प्रकृति को सुंदर बनाना हम सब का कर्तव्य - कुलपति प्रो निर्मला एस मौर्य

जौनपुर । प्रकृति मानव सभ्यता की उद्गगाता है जीवन प्रकृति से उद्भूत होता है तथा अंत इसी में विलीन हो जाता प्रकृति जीवन देने के साथ ही जीवो का पालन पोषण भी करते हैं उक्त उद्गार वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय कुलपति प्रो निर्मला एस मौर्य ने मोहम्मद हसन पीजी कॉलेज के हिंदी विभाग द्वारा आयोजित संगोष्ठी (पर्यावरणीय संकट एवं समकालीन हिंदी कविता) में व्यक्त किया उन्होंने प्रकृति के महत्व विशद् चर्चा करते हुए कहा कि प्राकृतिक हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति करती है बहुत अच्छी प्रगति के अन्ध- लालसा में हम प्रकृति का क्षय कर रहे हैं पेड़ को काटकर वन संपदा को समाप्त करते हैं उन्होंने अपनी स्वरचित कविता- बूढ़े दिखने लगे हैं ऐ बरगद के पुराने पेड़ निकल कर आयी है कितनी जटाऐ- सुनाया कुलपति महोदय ने छात्रों को पढ़ाई के प्रति प्रोत्साहित किया और उन्हें जागरूक एवं संचेतन होने का मंत्र दिया बीज वक्ता के रूप मे काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी से सहायक आचार्य डॉ सत्यप्रकाश पाल ने कहा कि प्रकृति की चिंता काव्य में दिखाई पड़ती है उन्होंने सोहनलाल द्विवेदी की कविता को उद्धृत किया पर्वत कहता ...