प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना से आत्मनिर्भर बनेंगे मत्स्य पालक
भारत सरकार द्वारा मत्स्य उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाये जाने हेतु ‘‘ब्लू रिवोल्यूशन: इन्टीग्रेटेड डेवलपमेन्ट एण्ड मैनेजमेंट आफ फिशरीज’’ योजना के स्थान पर अब एक नई केन्द्रीय योजना ‘‘प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना’’ को लागू किया गया है। जिसमें केन्द्र पुरोनिधानित योजनाएं तथा केन्द्र पोषित योजनाएं समाहित हैं। यह योजना 05 वर्ष तक अर्थात प्रदेश में वर्ष 2020 से वर्ष 2025 तक क्रियान्वित की जायेगी। ‘‘प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना’’ को प्रदेश में लागू किये जाने व उसके क्रियान्वयन हेतु दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है। इस योजना का उद्देश्य मात्स्यिकी क्षमता सतत, उत्तरदायी, समावेशी और सामयिक तरीके से विदोहन करना, मात्स्यिकी उत्पादन में विस्तारीकरण, सघनतापूर्वक एवं विविधीकरण के माध्यम से वृद्धि करना एवं भूमि व जल का उपजाऊ उपयोग करना, मूल्य वर्धित श्रृंखला का आधुनिकीकरण, सुदृढ़ीकरण एवं मत्स्य निकासी के बाद के प्रबन्धन व गुणवत्ता में सुधार, मछुआरों व मत्स्य पालकों की आय को दोगुनी करना व रोजगार सृजन, कृषि के सकल मूल्य वर्धित एवं निर्यात में मात्स्यिकी गतिविधिय...