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Showing posts from August 18, 2020

सरकार ने अब इस कम्पनी में ताला लगाने का लिया निर्णय, बड़ी संख्या में लोग होंगे बेरोजगार

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केंद्र की मोदी सरकार सरकारी कंपनी स्कूटर्स इंडिया को बंद करने जा रही है। स्कूटर्स इंडिया 70 से 90 के दशक में स्कूटर लैंब्रेटा का भारत में निर्माण करती थी। स्कूटर लैंब्रेटा उस समय लोगों के दिलों पर राज करता था। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पहले सरकार की इस कंपनी की पूरी हिस्सेदारी बेचने की योजना थी, हालांकि कोई कंपनी स्कूटर्स इंडिया को खरीदने के लिए आगे नहीं आई। इसीलिए अब सरकार इसे बंद करने की तैयारी कर रही है। गौरतलब है कि स्कूटर्स इंडिया में सरकार का 93.87 प्रतिशत हिस्सा है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर कंपनी के शेयर में 5 प्रतिशत का ऊपरी सर्किट (जब शेयर को खरीदने वाले ही होते है और बेचने वाला नहीं होता है) लग गया है। भारी उद्योग मंत्रालय ने स्कूटर्स इंडिया को बंद करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इसकी सारी जमीन बेच दी जाएगी। साथ ही इस कंपनी की जमीन उत्तर प्रदेश सरकार को वापस दे दी जाएगी। मशीन और प्लांट भी बेच दीजिए जाएंगे। मंत्रालय प्रस्ताव को कैबिनेट के पास भेजेगा। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इस पर आगे का काम

सवाल: क्या पुलिस द्वारा सम्पत्ति जप्ती करण से सचमुच अपराधी है भय भीत

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जौनपुर।  जनपद की पुलिस द्वारा विगत लगभग एक माह से अपराधियों के सम्पत्तियों के जप्ती करण का अभियान धारा 14(1) के तहत जिलाधिकारी के आदेश पर चलाया जा रहा है। यहां पर जिला प्रशासन एवं पुलिस विभाग की कार्रवाई पर एक बड़ा सवाल खड़ा होता है कि क्या सचमुच इस कार्यवाही से अपराध मे कोई कमी आ रही है। अब तक 16 करोड़ रुपए की सम्पत्तियोंको इस अभियान के तहत जप्त किया गया है । पुलिस अधीक्षक द्वारा जारी किये गये वीडियो में गैगेस्टर और सम्पत्तियों के जप्ती करण की कार्रवाई के बाबत जिन अपराधियों जैसे शराब माफिया,  मछली माफिया, गो तश्कर, चोर आदि अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही करने की बात कही गयी है सचमुच क्या यही समाज में अपराध कारित करते हैं। असली अपराधी तो लुटेरे अथवा सुपारी किलर, सहित समाज के बीच सरेआम गुन्डई करने वाले हैं ऐसे कितने अपराधियों के खिलाफ गैगेस्टर अथवा सम्पत्तियों की कुर्की करते हुए जप्ती करण की कार्रवाई किया गया है यह एक बड़ा सवाल विभाग के शीर्ष अधिकारीयों से है।  यहाँ पर पुलिस विभाग को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि शराब माफिया कहाँ लूट करता है, मछली माफिया कहाँ डकैती डालता है अथवा क

मौलिक कर्तव्यों का पालन प्रत्येक नागरिक का है अधिकार - प्रदीप्ति सिंह

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  जौनपुर । उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एम0पी0 सिंह, के अनुमति से विधवा महिलाओं, विभिन्न अक्षमताओं से ग्रस्त व्यक्तिओं, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ विषय पर सभागार तहसील सदर, जौनपुर में विधिक साक्षरता/जागरूकता शिविर का अयोजन किया गया। इस अवसर पर सचिव प्रदीप्ति सिंह द्वारा उपस्थित समस्त नागरिकों को भारतीय संविधान की प्रस्तावना, मौलिक कर्तव्यों तथा बालिकाओं/महिलाओं से सम्बन्धित कर्तब्यों की शपथ दिलाई गई। भारतीय संविधान में वर्णित नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों एवं अधिकारों के सम्बन्ध में बताते हुए कहा कि मौलिक कर्तव्यों का पालन प्रत्येक नागरिक का अधिकार है इस अधिनियम के अधीन सजा एवं जुर्माना दोनों का प्रावधान है। उनके द्वारा बताया गया कि विधवा महिलाओं के प्रति विषमता नहीं बल्कि लोगों को समानता की भावना रखनी चाहिए। उनके द्वारा बालिकाओं की शिक्षा प्रक्रिया जल्दी शुरू करने एवं अधिक से अधिक बालिकाओं को स्कूल भेजने की आवश्यकता पर जोर दिया  इस अवसर पर नायब तहसीलदार अजीत कुमार जायसवाल द्वारा संविधान में उल्लेखित समता, प्रत्य

अभिताभ बने ब्राह्मण समाज जौनपुर के अध्यक्ष

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 जौनपुर। ब्राह्मण समाज जौनपुर को गतिशील एवं संगठित बनाने के लिए संगठन के प्रदेश महासचिव प्रदीप पाण्डेय की अध्यक्षता में जिला प्रभारी अमित पाण्डेय द्वारा आयोजित की गयी जिसमें जिला प्रवक्ता आशीष पाण्डेय के प्रस्ताव पर अमिताभ मिश्रा को संगठन का जिलाध्यक्ष बनाया गया है।  इस अवसर पर श्री अमिताभ को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। नव नियुक्त अध्यक्ष ने कहा आज ब्राह्मण समाज का जो दायित्व हमे दिया जा रहा है हम इस पर पूरी तरह से खरा उतरने का प्रयास करूंगा। ब्राह्मण समाज के हितों के लिए हर स्तर पर जितने संघर्षों की जरूरत होगी करता रहूँगा।  बैठक में राहुल पाठक, सुबाष मिश्रा, अतुल पाण्डेय, अवधेश तिवारी, राकेश पाण्डेय, विजय चतुर्वेदी, संतोष आदि उपस्थित रहे। 

गुल से बुलबुल का झगड़ा कराते दुनियां को अलविदा कह दिये शायर आकिल जौनपुरी

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  जौनपुर। साहित्य पुरोधा, सद्भाव के प्रतीक,समाज सेवी और पत्रकार शहपर उर्दू अखबार के संस्थापक एवं जवाँ दोस्त अखबार के सम्पादक , हर दिल अज़ीज़ मशहूर शायर आकिल जौनपुरी अब हमारे बीच नहीं रहे बीती रात को  उनका निधन हो गया है । उनकी उम्र लगभग ६५ वर्ष थी। निधन का समाचार  आते ही पूरे साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई। l आकिल जौनपुरी की हिंदी उर्दू दोनो ही भाषाओं में बेहतरीन पकड़ थी। ये अंतर्रष्ट्रीय स्तर के शायर स्वर्गीय कामिल शफीकी  के पुत्र एवं  सक्षम उत्तराधिकारी थे। साहित्यिक सृजन के अतिरिक्त संचालन में भी उन्हें महारत हासिल  थी। कोशिश संस्था द्वारा उन्हें आजीवन उपलब्धि सम्मान से सम्मानित भी किया गया था। उर्दू की रचनाओं की प्रस्तुति हेतु पूरे देश में इनको आमंत्रित किया जाता रहा है। अकील जौनपुरी उर्दू के काव्य वाचन से देश की ज्वलंत समस्याओं पर चर्चा रहे हैं।  अकील जौनपुरी के निधन पर कोशिश साहित्यिक संस्था ने शोक सभा किया और उनके  असामयिक निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया  है। शोक सभा की अध्यक्षता  प्रो. आर. एन. सिंह ने किया। इस मौके पर  प्रो अनूप वशिष्ठ, डॉ. पी. सी विश्व

धर्म ग्रन्थ में भाद्रमास का जाने कैसे है अधिक महत्व, विधि पूर्वक पूजन से होगी संतान की प्राप्ति

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   कपिल देव मौर्य/ राम श्रृंगार शुक्ला उर्फ गदेला सावन मास को समाप्त हुए 15 दिन हो गए है अभी भाद्रमास का कृष्णपक्ष चल रहा है। धर्म ग्रंथों में भाद्रमास का बहुत महत्व है। शास्त्रों में इसे कल्याणकारी है। कहते है कि नियमों का पालन कर इस मास में गलतियों का प्रायश्चित भी कर सकते हैं। भाद्र, भद्र से बना है जिसका अर्थ है अच्छा व सभ्य। जो भी नियम से इस माह स्नान ,दान व व्रत करता है, उस पर ईश्वर की कृपा बनी रहती है। शरीर व मन की शुद्धि के लिए इस मास पीले व केसरिया वस्त्रों को धारण करना चाहिए। इस माह हल षष्ठी, कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश उत्सव, हरितालिका तीज व अनंत चतुर्थी का व्रत पड़ने वाला है।   इस महीने में दही न खाएं, लेकिन दही से पूरे मास भगवान कृष्ण को पंचामृत से स्नान कराने से मनोकामना पूरी होती हैं। जिनलोगों को संतान सुख नहीं है , उन लोगों को इस माह या तो कृष्ण का जन्म कराना चाहिए या कृष्ण जी के जन्मोत्सव में शामिल होना चाहिए। इस महीने आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए श्रीमदभगवदगीता का पाठ शुभ परिणाम देता है। इस महीने में लड्डू गोपाल और शंख की स्थापना

ब्राह्मण हत्याओं के मामले में विपक्ष के साथ अब सरकार के विधायक ने मुद्दे को गरमाया, सदन में होगी चर्चा

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में ब्राम्हण उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं को लेकर विपक्ष के निशाने पर आ चुकी योगी सरकार के विधायक भी अब मुखर होने लगे हैं। पार्टी के एक विधायक ने यह मामला अब विधानसभा में उठाने का फैसला किया है। पार्टी विधायक देवमणि दुबे ने अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए सवाल किया है कि पिछले साढे तीन साल में अब तक कितने ब्राम्हणों की हत्याएं हुई हैं और सरकार की इसे रोकने के लिए रणनीति क्या है। सत्ताधरी दल के विधायक के इस सवाल से प्रदेश की राजनीति में तूफान खड़ा हो गया है। देवमणि दुबे वही विधायक हैं जो हाल ही में अलीगढ़ में विधायक राजकुमार सैनी और पुलिस के बीच हुए विवाद के बाद घटनास्थल पर पहुंचे थें। सुल्तानपुर की लम्भुआ विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक बने देवमणि दुबे काफी धार्मिक और संस्कारशील विधायक कहे जाते हैं। उन्होंने इस मामले को विधानसभा में उठाए जाने की सूचना आज संसदीय अनुभाग में दे दी। इसके बाद यह पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो गया है। सूचना में सवाल किया गया है कि योगी सरकार के पिछले तीन साल के कार्यकाल में कितने ब्राम्हणों की हत्याएं हुई और कितन