अनोखी शादी: दूल्हा 65 साल का तो दुल्हन भी 60 साल की,जाने कैसे बना यह रिस्ता


वैदिक रीति रिवाज से दो वृद्ध जोड़े ने सात फेरे लिए। शादी में दूल्हा बने मोतीलाल की उम्र 65 साल तो दुल्हन बनी मोहिनी की उम्र 60 साल  है। यह शादी इस मामले में अनोखी रही कि इसमें घराती व बराती एक ही परिवार के लोग रहे। बुजुर्ग की बेटियां व नाती नातिन बराती बने तो पुत्र-बहू और पोते-पोतियों ने घराती का दायित्व निभाया।यह विवाह सोशल मीडिया सहित क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। अमेठी के जामो विकास खंड क्षेत्र के खुटहना गांव निवासी मोतीलाल के घर बीती रात जश्न का माहौल था। मौका था घर के बुजुर्ग मुखिया 65 वर्षीय मोतीलाल और 60 साल की मोहिनी की शादी का। यह दोनों बुजुर्ग 40 साल से एक साथ लिव-इन-रिलेशनशिप में रह रहे थे। 
मोतीलाल के घर पर रिश्तेदारों और नातेदारों की भीड़ जुटी थी। ये भीड़ मोतीलाल की शादी में शरीक होने के लिए आई थी, जिसमें उसकी बेटियों से लेकर बहू और नाती-पोते खुशियां मनाते दिखाई दिए। बेटियां और नाती-नातिन सभी मोतीलाल की बारात में बराती बने तो बेटे-बहू व पोते-पोतियां घराती। शादी में शामिल लोगों ने डीजे की धुन पर डांस किया। गांव में हुई शादी में ढोलक की थाप पर मंगलगान भी गूंजे। आमंत्रण पत्र के माध्यम से परिचितों को भेजा बुलावा अपनी शादी के लिए मोतीलाल ने रिश्तेदारों व मित्रों के अलावा गांव वालों को बाकायदा कार्ड भेजकर आमंत्रित किया था। समारोह में सभी के लिए भोज की व्यवस्था थी। रात के समय मोतीलाल और मोहिनी ने सात फेरे लेकर अपने रिश्ते को धार्मिक मान्यता दी। 
लिव इन रिलेशन में रहे 40 वर्ष मोतीलाल बताते हैं कि करीब 40 वर्ष से वे और मोहिनी बिना विवाह किए पति पत्नी की तरह एक साथ रह रहे थे। शादी इसलिए नहीं रचाई कि बेटी-बेटों के शादी-ब्याह में समस्या आएगी। हालांकि ऐसा नहीं हुआ। मोतीलाल के दो पुत्र व दो पुत्रियां हैं और सभी विवाहित हैं। बेटियां बोलीं, हम बहुत खुश हैं मोतीलाल की दो बेटियां प्रिया और सीमा हैं। दोनों पिता की शादी में बराती बनीं। प्रिया और सीमा ने कहा कि उन्हें खुशी हो रही है। बहुत अच्छा लग रहा है। मोतीलाल की पत्नी मोहिनी मकदूमपुर गांव की रहने वाली हैं। 
मोतीलाल की शादी की रस्में पूरी कराने वाले पंडित तेज राम पांडेय ने बताया कि इनकी शादी नहीं हुई थी। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार बिना विवाह पैदा होने वाली संतान का किया गया श्राद्ध व तर्पण पिता-माता को नहीं मिलता। इसीलिए इन्होंने इस उम्र में अपना ब्याह रचाया। विवाह में शामिल हुए बरातियों ने भी जमकर धमाल मचाया और मोतीलाल को बधाई दी।आस पास के समाज के लोग और रिश्तेदार इस कार्यक्रम में भाग लिए।सभी लोग इस विवाह से बहुत खुश नजर आए।

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