सहमति को इनकारते हुए चीन आज भी एल ए सी पर निर्माण कार्यों में तेजी से जुटा है



अंशुमान सिंह
नई दिल्ली: सरकार चाहे जितने दावे करे लेकिन पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तैनात चीनी सेना भारत के साथ दोहरा खेल खेल रही है। एक ओर चीन सैन्य कमांडरों की बातचीत में एलएसी पर तनाव कम करने और अपने जवानों को पीछे हटाने पर सहमति जताता है तो दूसरी ओर उसकी सेना एलएसी के निकट अपने निर्माण कार्यों को तेज करने में जुटी हुई है। उपग्रह की तस्वीरों से चीन की साजिश का खुलासा हुआ है। इन तस्वीरों से साफ है कि सैन्य कमांडरों की बातचीत में बनी सहमति के बावजूद चीन की सेना एलएसी पर निर्माण कार्यों को पूरा करना तेजी से जुटी हुई है।

दरअसल चीन ऐसा देश है जिसकी बातों पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं किया जा सकता। वह कहता कुछ है और करता कुछ और है। सैटेलाइट कंपनी मैक्सर टेक्नोलॉजीज की ओर से जारी इन तस्वीरों से पता चलता है कि चीन की सेना गलवान घाटी के निकट उस इलाके में भी तेजी से निर्माण कार्यों में जुटी हुई है जिन पर भारत का दावा है। 22 मई के बाद की तस्वीरों से साफ है कि इन इलाकों में तेजी से निर्माण किए गए हैं। दोनों देशों के सैन्य कमांडरों की 6 जून को हुई बातचीत में दोनों पक्षों के बीच पूर्व की स्थिति बहाल करने पर सहमति बनी थी मगर इसके बावजूद चीन की सेना ने निर्माण के कामों को जारी रखा है। इस बैठक के बाद 15 जून को चीन भारतीय सैनिकों के साथ हिंसक झड़प भी कर चुका है।


मैक्सर टेक्नोलॉजीज की ओर से जारी तस्वीरों से पता चलता है की चीनी सेना की ओर से 22 मई को इन निर्माण कार्यों को शुरू किया गया। 15 जून को दोनों पक्षों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद हुई बातचीत में भी कई बिंदुओं पर सहमति बनी थी मगर हाल की तस्वीरों से भी साफ है कि चीन अभी भी निर्माण कार्य में जुटा हुआ है। इन तस्वीरों से साफ हुआ है कि चीन द्वारा इस इलाके में बड़े पैमाने पर निर्माण किए गए हैं। इन तस्वीरों से साफ होता है कि चीन की ओर से कई निर्माण कार्य 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद किए गए हैं।

मैक्सर टेक्नोलॉजीज के वाइस प्रेसीडेंट स्टीव वुड का कहना है कि चीन के सैन्य बेस के पास से निकलने वाली एक सड़क के आखिर में एक आउटपोस्ट का निर्माण हाल ही में किया गया है। सैन्य सूत्रों ने भी इस बात की पुष्टि की है। सूत्रों ने आशंका जताई है कि चीन ने अभी भी इन गतिविधियों को जारी रखा है और वह लगातार भारत के लिए नए खतरा पैदा कर रहा है।


सैन्य जानकारों का कहना है कि चीन की चाल को समझना काफी मुश्किल काम है। अभी हाल में उसने कुछ स्थानों से अपने वाहन और निर्माण कार्य करने वाले उपकरण तो हटाए हैं मगर हो सकता है कि इन उपकरणों को किसी दूसरे स्थान पर निर्माण कार्यो को पूरा करने के लिए भेजा गया हो। चीन की ओर से निर्माण कार्यों को उन इलाकों में भी किया जा रहा है जिन पर भारत का दावा रहा है। इसके साथ ही चीन अपने इलाके में निर्माण कार्यों को पूरा करने में जुटा हुआ है।

दोनों देशों के बीच पूर्व में हुए समझौतों के तहत एलएसी के निकट स्थायी निर्माण और ज्यादा सैनिकों की तैनाती की मनाही है मगर चीन की ओर से लगातार समझौतों का उल्लंघन किया जा रहा है। यही कारण है कि भारतीय सेना भी एलएसी पर काफी सतर्क है और चीन की हर गतिविधियों पर पैनी निगाह रखी जा रही है।

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