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Showing posts from October 19, 2022

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व स्तर पर भारत को किया कमजोर- नकुल दुबे

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जौनपुर। जनपद आगमन के दौरान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नव नियुक्त प्रान्तीय अध्यक्ष पूर्व कैबिनेट मंत्री नकुल दूबे नईगंज स्थित एक पत्रकार के आवास पर मीडिया के लोगो से बातचीत करते हुए कहा कि कहा कि कांग्रेस अपने नये निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में 2024 के लोकसभा चुनाव में केंद्र की भाजपा मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए निकल पड़ी है। राहुल गांधी की पदयात्रा से बौखलाई भाजपा अब झूठ का सहारा लेने पर मजबूर है इससे ये बात साबित होती है कि भाजपा की नींव हिल चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व स्तर पर भारत को कमजोर किया है आज रूपया 83 रू. डॉलर के मुकाबले पहुंच गया है। आर्थिक व्यवस्थाएं चरमरा चुकी हैं। स्थानीय निकाय चुनाव की चर्चा करते हुए श्री दुबे ने कहा कांग्रेस पूरे दमखम के साथ पूरे प्रदेश में चुनाव लड़ेगी और वार्ड स्तर से लेकर चेयरमैन व महापौर पद पर अपनी पार्टी का झंडा लहराती हुई नजर आयेगी। उन्होंने कहा कि  प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अब पूरी तरह से फेल हो चुकी है अपराध को अंकुश लगा पाने में ये सरकार पूरी तरह नाकाम है। महिलाओं का उत्पीड़न व दुष

निर्वाचक नामावली के लिए 01 से 07 नवंबर आपत्ति आहुत- राम प्रकाश एडीएम

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जौनपुर। अपर जिलाधिकारी (वि0रा0)/निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (निगरीय निकाय) रामप्रकाश ने सर्व साधारण को अवगत कराया है कि राज्य निर्वाचन आयोग उ0प्र0 लखनऊ की अधिसूचना द्वारा नगरीय निकायो की निर्वाचक नामावली का समय सारणी के अनुसार पुनरीक्षण कराये जाने का निर्देश दिया गया है। ड्राफ्ट निर्वाचक नामावली का प्रकाशन 31 अक्टूबर 2022, ड्राफ्ट के रूप में प्रकाशित निर्वाचक नामावली का निरीक्षण तथा दावे एवं आपत्तियाँ प्राप्त करना 01 नवम्बर, 2022 से 07 नवम्बर 2022 तक, दावे और आपत्तियों का निस्तारण 08 नवम्बर, 2022 से 12 नवम्बर 2022 तक, दावे  और आपत्तियों के निस्तारण के उपरान्त पूरक सूचियों की पाण्डुलिपियों की तैयारी तथा उन्हें मूल सूची में यथा स्थान समाहित करने की कार्यवाही 14 नवम्बर, 2022 से 17 नवम्बर 2022 तक, अन्तिम रूप से तैयार निर्वाचक नामावलियों का जनसामान्य के लिए प्रकाशन 18 नवम्बर 2022 तक किया जाना है। मतदाता अपना नाम सम्मिलित किये जाने हेतु 01 नवम्बर 2022 से 04 नवम्बर 2022 तक की अवधि में आयोग की वेबसाइट  http://sec.up.nic.in   पर भी आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। निर्वाच

एथिकल हैकिंग को बनाएं चमकदार करियर, कमाएं मोटा मुनाफाः डा.मयंक

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अशोका इंस्टीट्यूट  में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार “टेक यात्रा-2022” का समापन वाराणसी। अशोका इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालाजी एंड मैनेजमेंट में आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार “टेक यात्रा-2022” के आखिरी दिन काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कंप्यूटर साइंस विभाग में एथिकल हैकिंग विशेषज्ञ डा. मयंक स्वर्णकार ने कहा कि समूची दुनिया में भारतीय हैकर्स का दबदबा बढ़ रहा है। साइबर एक्सपर्ट के रूप में पहचाने जाने वाले बड़ी तदाद में एथिकल हैकर्स कानूनी तौर पर मोटी कमाई कर रहे हैं। एथिकल हैकिंग एक पाजिटिव हैकिंग है, जो किसी भी संस्था को बुरे हैकरों से बचाने का काम करती है। जहां भी इंटरनेट है, वहां हैकिंग है और स्कैम संभव है। एथिकल हैकिंग के क्षेत्र में स्टूडेंट्स अपना करियर चमकदार बना सकते हैं। अशोका इंस्टीट्यूट के स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए डा. मयंक ने कहा कि आमतौर पर युवाओं के पास काफी समय होता है और बहुत कुछ नया जानने की इच्छा भी होती है। साइबर हैकिंग उनके लिए रोमांच की तरह होता है। बहुत से यूथ हैकिंग के जरिये दोस्त का फ़ेसबुक अथवा व्हाट्सएप हैक कर उनके सभी मैसेज पढ़

फसल अवशेष प्रबंधन उपाय से खेत और पर्यावरण को बचाएं,पराली जलाने वाले किसान अनुदान से होंगे वंचित - डीएम जौनपुर

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जौनपुर। कृषि विभाग द्वारा बुधवार को कलेक्ट्रेट स्थित प्रेक्षागृह में फसल अवशेष प्रबंधन कार्यक्रम योजना अंतर्गत जनपद स्तरीय गोष्ठी आयोजित की गई जहा किसानों को फसल अवशेष न जलाने के लिए प्रशिक्षित किया गया।गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि खेतों में फसल अवशेष जलाने से खेत की मिट्टी के साथ-साथ वातावरण पर भी दुष्प्रभाव पड़ते हैं। यथा - मृदा के तापमान में वृद्धि, मृदा की सतह का सख्त होना, मुख्य पोषक तत्व जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश की उपलब्धता में कमी एवं अत्यधिक मात्रा में वायु प्रदूषण आदि जैसे नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं, इसलिए किसानों को फसल अवशेष खेतों में कदापि नहीं जलाने चाहिए बल्कि इनका उपयोग मृदा की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए करना चाहिए। यदि इन अवशेषों को सही ढंग से खेती में उपयोग करें तो इसके द्वारा हम पोषक तत्वों के एक बहुत बड़े अंश की पूर्ति कर सकते हैं। मुख्य विकास अधिकारी साईं तेजा सीलम ने बताया कि रबी फसलों हेतु कृषि निवेशों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कर ली गयी है, पराली प्रबंधन हेतु ग्रामपंचायत वार जागरूकता पैदा कर पराली को मृ

जौनपुर में डेंगू से मचा हाहाकार, मौत का सिलसिला भी शुरू,जिम्मेदार गम्भीर क्यों नहीं ?

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जौनपुर। जनपद में लगातार डेंगू के मरीज बढ़ने से जहां आम जनमानस के बीच डेंगू से हो रही मौतो के चलते हाहाकार मचा है वहीं पर स्वास्थ्य विभाग से लेकर जिला प्रशासन के अधिकारी गण उपचार और बचाव के ठोस कदम उठाने के बजाय केवल सरकारी बयान बाजी करते हुए कागजी बाजीगरी का खेल करते हुए अपनी पीठ स्वयं थपथपाने में लगे हुए है। डेंगू लगभग रोज तीब्र गति से अपना पांव पसार रहा है जिससे सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि जिम्मेदार लोग कितने सक्रिय एवं बचाव के प्रति गम्भीर है। जिला प्रशासन के एक अधिकारी का मानना है कि यूपी के अन्दर जौनपुर डेंगू के मरीजो के मामले में तीसरे चौथे स्थान पर है। अधिकारी का बयान साफ संकेत करता है कि डेंगू जिले में कितनी भयावह स्थिति में पहुंच गया  है। यहां बता दे कि जनपद का स्वास्थ्य विभाग कोई आंकड़ा तो नहीं बता रहा है। लेकिन अभी तक लगभग आधा दर्जन के आसपास लोंगो को डेंगू अपनी चपेट में लेते हुए काल के गाल में भेज दिया है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग अथवा प्रशासन के सरकारी अभिलेख में मरने वाले डेंगू पीड़ित मरीजो का कोई जिक्र इसलिए नहीं ताकि उच्च स्तरीय जबाव देही से बचा जा सके। कितने

स्व मुलायम सिंह अंत्येष्टि कार्यक्रम से अपर्णा की दूरी जानें क्या दे रही है संकेत

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सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद उनकी अंत्येष्टि के कार्यक्रमों में मुलायम की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के पुत्र प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव ने दूरी बनाए रखी. सोमवार को जब अस्थि विसर्जन के लिए पूरा परिवार उत्तराखंड गया था, उस दौरान पूरे परिवार के साथ कार्यक्रम में प्रतीक यादव तो शामिल हुए किंतु उनकी पत्नी अपर्णा यादव नहीं दिखाई दीं. हालांकि अखिलेश यादव के साथ उनकी पत्नी डिंपल यादव कार्यक्रम में मौजूद रहीं. सैफई में शोक संवेदना व्यक्त करने आए हजारों लोगों में दबी जुबान इस विषय की चर्चा होती रही. कुछ लोगों ने यह भी कहा कि जब सभी सगे रिश्तेदारों ने सिर मुंडवाया, तो प्रोफेसर राम गोपाल इससे दूर क्यों रहे, जबकि रिश्ते में चाचा प्रोफेसर रामगोपाल अखिलेश के खानदान के ही हैं और उनके बहुत निकट माने जाते हैं. गौरतलब है कि सोमवार को मुलायम सिंह यादव की अस्थि विसर्जन के लिए दो जहाजों से कुल 16 लोग उत्तराखंड गए थे. इनमें अखिलेश यादव, शिवपाल सिंह यादव, डिंपल यादव और प्रोफेसर रामगोपाल यादव सहित परिवार के अन्य सदस्य शामिल थे. पिछले कुछ वर्षों में जब से मुलायम सिंह

दीपोत्सव के पहले कुम्हार उद्योग को लगे पंख मिट्टी के दीपों को बनाने का सिलसिला शुरू

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जौनपुर। दीपों के पर्व दीपावली की तैयारी हर तरफ तेज हो गई है। बाजार में गणेश-लक्ष्मी की प्रतिमाओं के साथ आर्टिफिशियल रंगोली, फूल-फत्ती के साथ ही रंग-पेंट की दुकानें सज गई हैं। वहीं दूसरी ओर गांव से लेकर शहर तक मिट्टी के दीया व खिलौने बनाने में जुटे कुम्हारों के चाक की रफ्तार भी तेज हो गई है। हर तरफ दीपोत्सव को लेकर उत्साह देखा जा रहा है। दीपों का पर्व दीपावली नजदीक आते ही कुम्हारों के चाक की रफ्तार तेज हो गई है। रोशनी के इस त्योहार पर वह दीया, मिट्टी के खिलौने आदि बनाकर अच्छी कमाई करने में जुट गए हैं। इस काम में उनका पूरा परिवार लगा है। मिट्टी के दीये मेंं तेल व घी का दीपक जलाना पर्यावरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। आधुनिकता की चकाचौंध में प्लास्टिक के बर्तनों के प्रचलन, बिजली के रंग-बिरंगे झालरों व मोमबत्तियों ने भले ही कब्जा कर लिया है, लेकिन आज भी मिट्टी के दीये व खिलौैने का स्थान बना है। दीपावली में बच्चों की पसंद मिट्टी के बने गुल्लक और खिलौने होते हैं। कारीगर बच्चों को आकर्षित करने के लिए सामान्य गुल्लक के साथ ही डिजाइनर सिलिंडर, तो कोई मिकी माउस