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Showing posts from July 9, 2020

यूपी में पुनः लगा ताला तीन दिन का लाक डाऊन 10 जुलाई की रात से

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  लखनऊ : कोरोना संकट के बीच उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। योगी सरकार ने दस जुलाई यानी कल रात दस बजे से 13 जुलाई सुबह 5 बजे तक लॉकडाउन जारी कर दिया। इस दौरान अस्पतालों और जरुरी सामानों की दूकान को छोड़ कर राज्य में पूरी तरीके से पाबंदी रहेगी। बता दें कि अनलॉक लागू होने के बाद से देश की कई राज्य सरकारों ने अपने अपने प्रदेश में लॉकडाउन घोषित किया था, हालाँकि यूपी में अब तालाबंदी की गयी है। यूपी में 10 जुलाई रात दस बजे से 13 जुलाई सुबह 5 बजे तक लॉकडाउन उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार ने सरकार के जारी आदेश की जानकारी देते हुए बताया कि यूपी में कोविड-19 के मौजूदा हालात की समीक्षा के बाद सरकार ने लॉकडाउन का फैसला लिया है। इसके तहत प्रदेश में सभी कार्यालय, शहरी व ग्रामीण हाट, बाजार, गल्ला मंडी और व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे।

मुख्तार अंसारी के गुर्गो पर पुलिस लगातार कसती जा रही है कानून का शिकंजा

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जौनपुर।  जिले की पुलिस मुख्तार अंसारी के गुर्गो पर सिकंजा कसने की दिशा में आगे बढ़ते हुए मछली माफिया रविन्द्र निषाद की लगभग साढ़े चार करोड़ रुपए की चल अचल संपत्ति कुर्क करने की कार्यवाही शुरू कर दिया है।  पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार ने इस संदर्भ में बताया कि मछली माफिया रविन्द्र निषाद के माल एवं अन्य सभी सम्पत्तियों को जिसे उसने मछली कारोबार से बनाया था को कुर्क किया जायेगा। इस दिशा में पुलिस की कार्यवाही शुरू हो गयी है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मुख्तार अंसारी के इस गुर्गे ने बीते सालो में अंसारी के साथ रह कर एक लम्बी सम्पत्ति अर्जित किया है। अवैध रूप से वह सालाना  लगभग 20 करोड़ रुपए के आस पास की कमाई करता है।  पुलिस को संज्ञान में आते ही पुलिस ने इसके विरुद्ध कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया है गत 7 जुलाई को इसके खिलाफ अ.सं.298 /20 से विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर इसके खिलाफ कार्यवाही की गयी है। 

बीएसए ने जताया अपनी जान को खतरा ! सुरक्षा की किया मांग, फर्जी शिक्षकों की जांच से मची है खलबली

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जौनपुर । जनपद के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अपने जान के खतरे का अंदेशा बताते हुए अपने सुरक्षा की गुहार अपने उच्चाधिकारियों से लगाया है। हलांकि कि बीएसए के आग्रह पर सच जानने के लिए खुपिया तंत्र को लगाया गया है। कहा जाता है कि फर्जी शिक्षकों की जांच एवं विधिक कार्यवाही के चलते धमकी मिल रही है । अनामिका शुक्ला के फर्जीवाड़े का तार जौनपुर से जुड़ने के पश्चात फर्जीवाड़े का मास्टर माइंड गैंग का सदस्य आनन्द सिंह को गिरफ्तार करने के बाद यह जनपद सुर्खियों में है और यहाँ पर आये दिन कोई न कोई फर्जी मामला सामने आ रहा है। साथ ही प्रदेश सरकार के मुखिया के आदेश पर परिषदीय विद्यालयों के शिक्षको की जांच शुरू कर दी गयी है। फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी करने वालों द्वारा माफियाओ के माध्यम से धमकाने का काम किया जा रहा है।  किसी भी अप्रिय घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है । इस अभियान के तहत फर्जी शिक्षकों पर मुकदमा, बर्खास्तगी एवं  रिकवरी की प्रक्रिया गति पकड़ रही है। तो शिक्षकों में खलबली मची हुई है तमाम तरह के दबाव बनाये जा रहे हैं। बढ़ते दबावो से भयभीत होकर बीएसए ने अपनी जान के खतरे का

राजन तिवारी बने कांग्रेस में विधि विभाग के जिलाध्यक्ष बढ़ाया अपने पूर्वजों का मान

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जौनपुर ‌। जिले में  कांग्रेस के युवा  नेता एवं दीवानी न्यायालय के अधिवक्ता राजन तिवारी को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देते हुए विधि विभाग उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गंगा सिंह ने   जिला अध्यक्ष विधि विभाग जौनपुर कांग्रेस बनाया है । गौरतलब है कि राजन का परिवार चार पीढ़ियों से कांग्रेस पार्टी मैं अपना योगदान देता आ रहा है । परदादा पंo भगवती दीन तिवारी मशहूर स्वाधीनता संग्राम सेनानी एवं भूतपूर्व विधायक थे । वर्ष 1928 में जिला कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष, 1931 में जिला कांग्रेस कमेटी के मंत्री, 1939 में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष,1952 में गडवारा से विधायक और 1962 में रारी से विधायक निर्वाचित हुए । राजन तिवारी की दादी स्वo गिरिजा देवी तिवारी एक जुझारू कांग्रेसी नेत्री रही । आप जिले में महिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष, जिला पंचायत सदस्य ,उoप्रo कांग्रेस कमेटी की 35 वर्षों तक लगातार सदस्य और जिला में इंदिरा कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष भी रही । 1991 भमें आपको विधानसभा क्षेत्र मछली शहर से विधायक उम्मीदवार भी बनाया गया था । राजन के पिता स्वo रत्नेश कुमार तिवारी अपने छात्र जी

पुलिस को मिली राहत मोस्ट वांटेड अपराधी विकास दूबे उज्जैन में हुआ गिरफ्तार

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कानपुर एनकाउंटर के मुख्य आरोपी गैंगेस्टर विकास दुबे को लेकर बड़ी खबर आ रही है। 7 दिनों से विकास दुबे की तलाश में लगी पुलिस का इंतज़ार अब खत्म हुआ। गैंगेस्टर विकास विकास दुबे ने मध्यप्रदेश  के उज्जैन  में महाकाल मंदिर में सरेंडर कर दिया है। जानकारी मिल रही है कि कड़ी सुरक्षा के बीच मंदिर सुरक्षा एजेंसी ने उसे पकड़ लिया है। विकास दुबे को पुलिस ने उज्जैन से किया गिरफ्तार उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में चौबेपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत 2 जुलाई को 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर भागे विकास दुबे की तलाश में पुलिस ने जमी आसमान एक कर दिए। यूपी के हर जिले में उसकी और उसके साथियों की तलाश की जा रही है। इस दौरान पता चला था कि विकास दुबे सरेंडर करने की फिराक में हैं। इसके लिए पहले वह नोएडा फिल्म सिटी जाने वाला था, जहां वह चैनल के स्टूडियों में लाइव सरेंडर करने की साजिश में था, हालाँकि कि जानकारी के बाद पुलिस ने नोएडा के हर टीवी चैनल को घेर लिया था। लेकिन गिरफ्तार उज्जैन में हुआ। 

पुलिस के हाथों मारे जा रहे हैं कुख्यात विकास दूबे के साथी लेकिन विकास अभी पुलिस पकड़ है दूर

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प्रदेश के कानपुर में पुलिस हत्या कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे की तलाश में लगी पुलिस ने  दो अलग अलग एनकाउंटर में विकास दुबे के साथियों को मार गिराया। गौरतबल है कि इनमे से एक  फरीदाबाद से गिरफ्तार हुआ था, जिसे पुलिस कानपुर लेकर आ रही थी, रास्ते में उसके भागने की कोशिश करने के बाद पुलिस ने रोकने के प्रयास में ढेर कर दिया। इसके अलावा विकास दुबे के एक अन्य साथी को इटावा में मार गिराया गया। बुधवार को पुलिस ने विकास दुबे की तलाश में फरीदाबाद में छापा मारा था, इस दौरान विकास तो भाग निकला लेकिन पुलिस ने उसके तीन साथियों को गिरफ्तार कर लिया। जिनके पास से पुलिस के हथियार बरामद हुए, जो 2 जुलाई की रात चौबेपुर क्षेत्र में एनकाउंटर के दौरान पुलिस से लूट लिए गए थे। गिरफ्तार तीनों आरोपियों में प्रभात (कानपुर), अंकुर (कानपुर), श्रवण (कानपुर) का नाम शामिल है। वहीं बाद में पता चला की प्रभात कोरोना संक्रमित है। इस पर पुलिस ने अन्य दोनों साथियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया और फिर 24 घंटे की ट्रांजिट रिमांड पर ले लिया। यूपी एसटीएफ उसे रिमांड पर लेकर  कानपुर ला रही थी। इस

वाराणसी के कप्तान का स्थानांतरण खड़ा किया कई सवाल जबाब कौन देगा ?

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी का अचानक किया गया स्थानांतरण तमाम सवाल खड़ा करता है। क्या बीजेपी नेताओं से उलझना पुलिस कप्तान प्रभाकर चौधरी को भारी पड़ गया है? क्या अब भाजपा नेताओं के दबाव में सरकारी तंत्र को काम करना है? यह सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि घटना के चंद रोज बाद अचानक प्रभाकर चौधरी का तबादला कर दिया गया है। शहर के तेजतर्रार पुलिस अधिकारी का ट्रांसफर होना अब चर्चा का विषय बन गया है। लोग यही कह रहे हैं कि बीजेपी नेताओं पर हाथ डालना प्रभाकर चौधरी को महंगा पड़ गया है। कहने को तो यह रूटीन ट्रांसफर हो सकता है लेकिन सूत्रों के हवाले से जो खबर मिल रही उसके मुताबिक इस तबादले को सजा के तौर पर देखा जा रहा है। आईपीएस प्रभाकर चौधरी की गिनती यूपी के तेजतर्रार पुलिस अधिकारियों में होती है। यही कारण है की योगी सरकार ने उन्हें वाराणसी जैसे महत्वपूर्ण जिले में कानून व्यवस्था संभालने का जिम्मा दिया। प्रभाकर चौधरी ने जिले की कमान संभालते ही पुलिस महकमे में जारी ट्रांसफर पोस्टिंग और वसूली के धंधे को तरीके से समाप्त कर दि