***मोहर्रम के छठवीं का निकला जुलूस, अकीदतमदों ने पढ़ा नौहा, किया मातम*
*ज़ुल्जनाह, ताबूत व अलम की लोगों ने किया ज़्यारत* 06 मोहर्रम की रात्रि, मोहल्ला अजमेरी में हवेली ख़ान बहादुर मुफ्ती हैदर हुसैन मरहूम में, मुफ्ती अनवार हैदर एडवोकेट के इमामबाड़े में मजलिस हुई और ज़ुल्जनाह, ताबूत व अलम का जुलूस अक़ीदत के साथ उठा जिसमे लोगों ने ज़ियारत किया मन्नते मांगी और नौहा पढ़ा मातम कर हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का ग़म मनाया। जुलूसे अज़ा की मजलिस मे सोज़ख्वानी हैदर काज़मी ने किया। पेशख्वानी कैफी मोहम्मदाबादी ने किया। मजलिस को मौलाना सैय्यद मोहम्मद हसन आब्दी आजमगढ़ ने मजलिस को खिताब करते हुए इमाम हुसैन के किरदार पर रोशनी डाली और बताया कि इमाम हुसैन की जंग कर्बला में इस्लाम को बचाने के लिए असत्य पर सत्य की जंग यजीद के साथ हुई। इस दौरान हुसैन ने अपना सर को कलम करवा कर बता दिया। मगर इस्लाम दीन बचा लिया। हुसैन की शहादत के बाद आज तक हर घर में हुसैन का नाम लिया जाता है। मौलाना ने कहा कि हुसैन ने जिस तरह से करबला के मैदान में अपनी कुर्बानी पेश की उसकी मिसाल आज तक दुनिया में नहीं मिलती। उन्होंने इमाम पर हुए मसायब दुख पढ़ा ...