कांग्रेस द्वारा नदीम जावेद को चुनावी मैदान में लाने से जानें क्या बनती है चुनावी गणित, जानें लाभ किस दल को
जौनपुर। कांग्रेस के नेता एवं पूर्व विधायक नदीम जावेद चुनाव की घोषणा के बाद से लगातार विधान सभा का चुनाव लगने से भागते रहे और किसी दूसरे साथी को बली का बकरा बनाने की जुगत में लगे रहे नामांकन के समय अचानक क्या हुआ कि कांग्रेस नेतृत्व ने फिर नदीम जावेद को चुनाव मैदान में ला दिया है जबकि नदीम जावेद के इनकार के बाद जिलाध्यक्ष फैसल हसन तबरेज को प्रत्याशी घोषित किया था यह एक यक्ष एवं गम्भीर सवाल है। कांग्रेस ने आज मंगलवार को अचानक जौनपुर सदर सीट से अपना प्रत्याशी बदल दिया और जिलाध्यक्ष फैसल हसन तबरेज की जगह पार्टी हाईकमान ने पूर्व विधायक नदीम जावेद को फिर से मैदान में उतारा है। यहां बता दें कि कांग्रेस 1991 से लेकर 2007 तक लगातार जनपद की सभी सीटों हार रही थी। साल 2012 में विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस ने सदर विधानसभा सीट से नदीम जावेद को प्रत्याशी बनाया था। नदीम जावेद 50,863 वोट पाकर विधायक बने थे और कांग्रेस के 21 साल से हार के सिलिसले को खत्म कर दिया था। 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सपा से गठबंधन में सदर सीट से नदीम जावेद को फिर से मैदान में उतारा था, लेकिन वो 78