प्रदेश में धर्मांतरण को लेकर मचे बवाल से जौनपुर भी अछूता नहीं, मुद्दे को लेकर सीएम गम्भीर


धर्मांतरण को लेकर इस समय खासा बवाल मचा हुआ है खुद प्रदेश के सीएम ने इसके खिलाफ मोर्चा संभाल रखे है तो न्याय पालिका भी गम्भीर है इसके बावजूद प्रदेश मे धर्मांतरण के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। पिछले डेढ़ साल में आईडीसी में हुए धर्मांतरण का ब्यौरा भी सामने आया है जिसमें 33 लोगों का धर्मांतरण करवाया गया। बता दें कि धर्मांतरण के मामले में सोमवार को गिरफ्तार किए गए इस्लामिक दावा सेंटर से जुड़े दोनों आरोपियों से यूपी एटीएस ने पूछताछ शुरू कर दी है। 7 दिन के रिमांड पर लिए गए इस्लामिक दावा सेंटर से ताल्लुक रखने वाले मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती जहांगीर कासमी द्वारा बीते डेढ़ साल में करवाए गए धर्मांतरण के 81 पन्ने का विवरण सामने आया है। 
धर्मांतरण के मामले में मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी के दस्तखत से 7 जनवरी 2020 से 12 मई 2021 के बीच 33 लोगों का धर्मांतरण करवाया गया। जिनमें 18 महिलाएं और 15 पुरुष शामिल हैं। वहीं राज्यों की बात करें तो सर्वाधिक धर्मांतरण दिल्ली से 14, उत्तर प्रदेश से 9, बिहार से 3, एमपी से 2 और गुजरात, महाराष्ट्र, असम, झारखंड और केरल से 1-1 व्यक्ति ने इस दौरान धर्मांतरण कर इस्लाम स्वीकार किया। धर्मांतरण करने वालों में ज्यादातर पढ़े लिखे शामिल जिन 33 लोगों के धर्मांतरण का ब्यौरा सामने आया उनमें सिर्फ एक व्यक्ति जो यूपी में बुलंदशहर के खुर्जा का रहने वाला, सबसे कम पढ़ा लिखा छठवीं पास था, जिसने हाल ही में 8 जून 2021 को 28 साल की उम्र में धर्मांतरण किया। जिन 33 लोगों का धर्मांतरण का अब तक ब्यौरा सामने आया उसमें ज्यादातर पढ़े लिखे शामिल है।
 यहां एक बड़ा और गम्भीर सवाल खड़ा होता है कि आखिर क्यों लोग अपना हिन्दू धर्म छोड़कर इस्लाम स्वीकार कर रहे हैं धर्म बदलने वालों में सरकारी नौकरी करने वाले, बीटेक तक पढ़ाई कर चुका शिक्षक, एमबीए पास कर नौकरी कर रहा युवक, सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर, दिल्ली के अस्पताल की स्टाफ नर्स, गुजरात का एमबीबीएस डॉक्टर, इलेक्ट्रिकल्स में डिप्लोमा होल्डर एमफार्मा, MCA पीएचडी कर चुके युवा शामिल हैं। सभी ने इस्लामिक दावा सेंटर के निर्धारित धर्मांतरण के फार्म के साथ एक एफिडेविट भी लगा कर दिया है जिसमें वो लिखित तौर पर कह रहे हैं कि वह बिना किसी लालच भय के अपना मूल धर्म छोड़कर इस्लाम स्वीकार करते हैं।
आखिरी धर्मांतरण 12 जून 2021 को हुआ काजी मुफ़्ती जहांगीर कासमी के द्वारा इस्लामिक दावा सेंटर में करवाया गया आखिरी धर्मांतरण 12 जून 2021 को हुआ था। जिसके 7 दिनों बाद ही यूपी एटीएस ने जहांगीर कासमी को गिरफ्तार कर लिया। वहीं दूसरी तरफ यूपी एटीएस ने दोनों ही आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर दी है। पहले दिन हुई पूछताछ में धर्मांतरण में शामिल अन्य संस्थाओं के कनेक्शन, इन संस्थाओं का इस्लामिक दावा सेंटर से कनेक्शन, उमर गौतम व जहांगीर कासमी इन संस्थाओं से कैसे जुड़े जैसे सवाल किए गए। 
यूपी एटीएस अपनी इस पूछताछ में मनी ट्रेल को समझने के लिए इनकम टैक्स के अधिकारियों की भी मदद ले सकती है। पूछताछ में एटीएस के ही कुछ जानकार अफसर विदेशी फंडिंग पर अलग से पूछताछ करेंगे। दोनों ही आरोपियों से पूछताछ के लिए एटीएस ने चार टीमें बनाई हैं। एक टीम देश के अंदर विभिन्न राज्यों में फैले उनके नेटवर्क पर, दूसरी टीम उत्तर प्रदेश के नेटवर्क पर, तीसरी टीम उनके विदेशी फंडिंग पर और चौथी टीम संपर्क में आए लोगों के आईएसआई कनेक्शन पर पूछताछ करेगी।
यहां बता दें  कि धर्मांतरण की चिनगारी से जनपद जौनपुर अछूता नहीं रह सका है यहां भी जिले के थाना शाहगंज स्थित ग्राम सबरहद में एक हिन्दू परिवार के चार सदस्यों ने मुस्लिम धर्म ग्रहण कर लिया है। जो अब खासा चर्चा में है। यहां पर इस कार्य में एक मुसलमान परिवार के घर नौकरी करने वाली महिला केवलापत्ती खुद धर्मांतरण कर हलीमा बन गई और अपने साथ अपने पुत्र और बेटियों को मुस्लिम धर्म ग्रहण कराके बेटी की सादी एक मुस्लिम लड़के से निकाह तक करा दिया है। बताया जाता है कि इसके पीछे विदेशी फंडिंग की कहांनी है। हलांकि मामला शोसल मीडिया पर वायरल होने के बाद शाहगंज की पुलिस जांच कर रही है। धर्मांतरण करने वाले घर से फरार हो गये है।


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