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Showing posts from June 10, 2020

पहले कोरोना अब सीमा पर सैनिकों का जमावड़ा क्या चाहता है चीन

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  मुन्ना त्रिपाठी  कोरोना संकट के बीच अचानक भारत-चीन सीमा पर हलचल बढ़ने और तनाव की खबरें क्या संकेत देती हैं? राहत इंदौरी का एक मशहूर शेर है- 'सरहदों पर बहुत तनाव है क्या।  कुछ पता तो करो चुनाव है क्या॥ और खौफ बिखरा है दोनों समतो में, तीसरी समत का दबाव है क्या॥‘ देश में कोरोना संकट से निपटने में सरकार की कसरत सबके सामने है। 22 मार्च को जब एक दिवसीय ताली-थाली-घंटी नाद का आयोजन हुआ था तब सरकार पोषित मीडिया चीख-चीख कर कह रहा था कि कोरोना वायरस की उमर 12 घंटे होती है और  प्रधानमंत्री ने 14 घंटे का जो कर्फ्यू वाला मास्टर स्ट्रोक खेला है उससे कोरोना वायरस की श्रंखला (चैन) टूट जाएगी। फिर 24 मार्च की आधी रात से शुरू हुआ लॉकडाउन बढ़ते-बढ़ते चार चरण पूरा कर चुका है और अब देश अनलॉक-1 से गुजर रहा है। विरोधाभास यह है कि अन्य देशों में लॉकडाउन लगने के समय कोरोना संक्रमितों की जो संख्या थी वह लॉकडाउन खत्म होने पर अपेक्षाकृत कम थी। भारत इस मामले में अपवाद है। जिस दिन लॉकडाउन शुरू हुआ तब देश में कोरोना पीड़ितों की संख्या 500 थी और जब लॉकडाउन में ढील दी गयी तब यह संख्या 2.50 लाख से ऊपर है। इ

अब देश में चीन समान बिकना हो सकता है बंद व्यापारियों ने चीन प्रोडक्ट सामान बेचने से बहिष्कार का लिया निर्णय

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    देश में बीते कई समय से चीनी उत्पादों को बायकॉट करने की बात कही जा रही है। इसके लिए कई संगठनों द्वारा कई मुहिम भी चलाए जा रहे हैं। इस बीच बुधवार को देश के करोड़ों खुदरा और थोक व्यापारियों द्वारा चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने के लिए एक अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत खुदरा और थोक व्यापारियों की योजना अगले साल दिसंबर (2021) तक चीन से आयात बिल को एक लाख करोड़ रुपये तक घटाना है। व्यापारियों ने कंफडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के तहत तकरीबन तीन हजार वस्तुओं की लिस्ट भी तैयार कर ली है। ये वो वस्तुएं हैं, जिनका बड़ा हिस्सा चीन से आयात किया जाता है, लेकिन इन सभी का विकल्प भारत में मौजूद है या फिर तैयार किया जा सकता है। CAIT ने जिन वस्तुओं की लिस्ट तैयार की है, उसमें खासकर इलेक्ट्रॉनिक गुड्स, गिफ्ट आइटम, कंफेक्शनरी उत्पाद, एफएमसीजी उत्पाद, कपड़े, घड़ियां, खिलौने और कई तरह के प्लास्टिक उत्पाद शामिल हैं। गौरतलब है कि भारत में चीनी उत्पादों को बहिष्कार किए जाने की लहर पहली बार नहीं उठी है। जब भी चीन से साथ तनाव बढ़ने लगता है, तो इस आंदोलन को और हवा मिलती है। ल

भदेठी कान्ड: कमिश्नर एवं आईजी का दावा घटना को अंजाम देने वाले किसी भी दशा में बक्शे नहीं जायेगे

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जौनपुर। जनपद के थाना सरायख्वाजा क्षेत्र स्थित ग्राम भदेठी में बीते रात्रि को साम्प्रदायिक विवाद के चलते हुईं आगजनी एवं मार पीट की घटना निरीक्षण करने आये कमिश्नर दीपक अग्रवाल एवं आईजी वाराणसी विजय सिंह मीणा ने दावा किया कि घटना को अंजाम देने वालों को किसी भी दशा मे बक्शा नहीं जायेगा। साथ ही पीड़ित दलितों को पूरी मदत का आश्वासन दिया है । बतादे कि बीते रात्रि के समय मामूली विवाद को लेकर गांव में साम्प्रदायिक स्थित उत्पन्न हो गयी और जम कर फौजदारी हो गयी इसके बाद एक पक्ष ने दूसरे पक्ष के आवासीय मड़हो  को आग के हवाले कर दिया। देखते देखते एक दर्जन के आस पास मड़हे जल कर राख हो गये। कई मवेशी बकरियां गाय आदि जल कर मर गये।   घटना की सूचना पर स्थानीय पुलिस के साथ जिला प्रशासन के अधिकारी एवं पुलिस विभाग के अधिकारी मौके पर गये और दलितों को आश्वस्त किये कि अपराध कारित करने वालों के खिलाफ कार्यवाही होगी। पुलिस इलाका ने  दलित पक्ष से राजेश गौतम की तहरीर पर 57 के खिलाफ नाम जद एवं 27 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी शुरू किया और गांव के ग्राम प्रधान हिटलर सहित 38 लोगों को गिरफ्तार

शीर्ष नेतृत्व के नारों की धज्जियां उड़ा रहे हैं जनपद के माननीय गण, जातीय भावनाओ से ग्रसित हो कर करते है काम

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जौनपुर। देश लेकर प्रदेश तक भाजपा के शीर्ष नेतृत्व भले ही सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास के नारे की दम भरते हो लेकिन भाजपा के सांसद विधायक गण सायद इस नारे को धता बताते हुए अपना विकास स्वजातीयो का विश्वास और सबके साथ की अपेक्षाओं के साथ काम करते नजर आ रहे हैं। इस लिए दल के शीर्ष नेतृत्व का उपरोक्त नारा केवल छलावा नजर आ रहा है।  जी हां जनपद जौनपुर में ऐसे कई जनप्रतिनिधियों के कारनामे इसके उदाहरण है। जनपद में एक विधायक जी है जो अपने विधानसभा क्षेत्र ही नहीं बल्कि पूरे जनपद के गांवों को दो भागों में विभाजित करने की घृणित राजनीति करते हुए ग्रामीण जनो का उत्पीड़न करने का काम करते है और अपने विधानसभा में ऐसा बिष बमन किया है कि पूरा क्षेत्र आपस में लड़ रहा है। गांव की सियासत करते हुए विधायक जी मजलूमों के साथ न्याय करने के बजाय एक पक्ष से पार्टी बन कर पैरवी करने में मशगूल नजर आ रहे हैं। पहली बार विधानसभा का दर्शन करने वाले विधायक जी इस पद को अपनी जागीर समझ लिए है लेकिन सायद भूल गये कि पांच साल बीतने पर जनता जबाब भी देती है और जहां तक स्वजातीय का सवाल है तो कूट कूट कर भरा हुआ है। ऐस

शासन ने पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति की काली करतूतों के चलते किया तलब - विकास तिवारी

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 जौनपुर।  पीएचडी संघर्ष मोर्चा के सदस्यों द्वारा सद्भावना स्थित मा दुर्गा के प्रांगड़ में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए एक आपातकालीन बैठक की गयी । बैठक में शासन द्वारा पुर्वांचल कुलपति को तलब किये जाने पर सभी ने हर्ष जताया। गौरतलब हो कि विगत कई महीनों से पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति के काले कारनामे के खिलाफ संघर्षरत पी एच डी संघर्ष मोर्चा के लगातार प्रयास से शासन ने कुलपति की काली करतूत को देखते हुए उन्हें तलब किया है।           बैठक की अध्यक्षता कर रहे विकास तिवारी ने कहा कि शासन से आग्रह है कि उच्च स्तरीय जाँच कराकर दोषियों के खिलाफ शख्त से शख्त कार्यवाही हो उन्होंने बताया कि कुलपति जी  छात्रों को हत्या करने जैसा गुरुज्ञान देने के साथ साथ पूर्णतया आकण्ठ भ्रस्टाचार में लिप्त है। उनके द्वारा किये गए भ्रस्टाचार की लंबी फेहरिस्त है जिसपर न्यायसंगत जांच के लिए हम लोग वर्षो से संघर्षरत है। उन्होंने तात्कालिक कार्यवाही पर महामहिम राज्यपाल महोदया का आभार जताया।        समाजवादी नेता अतुल सिंह ने कहा कि संघर्ष मोर्चा लगातार विश्विद्यालय में व्याप्त भ्रस्टाचार के