जानिए कौन है फकीर सिंह जिनकी तेरहवीं 204 साल बाद होने जा रही है
आजमगढ़ जिले के बरदह क्षेत्र के गोड़हरा गांव में एक अजब मामला प्रकाश में आया है। गांव के एक व्यक्ति द्वारा 204 साल बाद अपने एक पूर्वज का तेरहवीं करने का निर्णय लिया गया है। जिन्हें 1820 में बरतानिया हुकूमत के खिलाफ बगावत करने पर अंग्रेजों ने मारकर जंगल में एक पेड़ से बांधकर छोड़ दिया था। जंगली जानवरों ने उन्हें अपना निवाला बना लिया था। बताते हैं कि गोड़हरा गांव निवासी फकीर सिंह ने 1820 में अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। वरतानिया हुकूमत के खिलाफ बगावत के चलते अंग्रेजों ने सन 1820 में उनको पकड़ने के बाद ऐसी सजा सुनाई कि लोगों की रूह कांप गई थी। गांव के बड़े बुजुर्ग बताते हैं कि अंग्रेजों ने फकीर सिंह को मारने के बाद जंगल में पेड़ से बांधकर छोड़ दिया था। जिन्हें जंगली जानवरों ने अपना निवाला बना लिया था। जिसके कारण उनका न तो दाह संस्कार हो पाया था और न ही क्रिया कर्म ही घर वाले कर पाए थे। घर के बड़े बुजुर्गों से यह बातें लोग सुनते चले आ रहे हैं। अब उनकी आठवीं पीढ़ी के प्रमोद सिंह ने 204 साल बाद स्वर्गीय फकीर सिंह की तेरहवीं और अन्य क्रिया कर्म करने का निर्णय लिया है। परि