कुख्यात माफिया के अंडरग्राउंड क्राइम की जड़ों को पुलिस ने खोदा तो माफिया अजीत शाही, अजीत वीर विक्रम सिंह के रूप में सामने आया है। जांच में पता चला कि माफिया अपना नया नाम अजीत वीर विक्रम सिंह और पता डी-283 इंदिरानगर, लखनऊ का दर्ज कराकर एक नया आधार कार्ड भी बनवा लिया। इसी का इस्तेमाल कर ठेका और दूसरे काम करता है। किसी को शक न हो, इसलिए अजीत शाही नाम से भी एक आधार कार्ड बनवाकर रखा था। चूंकि अजीत वीर विक्रम सिंह पर एक भी केस दर्ज नहीं है। इस वजह से माफिया ने आसानी से चरित्र प्रमाण पत्र भी हासिल कर लिया। गीडा में प्राइवेट कंपनी के यार्ड को भी उसने इसी नाम पर हासिल किया है। लेकिन अब दरोगा आलोक राय की तहरीर पर गीडा पुलिस ने केस दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है। खबर है कि माफिया के संपत्तियों का भी पुलिस ब्योरा जुटा रही है। वर्तमान में अजीत शाही ने अजीत नाम लिखकर समस्त रिकॉर्ड दाखिल किए हैं। माफिया जिस मुकदमे में जेल में बंद हैं, उसमें भी सभी प्रक्रिया अजीत के नाम से की गई है। जबकि, अभी तक पुलिस, प्रशासन या न्यायालय तक में यह सूचना नहीं दी गई है। पुलिस की जांच में पता चला है कि माफिया...