सभी सभ्यताओं ने गांधी के सत्य को स्वीकारा: प्रो. सुंदरलाल
गांधी जी ने स्वच्छता को ईश्वर भक्ति माना: निर्मला एस मौर्या कुलपति जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित "वर्तमान परिप्रेक्ष्य में गांधी चिंतन की प्रासंगिकता" विषयक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन आज मंगलवार को अपराह्न किया गया। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि गांधीवादी चिंतक पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. सुंदरलाल ने कहा कि गांधी जी वैज्ञानिक ही नहीं प्रयोगधर्मी थे।देश और समाज में बदलाव के लिए वह अक्सर इन प्रयोगों को किया करते थें। उन्होंने सत्यव्रत को परिभाषित करते हुए कहा कि विश्व की सभी सभ्यताओं ने गांधी जी के सत्य को स्वीकारा। उन्होंने कहा कि गांधी के सत्यव्रत को व्यक्ति को दिनचर्या के साथ- साथ सामाजिक आचार विचार में लाने की जरूरत है। उन्होंने ब्रह्मचर्य को परिभाषित करते हुए कहा कि इसका मतलब स्वयं पर भरोसा रखना दिनचर्या में अनुशासन लाना और समय का सम्मान करना है। विश्वविद्यालय के कुलपति वेबिनार की मुख्य संरक्षक प्रो.निर्मला एस. मौर्या ने स्वराज को स्वरोजगार से जोड़कर कहा कि उद्यमशील बन कर ही हम स्वरा