैश्विक महामारी के चलते देश में लाक डाऊन के चलते गरीब मजदूरो के समक्ष उत्पन्न आर्थिक संकट से निपटने के लिए जहां प्रदेश की सरकार मनरेगा योजना को गति देकर मजदूरों को काम देकर उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के प्रयास में लगी है वहीं पर जनपद जौनपुर में जिला प्रशासन के शीर्ष अधिकारी एवं प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष के बीच ग्राम प्रधानो के मामलो को लेकर तनी तना के कारण सरकार के सपनों पर पानी फेर सकता है ऐसी संभावनाएं बलवती होती जा रही है। 
           (इस पैड को फर्जी बताया जा रहा है)
यहाँ बतादे कि वर्तमान जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह  जनपद में जिलाधिकारी का  कार्यभार ग्रहण करने के बाद से अब तक लाक डाऊन के दौरान भी  लगभग 8 ग्राम प्रधानो को गरीब  मजदूरों की शिकायत पर बगैर जांच कराये ही मुकदमा दर्ज कराके जेल भेज दिये है। इस मामले को लेकर  राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष मनोज कुमार यादव ने जनपद में अपने साथ सभी 1749 ग्राम प्रधानो को साथ होने का दावा करते हुए एलान कर दिया कि जब तक दिनेशकुमार सिंह जनपद में जिलाधिकारी पद पर आसीन रहेंगे तब तक कोई भी प्रधान मनरेगा का काम नहीं करायेगा। इस आशय का शिकायती पत्र भी  प्रदेश सरकार के ग्राम्य विकास मंत्री एवं प्रमुख सचिव, निदेशक मनरेगा तथा आयुक्त व संगठन के प्रदेश अध्यक्ष एवं महामंत्री को भेज कर  जंग का एलान कर दिया। 
इसके बाद जिलाधिकारी ने भी प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष का जबाब देने का निर्णय लेते हुए एक अखिल भारतीय प्रधान संघ  से  दिनेश कुमार मिश्रा ग्राम सभा गंगापुर, सुजानगंज, मछली शहर बतौर जिलाध्यक्ष जिलाधिकारी से मिले और बाद में मीडिया से कहा कि असली प्रधानो के जिलाध्यक्ष हम है और मनरेगा का काम होगा।जिलाधिकारी से बात हो गयी है।
तत्पश्चात  28 अप्रैल को  जिलाधिकारी अपने लाव लश्कर के साथ बक्शा एवं सिकरारा ब्लाक के बीबीपुर, भिऊरहा  गोपाल पुर उमरछा  बबुरा गांवो में  जाकर  मनरेगा का काम होते देखा और वही पर वीडियो को यह भी कहा कि मनोज फ्राड है कोई अध्यक्ष नहीं है आप काम कराये।  
इस घटना के बाद राष्ट्रिय पंचायत राज ग्राम प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष मनोज कुमार यादव ने फिर मैदान में आ गये और एक पत्र जारी करते हुए कहा कि हमारा राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन तो गवर्नमेंट आफ एनसीटी दिल्ली से  रजिस्टर्ड है जिसका नंबर 63962/2008 है  लेकिन अखिल भारतीय प्रधान संघ कहीं भी रजिस्टर्ड नहीं है। यह पूरी तरह से फर्जी है और जिलाधिकारी द्वारा प्रायोजित है। 
फिर मनोज कुमार यादव ने कहा कि सभी प्रधान हमारे साथ है और जिले में मनरेगा का काम तभी शुरू होगा जब प्रधानो का सम्मान होगा। जितने प्रधानो के खिलाफ मुकदमा दर्ज है वह वापस होगा। जिलाध्यक्ष के रूप में मनोज कुमार यादव ने दावा किया है कि प्रदेश अध्यक्ष एवं महामंत्री इस मुद्दे को लेकर सरकार में बात चीत कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि हम प्रधानो के सम्मान की रक्षा के अपने अन्तिम सांस तक जिलाधिकारी के गलत निर्णय एवं कृत्यों के खिलाफ लड़ते रहेंगे। 
इस तरह जिलाध्यक्ष एवं जिलाधिकारी के बीच जो ईगो को लेकर तनी तना की जंग छिड़ी हुई है यदि उसका जल्द से जल्द कोई हल नहीं निकला तो निश्चित रूप से इस जनपद में सरकार की मंशा पर पानी फिरना तय माना जा रहा है। इसका  खामियाजा मजदूरों को भुगतना पड़ सकता है। अब देखना यह है कि सरकार जिले की इस समस्या का समाधान कब तक और कैसे करती है।

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