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Showing posts from August 3, 2022

सीएम योगी ने यूपी में हिन्दू युवा वाहिनी की प्रदेश से जिला तक सभी कमेटियां किया भंग, जानें कारण

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उत्तर प्रदेश में हिंदू युवा वाहिनी की प्रदेश, जिला और महानगर की सभी इकाइयां भंग कर दी गई हैं। इसके संरक्षक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही हैं। इस संगठन से मिलते-जुलते नाम वाले कई संगठन बन गए। ऐसे में तमाम तरह के गलत काम किए जाने की शिकायत सीएम को मिलने लगी थी। यह फैसला संगठन के पदाधिकारियों की बैठक में तय किया गया है। इस संगठन के संरक्षक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं, इसके प्रदेश महामंत्री डॉ पीके मल्ल और प्रदेश अध्यक्ष राकेश राय थे। हिंदू युवा वाहिनी की शुरुआत करीब 20 साल पहले हुई थी। सीएम योगी के हिंदू युवा वाहिनी संगठन बनाने के बाद ही लोग इन्हें राजनीति का माहिर खिलाड़ी मानने लगे थे। हिंदू युवा वाहिनी हिंदू समाज की एकता के लिए काम करता है। इसका काम समाज से छुआ-छूत और ऊंच नीच का भेद मिटाना है।

शासन का पूरा जोर गोवंश संरक्षण पर,नोडल अधिकारी को गो आश्रय स्थल के निरीक्षण मे मिला आल इज ओक

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जौनपुर। शासन द्वारा नामित विभागीय नोडल अधिकारी/निदेशक पशुपालन विभाग उत्तर प्रदेश लखनऊ डॉक्टर इंद्रमणि के द्वारा गो-आश्रय स्थल, शाहपुर विकासखंड बदलापुर, सादनपुर विकासखंड बक्सा एवं गो-आश्रय स्थल कृषि भवन का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि गो-आश्रय स्थलों में भूसा भंडारण की क्षमता है और मौके पर पर्याप्त भूसा पाया भी गया। कहीं भी जलजमाव की स्थिति नहीं पाई गई। उन्होंने मुख्यमंत्री  सहभागिता योजना के तहत दिए गए गोवंशो का सत्यापन भी किया। इस तरह उन्हे सब कुछ आल इज ओक नजर आया जो सच से कोसो दूर है। लाभार्थियों के द्वारा बताया गया कि धनराशि प्राप्त हो रही है। नोडल अधिकारी द्वारा जनपद में समस्त उप मुख्य पशुचिकित्साधिकारी/मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि प्रत्येक दिन गोआश्रय का भ्रमणकर अनुश्रवण एवं मूल्यांकन की समीक्षा से अवगत कराते रहे। यदि किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न होती है तो तत्काल उच्चधिकारियों को अवगत कराये। इसके उपरान्त नोडल अधिकारी द्वारा विकास भवन के सभागार में जिला पंचायत राज अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, समस्त उप मुख

पीयू परिसर के पाठ्यक्रम की प्रवेश परीक्षा 5 और 6 अगस्त को

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जौनपुर । वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर परिसर में चलने वाले पाठ्यक्रम की प्रवेश परीक्षा 5 और 6 अगस्त को होगी। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि परीक्षा पूरी सुचिता के साथ कराई जाए। बाहर से आने वाले विद्यार्थियों को किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं हो। कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन कड़ाई से कराया जाए। प्रवेश पत्र के लिए विश्वविद्यालय की वेबसाइट पोर्टल 2 अगस्त से खोल दिया गया है। प्रवेश से संबंधित सभी सूचनाएं वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई। पीयू कैट के समन्वयक प्रोफेसर रजनीश भास्कर ने बताया कि सभी परीक्षाएं विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संस्थान में होगी। परीक्षाएं प्रातः 9:00 बजे से शुरू होंगी। परीक्षा के दौरान मोबाइल और किसी भी प्रकार की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की छूट नहीं दी जाएगी।

डीएम मनीष कुमार वर्मा द्वारा नौ माह के सत्यम को विटामिन-ए की खुराक पिलाकर अभियान की किया शुरूआत

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जौनपुर। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने बुधवार को जिला महिला अस्पताल में विकास मौर्य के नौ माह के बेटे सत्यम मौर्य को विटामिन-ए की खुराक पिलाकर ‘बाल स्वास्थ्य पोषण माह’ की शुरुआत की है। इसके अलावा सतीश गुप्ता की डेढ़ वर्ष की बेटी ममता सहित कई अन्य बच्चों को भी खुराक पिलाई गई।  जिलाधिकारी के साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ लक्ष्मी सिंह, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (डीआईओ) डॉ नरेन्द्र सिंह, जिला महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ तबस्सुम बानो ने भी नौ माह से पाँच वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई।  सीएमओ डॉ लक्ष्मी सिंह ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार 'विटामिन ए संपूरण’ कार्यक्रम के तहत बाल स्वास्थ्य पोषण माह साल में दो बार चलाया जाता है। अभियान का पहला चरण अगस्त में चलाया जा रहा है। इसमें नौ माह से पाँच साल तक के बच्चों को कई तरह की बीमारियों से बचाने के लिए इस अभियान के तहत विटामिन –ए व आयरन सीरप से लाभान्वित किया जाएगा। अभियान के सफलतापूर्वक संचालन के लिए स्वास्थ्य व आईसीडीएस विभाग के कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका ह

डीएम जौनपुर ने मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण कर निर्माण कार्य जल्दी पूरा करने का दिया निर्देश

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  जौनपुर। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा द्वारा आज बुधवार को उमानाथ सिंह स्वशासी मेडिकल कालेज की निर्माण कार्यदाई संस्था एवं प्राचार्य शिव कुमार के साथ बैठक कर निर्माण कार्यो के प्रगति की समीक्षा की गयी।हलांकि यह मेडिकल कॉलेज विगत लगभग 06 माह से कागज पर चल रहा है। जो सच से कोसो दूर नजर आ रहा है।  जब भी जिलाधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गया कारदायी संस्था के अधिकारी मजदूरो की संख्या बढ़ाकर जल्दी काम पूरा करने का निर्देश दिया गया लेकिन काम आज तक पूरा नहीं हो सका है। आज बुधवार की बैठक में भी निर्माण निगम के आर.ई. आर.के सिंह के द्वारा बताया गया कि 265 मजदूर कार्य कर रहे है जिस पर जिलाधिकारी ने और अधिक मजदूर बढ़ाये जाने के निर्देश दिए। आर.ई. ने बताया  कि 15 सितंबर 2022 तक शैक्षणिक भवन के चतुर्थ तल की स्लैब ढल जाएगी। बैठक के बाद आर. ई. के दावे से यह भी स्पष्ट हो गया है कि मेडिकल कॉलेज के शैक्षणिक भवन अपूर्ण है लेकिन कागज पर क्लास चलाये जा रहे है। जिलाधिकारी ने तृतीय तल पर अवशेष फॉल सीलिंग कार्य एवं बायो केमिस्ट्री लैब को जल्द से जल्द पूर्ण करा लेने के निर्देश दिए। उन्होंने 

सांसद वरूण गांधी आखिर अपनी सरकार को लगातार कटघरे में क्यो खड़ा कर रहे है। सांसदो की सुविधायें खत्म करने की उठाई मांग

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सांसद वरुण गांधी विगत काफी समय से अपनी ही सरकार पर हमलावर है। उनके किसी भी बयान को भाजपा सरकार गम्भीरता से लेने से परहेज कर रही है। आज बुधवार को ट्विटर के जरिए फिर हमलावर होते हुए लिखा कि श्री सुशील मोदी ने सदन (संसद) में ‘मुफ्तखोरी की संस्कृति’ खत्म करने पर चर्चा का प्रस्ताव रखा है। पर जनता को मिलने वाली राहत पर अंगुली उठाने से पहले हमें अपने गिरेबां में जरूर झांक लेना चाहिए। क्यों न चर्चा की शुरूआत सांसदों को मिलने वाली पेंशन समेत अन्य सभी सुविधाएं खत्म करने से हो? सांसद इस मुद्दे को काफी समय से उठाते रहे हैं। जब से वह सांसद बने, उन्होंने स्वयं वेतन व अन्य सुविधाएं नहीं लीं। साथ ही अन्य सांसदों से भी वह ऐसा अनुरोध सांसद बनने के बाद से लगातार करते रहे हैं। सांसद ने एक अन्य ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने घरेलू गैस की बढ़ती कीमतों पर चिंता जताई। सांसद ने ट्विटर पर लिखा कि पिछले पांच सालों में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के 4.13 करोड़ लोग एलपीजी की सिंगल रीफिलिंग का खर्च नहीं उठा सके, जबकि 7.67 करोड़ लोगों ने इसे केवल एक बार रीफिल कराया। सांसद ने लिखा

यूपी इन 29 जिलो के सीएमओ और सीएमएस पर कार्यवाई की तैयारी, निर्देशालय से पत्र जारी

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लखनऊ। प्रांतीय चिकित्सा सेवा (PMS) संवर्ग के डाक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों के तबादले के लिए गलत सूचना देने वाले 29 मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (CMO) व मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों (CMS) के खिलाफ कार्रवाई होगी। इसमें 21 सीएमओ और आठ अस्पतालों के निदेशक व सीएमएस शामिल हैं। इन अधिकारियों पर आरोप है कि स्वास्थ्य महानिदेशालय स्तर से सिर्फ लेवल वन के डाक्टरों के बारे में ही सूचना मांगी गई थी। इन्होंने लेवल टू व उससे ऊपर के डाक्टरों के नाम भी लेवल वन के डाक्टरों के रूप में भेज दिए। यही नहीं आयुष व दंत चिकित्सकों के नाम भी सूची में भेज दिए गए। किरकिरी होने के बाद अब तक 48 डाक्टरों के तबादले रद किए जा चुके हैं। निदेशक (प्रशासन) डा. राजा गणपति आर की ओर से इन सभी को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा गया। नोटिस का जवाब संतोषजनक न होने पर अब इन 29 सीएमओ व सीएमएस पर कार्रवाई के लिए पत्र शासन को भेज दिया गया है। यह सभी अधिकारी अपने लिपिक को इस प्रकरण में दोषी बना रहे थे लेकिन निदेशक (प्रशासन) ने इनके तर्कों को सही नहीं माना। अब जिन पर कार्रवाई होगी उनमें सीताप