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Showing posts from March 30, 2022

आइए जानते है पूर्वांचल विश्वविद्यालय से सम्बद्ध इन 27 महाविद्यालयो का प्रवेशपत्र क्यों रूका

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जौनपुर । पूर्वांचल विश्वविद्याय से संबद्ध 27 कालेजों ने बीएड प्रथम और तृतीय सेमेस्टर का परीक्षा फार्म अभी तक नहीं जमा किए हैं। इसके कारण इनका प्रवेशपत्र रोक दिया गया है। यदि ये कालेज दो अप्रैल तक परीक्षा रसीद और फार्म जमा नहीं करते हैं तो उन्हें 25-25 हजार विलंब शुल्क देना होगा। विलंब शुल्क के साथ 3 से 5 अप्रैल तक परीक्षा फार्म जमा किए जाएंगे। सहायक कुल सचिव परीक्षा अमृतलाल ने कहा कि बिना फीस रसीद जमा किए प्रवेशपत्र जनरेट नहीं किए जाएंगे। बाबू बैजनाथ प्रसाद महाविद्यालय केराकत, दियावांनाथ केवला शंकर महाविद्यालय जौनपुर, श्री वासुदेव महाविद्यालय गुतवन प्रथम, मां शारदा कालेज सुईथाकला जौनपुर शामिला हैं। इसी तरह मां वागेश्वरी देवी महाविद्यालय नसीरपुर गाजीपुर, आर गर्ल्स डिग्री कालेज रामपुर बलभद्रपुर गाजीपुर, रमाशंकर बालगोपाल महाविद्यालय नसीरपुर गाजीपुर, आदर्श एमडी महाविद्यालय तलवल गाजीपुर, मालती महिला महाविद्यालय जंगीपुर गाजीपुर, उदय प्रताप महाविद्यालय खेताबपुर गाजीपुर, आत्म प्रकाश आदर्श महाविद्यालय जंगीपुर गाजीपुर, चौधरी चरण सिंह महाविद्यालय जखनिया गाजीपुर भी शामिल हैं। इसी क्रम

मंत्रियों को एलाट हुए आवास जानें किसे कहां मिला आसियाना देखे सूची

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उत्तर प्रदेश की नवगठित राज्य सरकार में शामिल मंत्रियों को उनके बंगलों का आंवटन  आज राज्य सम्पत्ति विभाग की तरफ से कर दिया गया है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य  को कालीदास मार्ग स्थिति सात नम्बर बंगला दिया गया है। जबकि दूसरे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को विक्रमादित्य मार्ग स्थित तीन नम्बर बंगला एलाट किया गया है।  इसी तरह संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना को कालीदास मार्ग स्थित 10 नम्बर बंगला दिया गया है। अरविन्द कुमारशर्मा को मिला 14 नम्बर बंगला जबकि कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही को कालीदास मार्ग स्थित आठ नम्बर बंगला आवास के तौर पर दिया गया है। कालीदास मार्ग स्थित 14 नम्बर बंगला ऊर्जा मंत्री अरविन्द कुमारशर्मा को दिया गया है। 

नैक मंथन कार्यशाला तैयारी की कुलपति ने की समीक्षा

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जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति सभागार में बुधवार को नैक मंथन की कार्यशाला की तैयारी की कुलपति ने किया समीक्षा। इस अवसर पर नैक से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गई। साथ में प्रारंभ के तीन क्राइटेरिया पर गहन विशेष जोर दिया गया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि छात्रों,  अध्यापकों,  एंपलॉयर्स एवं एलुमनाई के फीडबैक को गूगल फॉर्म से भराया जाए। साथ ही साथ कंसलटेंसी गाइडलाइन बनाने के लिए तीन सदस्यी समिति गठित करने की गई। इसमें डॉ. प्रदीप कुमार,  डॉ. रजनीश भास्कर एवं डॉ. आशुतोष कुमार सिंह सदस्य रहेंगे। बताते चले कि डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ में नैक मंथन कार्यशाला चार और  पांच अप्रैल 2022 को आयोजित है। इसमें प्रतिभाग की तैयारी हेतु यह बैठक की गई है। बैठक में विश्वविद्यालय के कुलसचिव महेंद्र कुमार,  आइक्यूएसी. समन्वयक प्रो. मानस पाण्डेय, नैक एसएसआर अध्यक्ष प्रो. देवराज सिंह , प्रो. अशोक कुमार श्रीवास्तव, डॉ. धर्मेंद्र सिंह, डॉ. आशुतोष कुमार सिंह,  डॉ आलोक कुमार वर्मा,  डॉ प्रदीप कुमार,  डॉ. रजनीश भास्कर,

जिला पंचायत के इन अनुपस्थित अधिकारी और कर्मचारियों पर गिरी गाज, जानें क्या हुई कार्रवाई

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जौनपुर। जिलाधिकारी के आदेश पर अपर जिलाधिकारी भू-राजस्व राजनीश राय ने 30 मार्च 2022 को जिला पंचायत कार्यालय जौनपुर का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिला पंचायत कार्यालय की स्थिति अत्यन्त दयनीय मिली है। अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत जगप्रसाद मौर्य सहित अभियन्ता अखिलेश सिंह तथा अमर बहादुर सिंह, अनुराग श्रीवास्तव व अभिलाष कुमार व मनोज कुमार यादव अवर अभियन्ता तथा शत्रुधन प्रसाद वर्मा, कर अधिकारी, जिला पंचायत कार्यालय में अनुपस्थित थे और उपस्थिति में इनका नाम भी दर्ज नहीं था। उपरोक्त सभी सातो लोगों के पूरे माह का वेतन बाधित करते हुए इनके वेतन के आहरण- वितरण पर रोक लगाये जाने की संस्तुति पत्र जिलाधिकारी जौनपुर को भेजा गया है, जिसमें लेखाकार राधेरमण यादव 28, 29 व 30 तक लगातार अनुपस्थित रहे। प्रशासनिक अधिकारी धनंजय सिंह, वरिष्ठ लिपिक श्रीमती सविता श्रीवास्तव, कार चालक लल्लन प्रसाद यादव, वरिष्ठ लिपिक अशोक कुमार यादव, कनिष्ठ प्रो0 अभय राम, कनिष्ठ लिपिक श्रीमती मीरा देवी, अनुचर सत्य नारायण उपाध्याय, स्वीपर नियाज अहमद, दफदरी श्रीमती बबीता श्रीवास्तव, अनुचर श्रीमती

लोकसभा में गूंजी बदलापुर थाने की पुलिसिया करतूत,सांसद जौनपुर ने कठोर कार्रवाई की किया मांग

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  जौनपुर। जनपद के थाना बदलापुर पुलिस की दलित महिलाओ के उपर की गयी बर्बर पिटाई मामले की गूंज अब देश की सर्वोच्च पंचायत लोकसभा में पहुंच गयी है। अधिकारी दोषी पुलिस जनों के खिलाफ कार्यवाई कब करेंगे लेकिन थाना बदलापुर पुलिस की कारस्तानी अब देश और प्रदेश के सदन में गूंजने लगी।  यहां बता दे कि थाना बदलापुर क्षेत्र स्थित ग्राम देवरिया में विगत 20 मार्च 22 की एक घटना को लेकर उपजे मामले में थाना बदलापुर की पुलिस ने देवरिया गांव के दलित बस्ती की छह महिलाओ सहित दो पुरुषो कुल 08 को हिरासत में लेकर थाने गयी और रात्रि के समय ही सीसीटीबी कैमरा बन्द कर दलित महिलाओ को बड़ी बेरहमी के साथ पीटा इतना मारा कि महिलाओ की स्किन काली पड़ गयी थी।  घटना की जानकारी होने के पश्चात जनपद जौनपुर के सांसद श्याम सिंह यादव खासे गम्भीर हुए और घटना की अपने स्तर से जांच कराने के बाद इस घटना को लोकसभा में उठाते हुए कहा कि यूपी के राम राज टू की सरकार में छुट्टा जानवरो की तरह पुलिस भी छुट्टा हो गयी है। गांव के सामन्य लोंगो सहित सम्भ्रान्त जनों को थाने पर ले जा कर बेइज्जत करती हुई उनके साथ बदसलूकी कर रही है लेकिन उनके खिलाफ एक्

बढ़ती महंगाई के बीच अब केन्द्रीय कर्मचारीयों को सरकार का तोहफा,जानें कितना बढ़ा डीए

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देश में लगातार बढ़ रही महंगाई के बीच आज केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी है। मोदी सरकार ने अगले वित्त वर्ष के शुरू होने से ठीक पहले केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) में इजाफे का निर्णय लिया है। महंगाई भत्ते (डीए) को तीन प्रतिशत बढ़ाया गया है। देश में पेट्रोल–डीजल समेत खाने पीने की चीजों की कीमत में लगातार हो रहे इजाफे के बीच केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ये एलान राहतभरा बताया जा रहा है।  केंद्रीय कैबिनेट की हुई बैठक में केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) में तीन प्रतिशत इजाफा करने का निर्णय लिया गया। बढ़े हुए महंगाई भत्ते (डीए) का लाभ केंद्रीय कर्मचारियों को 01 जनवरी 2022 से मिलेगा। तीन प्रतिशत बढ़ोतरी के बाद अब केंद्रीय कर्मचारियों और पेशनभोगियों को 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलेगा। इससे पहले 31 फीसदी का प्रावधान था। केंद्र सरकार के कर्मचारियों को फिलहाल 31 फीसदी का डीए मिलता है। केंद्र सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक ही डीए में तीन फीसदी का इजाफा किया है। जिससे अब केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाला महंगाई भत्ता 34 प्रतिशत ह

क्या शिवपाल अखिलेश को झटका देने के मूड में है,पकड़ सकते है भाजपा की डोर? पढ़े खबर

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प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के मुखिया शिवपाल यादव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिलकर भतीजे अखिलेश यादव को झटका दे सकते हैं। शिवपाल सपा अध्यक्ष अखिलेश की उपेक्षा से नाराज चल रहे हैं। शिवपाल ने बुधवार को विधायक के रूप में शपथ ग्रहण की और मीडिया से बातचीत में कहा कि समय आने पर बताऊंगा। इस कारण वह मंगलवार को अखिलेश द्वारा बुलाई गई सहयोगी दलों की बैठक में भी शामिल नहीं हुए। सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों दिल्ली गए शिवपाल की भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात भी हो चुकी है। जल्द ही और नेताओं से भी मुलाकात के उनके कार्यक्रम हैं। चर्चा यह भी है कि भाजपा उन्हें राज्यसभा भेज सकती है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के कहने पर प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव ने सपा के साथ गठबंधन कर लिया था। उन्होंने अपना नेता अखिलेश को मानते हुए अपनी पार्टी तक कुर्बान कर दी थी। इसके बावजूद अखिलेश ने चाचा शिवपाल को न सिर्फ एक सीट दी बल्कि पार्टी में वह सम्मान भी नहीं दिया जिसकी उन्हें आस थी। शिवपाल ने अपनी पार्टी के कई नेताओं के नामों की सूची अखिलेश को टिकट देने

पशु तस्कर पकड़ने गयी एसटीएफ टीम को ग्रामीणो ने जानें क्यों घेर लिया, थाना पुलिस ने बचाई जान

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जौनपुर। खुटहन थाना क्षेत्र के इमामपुर गांव में मंगलवार की दोपहर पशु तस्कर को पकड़ने गई एसटीएफ की टीम को बदमाश समझकर ग्रामीणों ने घेर लिया। इस पर एसटीएफ जवान खुद को बचाने के लिए एक मकान में घुस गए। वहां से खुटहन और खेतासराय थाने पर सूचना दी। इसके बाद पुलिस बल के पहुंचने पर ग्रामीणों को सच्चाई का पता चल गया और वे घरों में घुस गए। इसके बाद वांछित और एक अन्य को एसटीएफ हिरासत में लेकर साथ ले गई। गांव निवासी लल्लू यादव पशु तस्करी के मामले में वांछित चल रहा था। मंगलवार को एसटीएफ की टीम सादे लिबास में उसके घर पहुंच गई और उसे दबोच लिया। लेकिन गांव में अफवाह उड़ गई कि कुछ बदमाश लल्लू का अपहरण कर ले जा रहे हैं। इस पर 10-12 ग्रामीणों ने लाठी डंडा लेकर टीम को घेर लिया। ऐसे में एसटीएफ के जवानों को एक घर में घुसना पड़ गया। इसके बाद एसटीएफ की सूचना पर वहां दो थाने की पुलिस पहुंच गई। इस पर ग्रामीण खिसक लिए। एसटीएफ टीम वांछित के अलावा गांव के एक और व्यक्ति को अपने साथ ले गयी। थानाध्यक्ष अश्विनी दूबे ने बताया कि एसटीएफ की टीम गांव में गई थी। नासमझी में ग्रामीण थोड़ा उग्र हो गए थे।