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Showing posts from February 13, 2020

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शिविर में दी गयी कानून की जानकारी

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जौनपुर । जिला एवं सत्र  न्यायाधीश /अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जौनपुर एम0 पी0 सिंह, के निर्देशन में  ‘‘मॉ गुजराती इण्टर कालेज चुरावनपुर, बक्शा जौनपुर‘‘ में प्रोपेगेशन आफ राइट टू एजुकेशन एक्ट 2009 विषय पर विधिक साक्षरता शिविर का अयोजन किया गया।                शिविर में सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मो0 फिरोज द्वारा बताया गया कि बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम या शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आर0टी0ई0) 4 अगस्त 2009 को लागू हुआ, जिसमें 6 वर्ष के बच्चों को अनिवार्य शिक्षा के महत्व के तौर-तरीकों का वर्णन है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत भारत में 1 अप्रैल 2010 से अधिनियम लागू होने पर भारत हर बच्चे के मौलिक अधिकार को बनाने के लिए 135 देशांे में से एक बन गया। इस अधिनियम के तहत 6 और 14 वर्ष  की आयु के बीच शिक्षा को प्रत्येक बच्चे का मौलिक अधिकार बनाता है और प्राथमिक विद्यालयों में न्यूनतम मानदंडों को निर्दिष्ट करता है। इसमें सभी निजी स्कूलों को 25 प्रतिशत बच्चों के लिए आरक्षित करने की आवश्यकता है। बच्चों को आर्थिक स्थिति या जाति आधारित आरक्षण के आधा

जौनपुर में दूर संचार विभाग के 90 कर्मचारी वीआरएस लेने को हुए मजबूर

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जौनपुर । आर्थिक संकटों के चलते  केन्द्र सरकार द्वारा दूर संचार विभाग के कर्मचारियों को विगत कुछ माह से वेतन न दिये जाने एवं सरकार द्वारा बीएसएनएल को कमजोर करते हुए  प्राईवेट संचार कंपनियों को बढ़ावा देने को लेकर देश में  नाराज दूर संचार विभाग के लाखो कर्मचारियों ने जिनकी उम्र 50 साल हो गयी थी  वीआरएस लेकर अवकाश पर जाने को मजबूर हो गये है ।  बतादे इसकी जद में जनपद जौनपुर दूर संचार विभाग के 90 कर्मचारियों ने वीआरएस लिया है । एक खबर के मुताबिक वीआरएस लेने वालों में इस विभाग में कार्यरत बाबू,आपरेटर  से लगायत एसडीओ स्तर तक के कर्मचारी शामिल है । सूत्र ने जानकारी दी है कि  यहां जौनपुर में विभाग के कर्मचारियों द्वारा वीआरएस लेकर अवकाश पर जाने के कारण अब विभाग के अन्दर  कर्मचारियों की संख्या घट कर  एक चौथाई शेष बची है । सबसे गम्भीर समस्या यह है कि आपरेटरो को अवकाश पर चले जाने के कारण बीएसएनएल में आने वाली तकनीकी खराबी दूर करने के लिए सायद ही कोई कर्मचारी मिल सके ऐसे में तकनीकी खराबी की समस्या का खामियाजा अब उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ सकता है । ऐसा माना जा रहा है कि  उपभोक्ता इस सरकारी  कंपनी से