प्रसिद्ध प्रवासी लेखक सुरेश चंद्र शुक्ला ने कहा, नार्वे में विशिष्ट कौशल क्षमता खोलती है नौकरी का द्वार
अशोका इंस्टीट्यूट में अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस पर नार्वे के वरिष्ठ पत्रकार का उद्बोधन वाराणसी। अशोका इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट में अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस पर नार्वे के वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रसिद्ध प्रवासी लेखक सुरेश चंद्र शुक्ला ने कहा कि विश्व शांति का मतलब सिर्फ हिंसा न होना नहीं, बल्कि ऐसे समाज का निर्माण भी है जहां सभी को एहसास हो कि वे आगे बढ़ सकते हैं। नार्वे ऐसा देश है जिसे शांति में बहुत ज्यादा भरोसा है। इस देश में विशिष्ट कौशल क्षमता ही नौकरी का द्वार खोलती है। श्री शुक्ला अशोका इंस्टीट्यूट में टीचर्स और स्टूडेंट्स को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मानवता के लिए सभी मतभेदों से ऊपर उठने और शांति के लिए प्रतिबद्ध होकर संस्कृति के निर्माण में योगदान जरूरी है। स्टूडेंट्स को प्रेरित करते हुए कहा कि नार्वे के दरवाजे भारतीय युवाओं के लिए हमेशा खुले हुए हैं। जिनमें कौशल ज्ञान है वो इस देश में आसानी से जाब हासिल कर सकते हैं। हमें जानकर खुशी हुई कि नई शिक्षा नीति के तहत अशोका इंस्टीट्यूट में बीटेक के स्टूडेंट्स के लिए दोहरी डिग्री का प्रावधान