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Showing posts from May 26, 2019

शोध गुरु बलात्कार के आरोप में गये सलाखों के पीछे

वाराणसी।  जंसा   थाना क्षेत्र के शम्भूपुर गांव के रहने वाले अशोक मिश्रा बैंक में कैशियर हैं इनके कुल का दीपक, दीपक मिश्रा उर्फ़ गुरु ने इनकी इज्जत मिट्टी में मिला दी । गुरु बीएचयू से दर्शनशास्त्र विषय से स्नातकोत्तर था और शोध भी कर रहा था लेकिन उसकी संगत बिगड़ी या फिर कहें पुरुवा हवा का असर पड़ा पढ़ाई छोड़ वह मौज मस्ती करने लगा । इसी दौरान पिछले वर्ष उसने एक परिचित लड़की को अपने कमरे ( सुंदरपुर) में बुलाया और चाय में नशीला पदार्थ मिला कर उसकी आबरू लूट ली साथ ही उसके चार अन्य दोस्तों ने भी उसे हवस का शिकार बनाया । उसके बाद से गुरु फरार चल रहा था लेकिन शनिवार को लंका पुलिस ने उसे धर दबोचा । उसके ऊपर पच्चीस हजार का इनाम भी था । लंका पुलिस की कार्यवाही इस तरह रही .. लंका पुलिस ने फरार चल रहे इनामी बदमाश दीपक मिश्रा उर्फ़ गुरु को नरिया तिराहे से शनिवार की रात गिरफ्तार किया । गुरु के ऊपर बीते साल एससीएसटी और बलात्कार का मुकदमा दर्ज किया गया था। उसके बाद से आरोपी की तलाश में पुलिस जुटी थी। सीओ भेलूपुर अनिल कुमार ने रविवार को लंका थाने पर आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि मुखबीर के जरिए लंका पुलिस

मीराबाई की भक्ति में उर्दू अल्फाज़ की मिठास

तीन साल की मेहनत से तैयार की किताब (IST)हाशिम रजा जलालाबादी के 1510 शेर में पढ़े जा सकेंगे मीराबाई के भजन। 17 जून को IIC दिल्ली से होगा किताब का विमोचन। शायर अलीगढ़ विवि से अध्यापन छोड़ चला रहे मीराबाई फाउंडेशन।... जौनपुर । हे, री मैं तो प्रेम दीवानी, मेरो दरद न जाणै कोय.... अब तो दरस दे दो कुंज बिहारी.... जैसे भक्तिरस में सराबोर पदों की रचनाकार, मन में कृष्ण को अपना पति मानकर, उनकी भक्ति की पराकाष्ठा तक पहुंचने वाली, प्राचीन काल की कवयित्री मीराबाई के पदों और भजनों को अब उर्दू अल्फाज व मिठास के साथ पढा जा सकेगा। अंबेडकर नगर के जलालपुर की सरजमीं पर करीमपुर के नगपुर में जन्मे हाशिम रजा 'जलालाबादी' ने गंगा जमुनी तहजीब को संजोने वाले पद्मश्री अनवर जलालपुरी और यश भारती नैयर जलालपुरी की कड़ी को आगे बढ़ाते हुए प्राचीन काल की सूर, तुलसी, कबीर की कड़ी की कवियित्री 'कान्हा की जोगन' मीराबाई के पदों एवम भजनों को अपनी किताब' मीराबाई उर्दू शायरी में (नगमा-ए-इश्क-ओ-वफ़ा) लिख डाला। मीरा की तरह फकीराना अंदाज को बयां करती उनकी यह शायरी' फकीर हूँ, मैं फकीराना शान काफी है... खुदा