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Showing posts from March 13, 2022

स्कूल वाहन मैजिक और पिकप की टक्कर में बच्चो सहित एक दर्जन जख्मी,घटना से अफरा-तफरी

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जौनपुर। थाना जलालपुर क्षेत्र स्थित रेहटी गांव के पास नेशनल हाइवे पर आज रविवार की सुबह करीब दस बजे स्कूल के बच्चों को लेकर गलत लेन से विद्यालय जा रही मैजिक व पिकअप की आमने-सामने टक्कर हो गयी। इसमें दोनों वाहन चालकों समेत तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। स्कूल वाहन मैजिक में सवार बच्चों में सात बच्चों को भी चोटें आयी है। बच्चों की सीख-पुकार सुन अफरातफरी मच गयी। चंद्रभान इंटरनेशनल एकेडमी त्रिलोचन महादेव के प्रबंधन के मुताबिक छात्रों का कोर्स पूरा न होने के कारण रविवार को कुछ बच्चों को बुलाया गया था। बच्चों को लेकर स्कूल के मैजिक वाहन का चालक गलत लेन से विद्यालय जा रहा था। रेहटी गांव के पास वाराणसी से गैस चूल्हा लादकर मदियाहू जा रही पिकअप वाहन की आमने-सामने जोरदार टक्कर हो गई। जिसमें स्कूल वाहन चालक 46 वर्षीय संजय चौबे व उसमे सवार 45 वर्षीय दिनेश कुमार सिंह निवासी परियावां जौनपुर तथा पिकअप चालक 22 वर्षीय भोनू निवासी सलारपुर वाराणसी गंभीर रूप से घायल हो गए। वही स्कूल वाहन में सवार सात बच्चों को मामूली चोटे आई है। सभी घायलों को एंबुलेंस से सीएचसी रेहटी भेजा गया। जहां से प्राथमिक

नव निर्वाचित 403 विधायको में 51 प्रतिशत अपराधिक छबि के है जानें किस दल की क्या स्थिति है

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा हो चुकी है। प्रचंड बहुमत हासिल करने के बाद भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में लगातार दूसरी बार सरकार बनाने की तैयारी कर रही है। वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। कांग्रेस पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का तो सुपड़ा ही साफ़ हो गया। इस बीच एडीआर (एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में विजेता उम्मीदवारों को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है।  इस रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में सभी 403 विजेता उम्मीदवारों के शपथपत्रों का विशलेषण किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार 403 में से 205 विजेता यानी 51 प्रतिशत उम्मीदवारों के ऊपर आपराधिक मामले  दर्ज हैं। वहीं 2017 में 402 में से 143 यानी 36 प्रतिशत विधायकों के ऊपर आपराधिक मामले दर्ज थे। अगर गंभीर आपराधिक मामलों की बात की जाए, जैसे हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण तो 2022 में 158 यानी 39 प्रतिशत विजेता उम्मीदवारों के ऊपर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। जबकि साल 2017 में 402 में से 107 यानी 26 प्रतिशत विधायकों के ऊपर गंभीर मामले दर्ज थे।

हम भारत के लोग ही सत्ता के मालिक है - गिरीश पाण्डेय

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जौनपुर। भारत के लोगो में आज भी अपने संविधान के प्रति जागरूकता का अभाव है। जनता द्वारा चुने गये जनप्रतिनिधियों के राजतिलक की बातें किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उक्त उद्गार वरिष्ठ साहित्यकार एवं पूर्व आयकर आयुक्त गिरीश पाण्डेय ने रूप सेवा संस्थान द्वारा राजकालोनी हुसेनाबाद में आयोजित एक संगोष्ठी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि देश की मालिक जनता है। लोकतंत्र, लोक से उभरा हुआ तंत्र है। जनता द्वारा चुने गये प्रतिनिधियों द्वारा चलायी जाने वाली व्यवस्था सरकार है। श्री पाण्डेय ने कहा कि जनता अपने विवेक से कुछ नहीं देखती, महज भीड़ का हिस्सा बन जाती है। इसीलिए हमारा लोकतंत्र भीड़तंत्र के रूप में बदल जाता है। हम भारत के लोग ही सत्ता के मालिक है और अपना सेवक स्वयं चुनते है और हम रहजन रह जाते है। चुनाव जीतने के उपरान्त जनसेवक अपने कर्तव्यों के पालन हेतु शपथ ग्रहण करते है परन्तु राजशाही की मानसिकता से ग्रसित हम इस कार्यक्रम को राजतिलक कहते है। समाचार माध्यम भी इस तरह के भ्रामक शब्दों के प्रयोग से समाज को यथार्थ से वंचित वितरित करने का कार्य करते है। कार्यक्रम में जागो! गणराज्य जागो पुस्तक उक्

भाजपा काडर वाले नेताओ को लेकर लिया यह निर्णय, जानें किसे लड़ायेगी चुनाव

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भाजपा विधान परिषद चुनाव की स्थानीय निकाय क्षेत्र सदस्य चुनाव में अपने काडर को मौका देगी। वहीं, करीब दस सीटों पर सपा सहित अन्य दलों से आए नेताओं को उतारने की तैयारी है। पार्टी होली के बाद परिषद चुनाव के लिए उम्मीदवारों की सूची घोषित करेगी। विधान परिषद में स्थानीय निकाय क्षेत्र की 36 सीटों पर चुनाव के लिए 15 से 22 मार्च तक नामांकन दाखिल किए जाएंगे। 9 अप्रैल को मतदान होगा। 2016 में हुए चुनाव में 36 में से 33 सीटों पर सपा के उम्मीदवार जीते थे और तीन निर्दलियों के खाते में गए थे। भाजपा ने इस बार करीब छह महीने पहले से परिषद चुनाव की तैयारी शुरू कर दी थी। सपा के सात सदस्यों को भाजपा में शामिल कराया गया है। पार्टी ने विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद ही परिषद चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा और महामंत्री संगठन सुनील बंसल के बीच एक दौर की बैठक हो गई है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने करीब 20 से अधिक सीटों पर ऐसे कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़ाने की तैयारी की है जिन्हें विधानस

किसान सम्मान निधि के लिए ई-केवाईसी जरूरी

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जौनपुर। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत अगली किस्त का इंतजार कर रहे लाखों किसानों के लिए बड़ी खबर है, इस योजना के तहत सरकार ने अभी तक 10 किस्त के पैसे किसानों के खाते में भेज दिए हैं, अगली किस्त पाने के लिए योजना के लाभार्थियों को ईकेवाईसी कराना अनिवार्य कर दिया गया है ई-केवाईसी कृषक स्वयं अपने मोबाइल फोन से योजना की वेबसाइट  pmkisaan.gov.in  पर जाकर कर सकते हैं। ब्लॉक स्तर पर राजकीय कृषि बीज भंडार पर किसान अपना आधार और मोबाइल नंबर फीड करा सकते हैं, इसके अलावा लाभार्थी कृषक ऑनलाइन केंद्रों, जन सुविधा केंद्रों के माध्यम से भी ई-केवाईसी करा सकते हैं। 31 मार्च तक ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी न कराने वाले किसानों की अगली किस्त रुक जाएगी। अपर जिला कृषि अधिकारी  रमेश चंद्र यादव ने बताया कि इसके लिए निम्न प्रक्रिया अपनानी होगी। ई-केवाईसी के लिए सबसे पहले आपको योजना की वेबसाइट पर जाना होगा, दाहिनी तरफ ऊपर ई-केवाईसी लिखा मिलेगा उस पर क्लिक करें।  यहां पर आप अपना आधार नंबर और इमेज कोड डालकर सर्च बटन पर क्लिक करें, इसके बाद आधार से लिंक मोबाइल नंबर डालें इसके बाद मोबाइ

पति के खिलाफ झूठी शिकायत करना क्रूरता की श्रेणी में आता है- हाईकोर्ट

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उच्च न्यायालय ने एक हिंदू दंपती के विवाह को यह कहते हुए भंग कर दिया कि पत्नी ने पति के खिलाफ झूठी शिकायत की थी। इस वजह से पति की अत्यधिक मानसिक प्रताड़ना हुई। न्यायमूर्ति विपिन सांघी की एक पीठ ने कहा कि मौजूदा मामले में झूठे आरोप पति का और उसके परिवार के सदस्यों का स्पष्ट रूप से किया गया चरित्र हनन है। पीठ के सदस्यों में न्यायमूर्ति जसमीत सिंह भी शामिल हैं। पीठ ने एक परिवार अदालत के उस आदेश को निरस्त कर दिया, जिसमें दंपती को तलाक देने से इनकार कर दिया गया था। पीठ ने कहा कि परिवार अदालत ने इस बात को नजरअंदाज किया कि पुलिस थाने जाने से पति की मानसिक प्रताड़ना हुई, जो नहीं जानता था कि उसके खिलाफ कब एक मामला दर्ज किया गया और वह गिरफ्तार हो जाएगा। पीड़ित व्यक्ति ने अधिवक्ता सुमित वर्मा के मार्फत परिवार अदालत के आदेश के खिलाफ एक अपील दायर की थी। दरअसल, उसकी पत्नी ने महिलाओं के खिलाफ अपराध (सीएडब्ल्यू) संबंधी प्रकोष्ठ के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी।  अदालत ने इस बात का जिक्र किया कि ससुराल का घर छोड़ने के करीब दो साल बाद और विवाह के तीन साल बाद पत्नी ने प्रकोष्ठ में एक