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Showing posts from April 20, 2020

लाक डाऊन अवधि में आन लाइन शिक्षण का कार्य शुरू

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    जौनपुर।  कोविड 19वैश्विक महामारी के चलते लाक डाऊन अवधि में जनपद के अन्दर वित्त पोषित माध्यमिक शिक्षा के विद्यालयों में आज से छात्रों को शोसल मीडिया पर आन लाइन पढ़ाने का अभियान जिला विद्यालय निरीक्षक की देख रेख में शुरू हो गया है । सभी विद्यालयों के शिक्षक एप डाउनलोड कर अपने छात्रों को वाटसप के जरिए पढ़ाने काम करेंगे । इस सन्दर्भ में जनक कुमारी इन्टर कालेज के प्रधानाचार्य जंग बहादुर सिंह ने बताया कि शासन ने लाक डाऊन की अवधि तक या जब तक विद्यालय खोलने की अनुमति नहीं मिलेंगी तब तक  आन लाइन शिक्षण का कार्य जारी रहेगा।  इसके  बाबत जिला विद्यालय निरीक्षक सभी प्रधानाचार्यो की मीटिंग लेकर आदेश दिया था जिसके क्रम में आज से अभियान शुरू कर दिया गया है।

एडीएम ने कर्मचारियों को दिया मास्क सेनेटाईजर का किट

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    जौनपुर । कोविड 19 महामारी के चलते लाक डाऊन अवधि में  शासन के आदेश पर सरकारी कार्यालयों को खोले जाने के पश्चात  कलेक्ट्रेट कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व राम प्रकाश ने अपने अधीनस्थ कार्यालयों के कर्मचारियों को मास्क,  सेनेटाईजर एवं गल्फ का वितरण किया।  अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व ने बताया कि इससे यहाँ कलेक्ट्रेट में अपनी ड्यूटी करने वाले सभी कर्मचारियों को सुरक्षित रखा जायेगा और यह प्रशासन की जिम्मेदारी भी है कि अपने मातहतों के सुरक्षा का ध्यान रखें।

सबसे बड़ा सवाल कोटेदार को चोर बनाता कौन है ?

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     जौनपुर । कोटेदार का नाम आते ही जिले के आला हुक्मरान से लेकर आम जन उसे अथवा जन प्रतिनिधि उसे चोर की संज्ञा से नवाजते हुए फांसी पर लटकाने का हुक्म सुना देते है । क्या किसी अधिकारी अथवा जिम्मेदार लोगों ने कभी यह भी बिचार किया कि कोटेदार को  आखिर चोर बनाता कौन है । कोटेदार के चोरी के पीछे का असली रहस्य क्या है। सरकारी तंत्र के लोग सच क्यों स्वीकार करने से परहेज करते है। जनपद में जिला प्रशासन के आदेश पर कोटेदारो के खिलाफ की जा रही  कार्यवाहियों आज उपरोक्त सवाल खड़े कर दिए है।  जी हाँ  सच कहा जाये तो कोटेदार को चोर जिले के आला अधिकारी से लेकर आपूर्ति विभाग के लोग ही बनाते है। कोटेदार को चोर बनने के पीछे का असली रहस्य रहस्य तो सरकारी तंत्र ही है । लेकिन, चूंकि कोटेदार वितरण व्यवस्था की सबसे कमजोर कड़ी है इसी लिए उसे चोर कह कर दन्ड दे दिया जाता है । यहाँ बताना चहेगे कि एफ सी आई गोदाम से खाद्यान कोटेदार को देने का जो शासनदेश है उसका विभाग कत्तई पालन नहीं करता है।  शासनदेश के मुताबिक  एफ सी आई गोदाम से खाद्यान को सरकारी तंत्र अपने साधन से दुकान तक पहुचाये और सही मात्रा में वजन क

जनपद के 12 जनप्रतिनिधियों में पांच ने नहीं दिया जन स्वास्थ्य के लिए निधि का पैसा

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    जौनपुर । कोविड 19 वैश्विक महामारी से निपटने के लिए  जिले के जनप्रतिनिधियों ने शुरुआत के समय में  जिले की जनता को सुरक्षित रखने के लिए अपने निधियों से स्वास्थ्य विभाग को धनराशि देने का पत्र जारी कर सस्ती लोकप्रियता हासिल तो कर लिया लेकिन बाद में जो सच्चाई सामने नजर आयी वह कुछ और ही रही है।  जिसमें  पांच विधायक एवं एक एम एल सी तथा सांसद ने जिले के स्वास्थ्य विभाग को निधि की धनराशि अवमुक्त कराया। शेष चार विधायक एवं एक सांसद ने जिले को धनराशि देना उचित नहीं समझा है और धन अवमुक्त करने से सम्बंधित विभाग से रोकवा दिया है। राजनीति करने वालों के ऐसे दोहरे चरित्र से जनता अनभिज्ञ उन्हें अपना मसीहा मान रही है।  बतादे कि बीते दिवस जिले के लगभग सभी जनप्रतिनिधियों में सस्ती लोकप्रियता के लिए जनता को सुरक्षित रखने के लिए जिला प्रशासन को पत्र देने की होड़ लगी थी लेकिन जब सच  में निधि के  खाते से धनराशि रिलीज करने की बात आयी तो जिन लोगों ने धनराशि रिलीज करने का पत्र दिया उनमें विधायकों में  शहर विधायक एवं मंत्री गिरीश चन्द यादव , शाहगंज विधायक शैलेन्द्र यादव ललई, मड़ियाहू विधायक लीना तिव