लॉक डाउन : शिक्षा का माध्यम बनाऑनलाइन शिक्षा, इसके बड़े दुष्प्रभाव की संभावना भी है
कोरोना वायरस(कोविड-19) के ख़ोफ़नाक दौर में जो, ऑनलाइन शिक्षा देने पर सरकार एवं विभाग के द्वारा बल दिया गया और उसे इस महामारी के काले दौर से धीरे धीरे गुजरने के बाद भी जारी रखने की संभवतया जो मंशा दिख रही है, इस पर समग्रता से विचार की दरकार है.... सरकार एवं विभाग से मेरा प्रश्न यह है कि ग्रीष्मावकाश में भी ऑनलाइन शिक्षा से ,क्या बच्चे खेलों एवं अन्य विविध प्रकार के अपने ब्यक्तित्व निर्माण, विकास के सहगामी कार्य कलापों से दूर नही हो जाएंगे,जिसके लिए वे इस अवकाश पर अपनी टकटकी लगाए रहते हैं? मेरा मानना है कि 'कोरोना वायरस, के कारण हुए लॉक डाउन से, शिक्षा प्रभावित न हो, उसके लिए ऑनलाइन शिक्षा का 'वैकल्पिक सहारा, तो बेहद उचित था लेकिन इसे ग्रीष्मावकाश एवं आगे भी जारी रखना कहीं से भी उचित नही है क्योंकि इससे, छात्र छात्राएं खेलों एवं उन बिभिन्न प्रकार के प्रतियोगिताओं से दूर हो जाएंगे जो शिक्षा संस्थानों के जरिये ही प्राप्त होता रहा है। दुःख तब बहुत होता है ,जब ऑनलाइ...