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यूपी बोर्ड ने 2025 की परिक्षा के लिए शुरू कर दिया केन्द्र निर्धारण की प्रक्रिया, जानिए कब तक देना होगा आवेदन

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यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रधानाचार्यों से परीक्षा केंद्र निर्धारण के लिए 25 सितंबर तक आवेदन मांगे गए हैं। उसके बाद इसकी अन्य प्रक्रिया होगी। केंद्र निर्धारण का काम 28 नवंबर तक पूरा करना होगा। यूपी बोर्ड की परीक्षा फरवरी 2025 में कराई जा सकती है। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा शुचितापूर्ण और नकल विहीन कराना यूपी बोर्ड के लिए चुनाैती है। पिछले वर्ष केंद्र निर्धारण में हर स्तर पर सतर्कता बरती गई थी। इसलिए परीक्षा के दाैरान नकल के मामले कम आए। यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने बताया कि जिन विद्यालयों में केंद्र बनाए जाने हैं, उनके प्रधानाचार्यों से 25 सितंबर तक वेबसाइट https://upmsp.edu.in पर आवेदन मांगा गया है। वह विद्यालय के भाैतिक संसाधन का विवरण वेबसाइट पर अपलोड करेंगे। केंद्र निर्धारण की जांच के लिए जिलाधिकारी की ओर से तहसील स्तरीय समिति बनाई गई है। वह समिति 30 सितंबर विद्यालय का जियो लोकेशन अपलोड करेगी। उसके बाद 15 अक्तूबर तक विद्यालयों का भाैतिक सत्यापन किया जाएगा। सत्यापन की रिपोर्ट वेबसाइट पर 20 अक्तूबर तक अपल

2029 में जानिए क्यों यूपी में होगी मध्यावधि की प्रबल संभावना 2027 में चुनी गई सरकार का कार्यकाल दो साल का क्यों होगा

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देश में वन नेशन वन चुनाव प्रभावी होने पर  उत्तर प्रदेश में वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव के बाद जो भी सरकार बनेगी, उसका कार्यकाल मात्र दो साल का ही होगा। ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ की व्यवस्था लागू होने पर यहां दो साल के भीतर दो बार विधानसभा के चुनाव होंगे। प्रदेश में वर्ष 1991 व 1996 में भी लोकसभा और राज्य विधानसभा के चुनाव एक साथ हुए थे। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना का मत हैं कि रामनाथ कोविंद समिति ने अपनी सिफारिशों में कहा है कि वर्ष 2024 के बाद देश में जिस भी राज्य में विधानसभा चुनाव होंगे, उसका कार्यकाल 2029 में लोकसभा के कार्यकाल के साथ ही समाप्त हो जाएगा। इस तरह से देखें तो यूपी में अगला विधानसभा चुनाव 2027 में होगा। उसके बाद वर्ष 2029 में विधानसभा के मध्यावधि चुनाव कराने होंगे। एक चुनी हुई सरकार अपदस्थ हो जायेगी। जानकार बताते हैं कि कोविंद समिति की सिफारिशों के आधार पर जब इस संबंध में कानून बनेगा, तभी यह पता चल सकेगा कि समिति की किन-किन सिफारिशों को अधिनियम में शामिल किया गया। यह जरूरी नहीं है कि हर सिफारिश कानून का अंग बने ही। राजनीति शास्त्र के प्रो. संजय गुप्ता कहते हैं क

एक आईपीएस सहित 07 डिप्टी एसपी का हुआ तबादला, आयुष बने जौनपुर के सहायक पुलिस अधीक्षक, देखे सूची

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प्रदेश सरकार ने गुरुवार 19 सितम्बर को एक आईपीएस सहित 07 डिप्टी एसपी रैंक के अफसरों के तबादले किए। आईपीएस आयुष श्रीवास्तव को लखनऊ डीजीपी ऑफिस से सहायक पुलिस अधीक्षक जौनपुर बनाया गया है। इसके अलावा डिप्टी एसपी रैंक में शिवम मिश्रा को सुल्तानपुर से लखनऊ, रेखा बाजपेयी को डीजीपी मुख्यालय से प्रशिक्षण निदेशालय लखनऊ, योगेंद्र कृष्ण नारायण को प्रयागराज से हाथरस, गोपाल सिंह को हाथरस से गाजियाबाद, डॉ. बीनू सिंह को बाराबंकी से लखनऊ, सौरभ सिंह को मेरठ से बांदा और सौरभ श्रीवास्तव को नोएडा से बाराबंकी ट्रांसफर किया गया है।

20 और 21 सितम्बर को समसपुर पनियरिया अपने आवास पर जनता से मिलेंगे राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार गिरीश चन्द यादव

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जौनपुर। खेल एवं यूवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) के मिडिया प्रभारी मनीष श्रीवास्तव ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि गुरुवार 19 सितम्बर को खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) गिरीश चन्द्र यादव अयोध्या से चल कर सायंकाल अपने पैतृक निवास समसपुर पनियारिया जौनपुर पहुंचेगे और रात वहीं पर विश्राम करेंगे।  20 और 21 सितम्बर को सुबह से अपराह्न दो बजे तक अपने पैतृक आवास समसपुर पनियारिया पर जनता से मिलेंगे और उनकी समस्याओ का निस्तारण कराने का काम करेंगे।

रक्तदान जीवन का सबसे बड़ा एवं पुनीत दान होता है- सीमा द्विवेदी

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जौनपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर आयोजित होने वाले सेवा पखवाड़ा के तहत जिला अस्पताल में युवा मोर्चा के तत्वावधान में आयोजित रक्तदान शिविर का शुभारंभ राज्य सभा सांसद सीमा द्विवेदी ने किया।  इस अवसर पर सांसद श्रीमती द्विवेदी ने कहा कि भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री के जन्म दिन पखवाड़े पर आयोजित रक्तदान शिविर के लिए युवा मोर्चा के सभी पदाधिकारी बधाई के पात्र है। उन्होंने कहा रक्तदान जीवन का सबसे बड़ा और पुनीत दान होता है क्योंकि रक्तदान से गरीब पीड़ित को जीवन दान मिलता है। श्रीमती द्विवेदी ने कहा कि रक्तदान करने से कोई व्यक्ति कमजोर नहीं होता है ऐसा मेडिकल साइंस में बताया गया है इसलिए इस तरह के सेवा कार्य में युवाओ को बढ़ चढ़कर हिस्सेदारी करनी चाहिए।  इस अवसर पर राज्य सभा सांसद सीमा द्विवेदी सहित जिला चिकित्सा अधिकारी श्रीमती डॉ लक्ष्मी सिंह ,युवा मोर्चा उपाध्यक्ष शशांक सिंह सानू , दिव्यांशु सिंह , विजय कश्यप, चित्रांशू शुक्ला आदि सम्मानित रक्तदाताओं का उत्साहवर्धन किया।

सर्पदंश से बचाव पर आयोजित हुआ सेमिनार, जानिए क्या बताये गए सर्पदंश के लक्षण

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जौनपुर।  राष्ट्रीय सर्पदंश कार्यक्रम के अन्तर्गत अन्तराष्ट्रीय सर्पदंश जागरूकता दिवस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अध्यक्षता में एक सेमिनार आयोजित किया गया। जिसमें समस्त सामु0/प्रा0स्वा0केन्द्र द्वारा एवं कार्यालय के अधिकारी/कर्मचारी द्वारा प्रतिभाग किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा बताया गया कि सॉप की प्रजातियों के बारे में बताया गया कि भारत में पाये जाने वाले 15 प्रतिशत सॉप ही विषैला/जहरीला पाये जाते है जबकी 85 प्रतिशत सॉप विषहीन होते है। सॉप काटने पर शरीर पर दो निशान पाये जाते है दोनों निशान के बीच में लगभग 1 से0मी0 से 2.5 से0मी0 गैप पाया जाता है। जहरीले सॉप के निशान गहरें होते है। जिसकी गहरायी 2 से 7 मि0मी0 मे पायी जा सकती है। जहरीलें सॉप का मुॅह चौड़ा होता है जबकि जो विषहीन सॉप होते है उनका मुॅह चौड़ा नहीं होता बल्कि लम्बा होता है अगर सॉप जहरीला नहीं है तो उसके काटने के छोटे-छोटे कई निशान बने होगें जो ज्यादा गहरें होते है। नोडल अधिकारी/उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 संतोष कुमार जायसवाल द्वारा विस्तार से बताया गया कि वर्ष 2020 से अध्ययन से भारत में लगभग 58 हजार सॉप का

मनोवैज्ञानिक दृष्टि से कौशल विकास अनिवार्य : डॉ माया सिंह

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जौनपुर। मोहम्मद हसन पीजी कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग द्वारा आयोजित मनोवैज्ञानिक कार्यशाला में मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से कौशल विकास के महत्व पर जोर दिया गया। इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि, टीडी कॉलेज की मनोविज्ञान विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ. माया सिंह ने छात्रों द्वारा प्रस्तुत प्रोजेक्ट्स/मॉडल की प्रशंसा की और उन्हें प्रेरित किया।  डॉ. माया सिंह ने कहा, "मनोवैज्ञानिक दृष्टि से शिक्षा का नया आयाम प्राप्त होता है, जो न केवल मानसिक बल्कि शारीरिक सुधार में भी सहायक होता है। छात्रों द्वारा किए गए प्रोजेक्ट्स से उनकी मानसिक कौशल का विकास होता है, जो शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक प्रगति का सूचक है।" कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कॉलेज के प्राचार्य, डॉ. अब्दुल कादिर खान ने कहा, "मनोविज्ञान मानव विकास की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कारक है। यह न केवल शिक्षा बल्कि समाज में भी सुधार और विकास की दिशा में योगदान करता है। डीएलएड प्रभारी, आर पी सिंह ने भी इस मौके पर सोशल मीडिया के बढ़ते दुरुपयोग पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, "सोशल मीडिया के अधिक उपयोग से बच