एक बार फिर मुश्किलो में घिरे धनंजय सिंह संघर्षो भरा रहा बाहुबली नेता का राजनैतिक जीवन
जौनपुर। जनपद की सियासत में उथल-पुथल मचाने का माद्दा रखने वाले बाहुबली नेता एवं पूर्व सांसद धनंजय सिंह की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। मंगलवार 05 मार्च को जौनपुर स्थित थाना लाइन बाजार में 10 मई 2020 को दर्ज हुए मुकदमें में अभिनव सिंघल के अपहरण के मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह व संतोष विक्रम को अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ शरद त्रिपाठी ने दोषी करार दिया गया है। इस मामले में सजा को लेकर बुधवार 06 मार्च को फैसला की तिथि मुकर्रर कर दी गई है। बता दें कि पूर्व सांसद धनंजय सिंह का राजनैतिक सफर काफी मुश्किलों भरा रहा है। वह 2002 में पहली बार रारी विधानसभा से निर्दलीय विधायक चुने गए। दुबारा 2007 के आम चुनाव में लोजपा के टिकट पर विधानसभा पहुंचे थे। धनंजय सिंह 2009 में बसपा के टिकट पर चुनाव जीते देश की बड़ी पंचायत लोकसभा के सदस्य बन गए। 2009 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद रिक्त हुई विधानसभा सीट पर अपने पिता राजदेव सिंह को खड़ा किया और जितवाने में सफल रहे। राजदेव सिंह रारी विधानसभा के अन्तिम विधायक रहे। क्योंकि 2012 में रारी विधानसभा मल्हनी हो गई और तब अब तक सपा काबिज ह