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Showing posts from May 28, 2022

गौतमबुद्ध नगर के डीएम सुहास एल वाई को हाईकोर्ट ने किया तलब, जानें क्या है मामला

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देश की राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली से सटे यूपी के गौतमबुद्ध नगर के डीएम सुहास एलवाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तलब किया है. दरअसल रेरा के आदेश का पालन ना करने पर जिलाधिकारी के खिलाफ यह कार्रवाई हुई है. जानकारी के मुताबिक, कोर्ट ने बायर की शिकायत पर डीएम को बिल्डर रुद्रा बिल्डवल इंफ्रा के खिलाफ वसूली करने का आदेश दिया था. जबकि प्रशासन के सुस्‍त रवैये के कारण यह काम पूरा नहीं हो सका. इसी वजह से कोर्ट ने डीएम को तलब किया है. बहरहाल, बायर द्वारा 2015 में बिल्डर रुद्रा बिल्डवल इंफ्रा में एक फ्लैट बुक कराया था. वहीं, 45 लाख 82 हजार रुपये देने के बावजूद भी बिल्डर ने फ्लैट नहीं दिया था. उसके बाद बायर ने रेरा में शिकायत दर्ज कराई थी. वहीं, रेरा ने बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जिलाधिकारी को पत्र जारी कर वसूली करने का आदेश दिया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीएम से मांगी रिपोर्ट जानकारी के मुताबिक, गौतमबुद्ध नगर प्रशासन के ढीले रवैये के कारण काफी समय बीत जाने पर भी बिल्डर के खिलाफ वसूली की नहीं की कार्रवाई गई. इसके बाद पीड़ित बायर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्याय की गुहार लगाई. वहीं, ह

गौराबादशाहपुर में गरजा सरकारी बुलडोजर, मुक्त हुई एक करोड़ रुपए कीमत की सरकारी जमीन

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जौनपुर। आज ज्वाइंट मजिस्ट्रेट हिमांशु नागपाल के नेतृत्व में नगर पंचायत गौराबादशाहपुर स्थित तालाब पर सरकारी बुलडोजर गरजे और एक करोड़ कीमत की सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त कराया गया है। इस संदर्भ में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट हिमांशु नागपाल द्वारा अवगत कराया गया है की नगर पंचायत गौराबादशाहपुर में डीह बाबा के मंदिर के समीप तालाब पर हुए अतिक्रमण को कब्जामुक्त कराया गया ।उक्त तालाब पर कई वर्षो से कब्ज़ा कर उसपर कमरे बनाए गए थे एवं खेती भी की जा रही थी। 1 एकड़ के इस तालाब में एक दबंग भू-माफिया द्वारा 8 कमरे एवं खेती कर अपने निजी उपयोग में लाया जा रहा था। कब्जामुक्त कराई गई इस भूमि कि बाजारी मूल्य लगभग 1 करोड़ है।उक्त तालाब कि खुदाई एवं सुंदरीकरण नगर पंचायत गौराबादशाहपुर द्वारा कराया जाएगा। मौके पर थाना गौरा एवं तहसील सदर के टीम मौजूद रही।

ज्ञानवापी में होगी वजू करने की वैकल्पिक व्यवस्था तैयारी शुरू विवादित स्थल हुआ सील,जानें क्या होगी व्यवस्था

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 वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के दौरान कथित शिवलिंग मिलने के दावे के बाद से हलचल तेज हो गई है। हिंदू पक्ष जहां इसे अपनी जीत की तरह पेश कर रहा है, वहीं मुस्लिम पक्ष शिवलिंग के दावे को सिरे से खारिज कर रहा है। अदालत के आदेश पर वजूखाने (शिवलिंग का स्थान) को सील किए जा चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी के जिलाधिकारी को मस्जिद में वजू की वैकल्पिक व्यवस्था किए जाने का आदेश दिया है। इस आदेश के मद्देनजर जिला प्रशासन इसकी तैयारी शुरू कर दी है।  मस्जिद के आंगन में बनेगा अस्थाई वजूखाना मिली जानकारी के मुताबिक, जिला प्रशासन सोमवार से वजू की वैकल्पिक व्यवस्था शुरू करा सकता है। मस्जिद के आंगन में ही अस्थाई वजूखाना बनाए जाने की तैयारी है। आंगन में जिस जगह अस्थाई वजूखाना बनाया जाना है, वह प्रवेश द्वार के ठीक बगल की जगह हो सकती है। बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन ने इसे लेकर मस्जिद की इंतजामिया कमेटी से बात कर उसे इस पर राजी कर लिया है। अस्थाई वजूखाने के लिए मस्जिद में किसी प्रकार का ठोस निर्माण नहीं कराया जाएगा। न कोई चबूतरा बनेगा और न ही कोई हौज बनाया जाएगा। प्रशासन की कोशिश ह

लेखपाल के लापरवाही पूर्ण कृत्य पर डीएम हुए नाराज एसडीएम से जांच कर मांगी आख्या

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जौनपुर। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में थाना गौराबादशाहपुर में थाना समाधान दिवस का आयोजन किया गया। समाधान दिवस के अवसर पर 14 शिकायतें जिलाधिकारी के समक्ष प्राप्त हुई, जिसपर जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि लेखपाल एवं पुलिस की टीम संयुक्त रुप से मौके पर जाकर निस्तारण कराएं। जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए कि ग्राम प्रधान यदि रिकॉर्ड में रास्ता है तभी नये रास्ते बनवाए, बिना उपजिलाधिकारी के अनुमति के कोई नया रास्ता नहीं बनाया जाए। ग्राम पंचायत उमरी के ओमप्रकाश सिंह के द्वारा शिकायत की गई की उनके जमीन पर अवैध कब्जा किया जा रहा है, सूचना देने पर भी लेखपाल मनोज राठौर के द्वारा समुचित कार्यवाही नहीं की गई जिस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उप जिलाधिकारी सदर हिमांशु नागपाल को जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिये गए। समाधान दिवस के अवसर पर मुख्य रूप से भूमि विवाद की शिकायतें अधिक आई। जिलाधिकारी ने परिसर में ही बन रहे बैरक के प्रगति की जानकारी ली और निर्देश दिया कि ससमय कार्य पूर्ण कराया जाए। इस दौरान जिलाधिकारी के द्वारा विस्तार से अपराध रजिस्टर, पूछताछ रजिस्टर, एससी

विकास खण्ड धर्मापुर कार्यालय का निरीक्षण करते हुए डीएम ने बीडियो को दिया यह निर्देश

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जौनपुर। अपने निरीक्षण अभियान के क्रम में आज जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने खण्ड विकास अधिकारी कार्यालय धर्मापुर का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने खंड विकास अधिकारी काशीनाथ सोनकर को निर्देशित किया कि परिसर में जितने भी जर्जर भवन है, उन्हें तत्काल गिराने की कार्यवाही की जाए और परिसर में एक सुंदर पार्क बनाया जाए।  कार्यालय में एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हाल बनाये जाने के निर्देश भी दिए गए। जिलाधिकारी ने विकास खण्ड में मनरेगा के प्रोजेक्टों की जानकारी प्राप्त की और समय से पूर्ण कराने के निर्देश खण्ड विकास अधिकारी को दिया।  उन्होंने ग्रांट रजिस्टर, उपस्थिति पंजिका, भ्रमण पंजिका सहित कर्मचारियों के जीपीएफ एवं सर्विस बुक का विस्तृत निरीक्षण किया और निर्देश दिया कि निरीक्षण पंजिका एवं ग्रांट रजिस्टर को अपडेट किया जाए। अभिलेखों का रख-रखाव समुचित ढंग से किया जाए। जिलाधिकारी के द्वारा शौचालयों की समीक्षा की गई और निर्देश दिया गया कि पुराने शौचालयों का भी सत्यापन किया जाए।  प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण के दौरान उन्होंने पूछा कि प्रतिदिन कितनी ड

12 साल बेमिसालः अशोका इंस्टीट्यूट के कैंपस में अब शुरू होगा 'अशोका स्कूल आफ बिजनेसअमित मौर्य (वाइस चेयरमैन)

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साल 2010, वो जुलाई का महीना था, जब बनारस के इतिहास में एक सजग, जिम्मेदार और समुद्र जैसी गहरी जिद के साथ अशोका इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी एंड मैनेजमेंट की शुरुआत हुई थी। तब उत्तर प्रदेश और बिहार के उन तमाम अभिभावकों को यकीन दिलाया गया था कि हम उनके बच्चों को खरा सोना बनाएंगे। ऐसा सोना जिसकी चमक और उसकी आभा समूची दुनियां को दिखे। यहां स्टूडेंट्स देश-विदेश में परचम फहराएं। पिछले 12 सालों तक खूब मेहनत की गयी। जिस सोच, परिकल्पना के आधार पर अशोका इंस्टीट्यूट की नींव रखी गयी थी, आज वह सफलता की नई इमारत गढ़ रहा है। अब सीना तानकर कहा जा सकता हैं कि पूर्वांचल और पश्चिमी बिहार के स्टूडेंट्स के लिए बनारस जैसा कोई शहर नहीं है। अशोका इंस्टीट्यूट परिसर में एक नया कैंपस खुलने जा रहा है, 'अशोका स्कूल आफ बिजनेस'। इंजीनियरिंग, फार्मेसी और एमबीए की पढ़ाई से इतर अशोका स्कूल आफ बिजनेस में इसी साल शुरू होने जा रही है बीबीए और बीकाम की पढ़ाई। यह स्कूल अशोका इंस्टीट्यूट के परिसर में ही चलेगा, लेकिन अलग। समूची फैकेल्टी भी अलग होगी। नया कैंपस महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से संबद्ध होगा। हमारी

विद्यार्थी रोजगार के साथ राष्ट्र निर्माण के लिए काम करें : प्रो.सतोष सिंह

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विद्यार्थी अपने व्यक्तित्व को निखारेः प्रो. निर्मला एस. मौर्य जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में शनिवार को पूर्वांचल विश्वविद्यालय एलुमिनी मीट का आयोजन किया गया। इस मीट का आयोजन पूर्वांचल यूनिवर्सिटी एल्युमुनी एसोसिएशन (पूआ) द्वारा आयोजित किया गया था। पुरातन छात्रों को देखकर विद्यार्थियों के चेहरे खिल उठे और उत्साह का संचार महसूस करने लगे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि एवं पुरातन छात्र काशी हिंदू विश्वविद्यालय के डॉ. संतोष कुमार सिंह ने कहा कि विद्यार्थी रोजगार के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण के लिए काम करें। इसके लिए उन्हें प्रेरित करना विश्वविद्यालय का भी दायित्व है। विद्यार्थियों को शिक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना चाहिए। उनका मानना है कि विश्वविद्यालय शिक्षा से ही नहीं संस्कार और परंपरा से भी आगे बढ़ता है। पूर्वांचल के विद्यार्थियों में ऊर्जा की कमी नहीं है, पुरातन छात्रों को विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के विकास के लिए संकल्प लेना चाहिए। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफ़ेसर निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि हर व्यक्ति अपने आप में अनोखा

निर्माण कार्य में प्रगति कम रहने पर डीएम की भृकुटी हुई टेढ़ी अवर अभियंता के वेतन काटने का दिया आदेश

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जौनपुर। कलक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में हुई जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में जनपद की स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा की गई। निर्माण कार्य में प्रगति कम होने तथा बैठक में अनुपस्थित रहने पर चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के अवर अभियंता का एक दिन का वेतन काटने तथा स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया।अभियान के दौरान आयुष्मान कार्ड बनने पर तथा आयुष्मान कार्ड के माध्यम से मरीजों का इलाज कम होने पर जिलाधिकारी ने धर्मापुर और मड़ियाहूं के प्रभारी चिकित्साधिकारियों पर नाराजगी जताई और उन्हें चेतावनी देते हुए स्पष्टीकरण मांगा। उन्होंने महीने में 50 से भी कम इलाज करने वाले सभी ब्लॉक चिकित्सालयों को इसमें सुधार करने के लिए चेतावनी दी। इसके लिए धर्मापुर, करंजाकला, खुटहन, सिकरारा और सोंधी की स्वास्थ्य इकाइयों के प्रतिनिधियों पर नाराजगी जताई। जननी सुरक्षा योजना में भी उपलब्धि कम रहने पर नाराजगी जताई। वित्तीय सूचना उपलब्ध न करा पाने के लिए जिला लेखा प्रबंधक से स्पष्टीकरण मांगा। साथ ही भविष्य में वित्तीय अनियमितता रोकने के लिए मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) की अध्यक्षता में