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Showing posts from December 9, 2020

नोडल अधिकारी की समीक्षा बैठक में विकास के कागजी आंकड़े हुए प्रस्तुत

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जौनपुर। सचिव, कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग, उत्तर प्रदेश शासन/नोडल अधिकारी जनपद जौनपुर सत्येंद्र कुमार सिंह द्वारा कलेक्ट्रेट सभागार में विकास कार्यों तथा कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की गई । नोडल अधिकारी द्वारा विद्युत विभाग, स्वास्थ्य, पीडब्ल्यूडी, सिंचाई, कृषि, परिवहन, जल निगम, प्रधानमंत्री आवास, स्वच्छ शौचालय आदि की समीक्षा की गई। नोडल अधिकारी द्वारा कर-करेत्तर की समीक्षा के दौरान संबंधित अधिकारियों को राजस्व वसूली बढ़ाने के निर्देश दिए गए तथा कहा कि लक्ष्य की प्राप्ति समय से करें। उन्होंने भूमि विवाद के मामलों का निस्तारण प्राथमिकता पर कराने के निर्देश देते हुए कहा कि चकबंदी के पुराने मामलों का निस्तारण भी शीघ्र कराया जाए। सिंचाई विभाग की समीक्षा करते हुए नोडल अधिकारी ने नहरों में पानी टेल तक पहुंचाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने अधिशासी अभियंता सिंचाई  को निर्देशित किया कि नहरों की सफाई का सत्यापन एक माह के अंदर कमेटी के द्वारा कराया जाए। अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग ने बताया कि 136 नई सड़कों का निर्माण विभाग द्वारा कराया जा रहा है जिसमें से 5

मकान मालिक और किराएदारों के लिए जल्द कानून लाने की तैयारी में योगी सरकार

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लखनऊ। आवास विभाग ने उत्तर प्रदेश नगरीय परिसरों की कराएदारी विनियम अध्यादेश -2020 का प्रारूप जारी कर दिया है। इसे http://awas.up.nic.in और आवास बंधु की वेबसाइट  www.awasbandhu.in  पर अपलोड कर दिया गया है। लोग इसे देखकर अपना सुझाव 20 दिसंबर तक दे सकते हैं। राज्य सरकार किराएदारी कानून लाने जा रही है। सरकार मकान मालिक के साथ किराएदार का हित भी सुरक्षित रखना चाहती है। नया कानून आने के बाद मकान मालिक और किराएदार को लेकर आए दिन होने वाला विवाद काफी हद तक खत्म हो जाएगा। इतना ही नहीं यह आसानी से पता लगाया जा सकेगा कि प्रदेश में कितने लोग अपने घरों को किराए पर चला रहे हैं। प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने जारी इस प्रारूप पर सुझाव मांगते हुए कहा है कि किराएदारी विनियम अध्यादेश जारी करने पर विचार किया जा रहा है। इसका प्रारूप तैयार करते हुए इसे जारी किया गया है। इसे पढ़कर लोग अपना सुझाव दे सकते हैं। उन्होंने कहा है कि यह सुझाव लिखित रूप से प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग उत्तर प्रदेश शासन लाल बहादुर शास्त्री भवन लखनऊ के पते पर भेजा जा सकता है या फिर ई-मेल sohousingone@g

माता पिता को घर से बाहर करने वाले बेटे बेटियों पर यूपी सरकार ने कसा कानून का शिकंजा

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लखनऊ। माता-पिता की प्रॉपर्टी हड़प कर उन्हें घर से बाहर निकलने वाले बेटे और बेटियों की अब खैर नहीं। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जल्द ही बुजुर्ग मां-बाप की संपत्ति हड़प कर उन्हें बेदखल करने वाले बच्चों के खिलाफ सख्त कानून लाने की तैयारी में है।  इसके तहत बुजुर्ग मां-बाप की सेवा न करने वाले बच्चों को प्रॉपर्टी से बेदखल कर दिया जाएगा। सरकार ‘उत्तर प्रदेश माता-पिता तथा वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण एवं कल्याण नियमावली - 2014’ में बेदखली की प्रक्रिया को शामिल करते हुए इसके संशोधन की तैयारी कर रही है. उत्तर प्रदेश स्टेट लॉ कमीशन ने शासन को संशोधन का ड्राफ्ट तैयार कर पिछले दिनों ही इसकी रिपोर्ट भेजी थी। दरअसल, यह नियमावली 2014 में ही बना दी गई थी, लेकिन इसमें वृद्ध माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों की संपत्ति को संरक्षित करने के लिए विस्तृत कार्य योजना नहीं बनाई गई. कोर्ट से मिल रहे निर्णयों से पता चला है कि बूढ़े माता-पिता को उनके ही बच्चे उनकी प्रॉपर्टी से निकाल देते हैं, या उनका ख्याल रखने की जगह घर में माता-पिता से पराया व्यवहार करते हैं. इसके बाद उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने अपनी रि

नोडल अधिकारी के समक्ष सरकारी तंत्र के कार्यो की खुली पोल,ग्रामीणों ने गिनायी समस्याएं

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जौनपुर। सचिव, कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग उत्तर प्रदेश शासन/ नोडल अधिकारी जौनपुर सत्येंद्र कुमार सिंह द्वारा जनपद दौरे के दौरान जन समस्याओं से रूबरू होने पर गांव की जनता ने जिस तरह से समस्याओं को गिनाया उससे जिले के प्रशासनिक अमले की कार्य शैली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है। आज नोडल अधिकारी विकास खण्ड मड़ियाहूं के हसनपुर गांव में चैपाल लगा कर ग्रामीणों की सम्स्यायें सुनी।    चैपाल में मनभवती पत्नी स्व. दूधनाथ ने शिकायत की कि उनकी विधवा पेंशन नहीं आ रही, जिस पर नोडल अधिकारी ने समाज कल्याण अधिकारी को मनभवती को विधवा पेंशन दिलाने के निर्देश दिए। उन्होंने विधवा पेंशन, वृद्धा पेंशन, विकलांग पेंशन , प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, शादी अनुदान, मनरेगा आदि की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को पात्र लोगो को योजनाओं का लाभ दिलाने का निर्देश दिया। इस शिकायत ने इतना तो साफ कर दिया कि विभाग द्वारा लापरवाहीयां बरती जा रही है।      चैपाल में गांव वालों ने छुट्टा पशुओं की शिकायत नोडल अधिकारी से किया । जिस पर उन्होंने  खण्ड विकास अधिकारी को निर्देश दिया कि गांव में कोई भी छुट्टा पशु न

अब कर्मचारियों को सरकारी झटका,वेतन में कटौती की संभावना

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सरकार समय-समय पर कर्मचारियों को लेकर नए-नए नियम लागू करती है। अब एक नया नियम लागू होने जा रहा है। इससे प्राइवेट कर्मचारियों को झटका लगेगा। एक अप्रैल 2021 से इन कर्मचारियों टेक होम सैलरी घट जाएगी। इसकी बड़ी वजह यह है कि अप्रैल 2021 से नया वेज कानून लागू हो जाएगा। निजी कंपनियों को कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव करना होगा। बीते साल संसद में यह कानून पास किया गया था। इन नए नियमों के मुताबिक, कर्मचारियों को दिए जाने वाले भत्ते कुल मुआवजे का 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकते हैं। इसका मतलब यह हुआ है कि अप्रैल से मूल वेतन (सरकारी नौकरियों में मूल वेतन और महंगाई भत्ता मिलाकर) कुल वेतन का 50% या ज्यादा होना चाहिए। दरअसल ज्यादातर कंपनियां अपने कर्मचारी के वेतन पैकेज के गैर-भत्ता हिस्से को 50 प्रतिशत से कम रखती हैं। इसकी वजह से अधिकतर कर्मचारियों के वेतन पैकेज में बदलाव की संभावना जताई डा रही है। नई जरूरत को पूरा करने के लिए कंपनियों को कर्मचारियों के मूल वेतन में वृद्धि करनी होगी। अब इस संशोधन के बाद टेक-होम वेतन कम हो जाएगा, क्योंकि अधिकांश कर्मचारियों

अब आन्दोलन कारी किसान बीमारियों की चपेट में आने लगे हैं, सरकार पर असर नहीं

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केंद्र सरकार के नये कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन आज भी जारी है। किसान बीते 14 दिन से लगातार कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन सरकार इसका कोई हल नहीं निकाल रही है । परिणाम स्वरूप अपने घरों से दूर दिल्ली की कड़ाके वाली ठंड के बीच किसान बॉर्डर पर जमे हुए हैं। इस बीच खबर आ रही है कि टिकरी बॉर्डर पर जमे किसानों को नजला, खांसी और जुकाम जैसी बीमारी की शिकायत हो रही है। बड़ी संख्या में लोगों को कान में दर्द की स्थिति उत्पन्न हो रही है। इस मामले में मौके पर मेडिकल सुविधा मुहैया करा रहे डॉक्टर्स की रिपोर्ट है कि किसान आंदोलन शुरू होने से लेकर अब तक यहां पर करीब 50 फीसदी लोग इस तरह की बीमारियों की चपेट में आ चुके हैं। ऐसी समस्याओं का सामना करने रहे किसानों में सबसे ज्यादा बुजुर्ग शामिल हैं। रोजाना करीब सैकड़ों मरीजों का इलाज कर उन्हें आयुर्वेदिक दवाइयां दी जा रही है। इन दवाइयों से लोगों को जल्द राहत भी मिल रही है। किसानों के बीमार होने के पीछे की वजह पानी, प्रदूषित हवा और सर्दी के मौसम में लग रही ठंड को बताया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक,

शिक्षक नेता पर बारात में चली गोली,हालत गम्भीर वाराणसी में उपचार जारी

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जौनपुर । सरकार प्रदेश में कानून का राज होने का लगातार दावा कर तो रही है लेकिन सरकारी दावे का असर कहीं भी नजर नहीं आ रहा है। अपराधी बेखौफ जब जहां चाहते हैं अपराधिक घटना को अंजाम दे कर आसानी से निकल जा रहें हैं। अब तो भीड़ भाड़ वाले इलाकों में भी गोलियां चलने लगी है। जी हां हम बात कर रहे हैं जलालपुर थाना क्षेत्र के बहरीपुर गांव की जहां पर आई बरात में बदमाशों ने एक शिक्षक नेता को गोली मारकर घायल कर दिया। गंभीर अवस्था में उन्हें वाराणसी के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस अब अंधेरे में तीर चला कर छानबीन करने का दावा कर रही है। बतादे बीती रात को मड़ियाहूं कोतवाली क्षेत्र के देवापार गांव निवासी एवं जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के मड़ियाहूं ब्लाक अध्यक्ष रायसाहब यादव 48 एक बरात में शामिल होने जलालपुर थाना क्षेत्र के बहरीपुर गांव गए थे। बरात सिरकोनी क्षेत्र के इजरी धौरहरा गांव निवासी अनिल यादव के घर से गई थी। बताया जा रहा है कि बरात में ही शामिल कुछ अराजक तत्वों से रायसाहब का किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। रात में करीब साढ़े आठ बजे रायसाहब

किसानों के मुद्दे को लेकर कांग्रेस एनसीपी बाम दल आज राष्ट्रपति से वार्ता करेंगे

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दिल्‍ली बार्डर पर 13 दिन से डेरा डाले किसानों के आंदोलन को भाजपा नीत सरकार भले ही वार्ता के जाल में उलझाए रखना चाहती है लेकिन इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजनीतिक के पुराने महारथी शरद पवार ने राष्‍ट्रपति से मुलाकात का वक्‍त लेकर बड़ा राजनीतिक दांव चल दिया है। अब राष्‍ट्रपति के रुख पर किसानों के आंदोलन का भविष्‍य निर्भर है। केंद्र की मोदी सरकार के कृषि संबंधी तीनों कानून को लेकर पिछले दिनों से देशव्‍यापी हंगामा मचा हुआ है। भाजपा की ओर से किसान आंदोलन को राजनीति प्रेरित बताकर इसकी गंभीरता को कम करने की कोशिश की जा रही है। इस बीच किसानों के भारत बंद को गैर भाजपा दलों ने पूरे देश में अपना समर्थन देकर आंदोलन का साथी बनना स्‍वीकार कर लिया है। इससे भी एक कदम आगे बढते हुए कांग्रेस, एनसीपी और कम्‍यूनिस्‍ट दलों ने आज बुधवार को राष्‍ट्रपति से मिलने का वक्‍त भी ले लिया है। इससे साफ है कि गैर भाजपाई राजनीतिक दलों ने अपनी मंशा साफ कर दी है। इन दलों ने किसानों के आंदोलन को अपना राजनीतिक समर्थन देने के साथ ही उनकी लड़ाई लड़ने के लिए भी खुद को आगे कर दिया है। यह वह क्षण है जो भाजपा