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Showing posts from August 6, 2021

बीएड की प्रवेश परीक्षा: दूसरे की जगह परीक्षा दे रहा पकड़ा गया मुन्नाभाई, एसटीएफ ने किया गैंग का खुलासा

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एसटीएफ ने शुक्रवार को बीएड की परीक्षा में सॉल्वर गैंग का खुलासा किया है। दूसरे की जगह परीक्षा दे रही एक युवती समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया आरोपी शिक्षक है।  महिला अभ्यर्थी फरार है। इस गैंग से जुड़े अन्य आरोपियों की तलाश चल रही है।  सीओ एसटीएफ नवेन्दु सिंह ने बताया कि बीएड की परीक्षा में सॉल्वर गैंग की निगरानी की जा रही थी। मुखबिर से सूचना मिली की पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री कॉलेज हंडिया में कोरांव की  रहने वाली ऊषा  देवी की जगह कोई दूसरी महिला परीक्षा दे रही है। एसटीएफ ने छापेमारी करके ऊषा की जगह परीक्षा दे रही नोएडा की दीक्षा को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से फर्जी कागजात भी बरामद हुए हैं। पूछताछ के बाद एसटीएफ ने इस गैंग से जुड़े शिक्षक बालेंद्र सिंह पटेल को भी पकड़ लिया।  पूछताछ में जानकारी मिली कि दीक्षा फतेहपुर की रहने वाली है और नोएडा में प्राइवेट नौकरी करती है। उसके पति से तलाक हो चुका है। वह विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पैसा लेकर दूसरे की जगह परीक्षा देती रही है। इससे पहले भी वह सुपर टेट समेत पांच अन्य परीक्षाओं में बैठ चुकी है। प्रतियोगी परीक्षाओं म

प्रदेश की डीजीपी की नियुक्ति को लेकर हाईकोर्ट में याचिका जानें क्या लगाये गए है आरोप

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हमेशा विवादों से घिरे रहने वाले सूबे के डीजीपी मुकुल गोयल एक बार फिर विवादों के घेरे में घिर गए हैं। अब यह नया विवाद उनको डीजीपी  बनने को लेकर है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका डाली गयी है, जिसमें याची ने पूछा है कि पूर्व में पुलिस भर्ती घोटाले के आरोपी सीनियर आईपीएस मुकुल गोयल को अखिर सरकार ने सूबे के डीजीपी पद पर कैसे तैनात कर दिया है ? उनकी नियुक्ति की वैधानिकता को चुनौती याची अविनाश प्रकाश पाठक ने दी है। याची अविनाश प्रकाश पाठक की ओर से दाखिल की गई जनहित याचिका में कहा गया है कि डीजीपी मुकुल गोयल पर वर्ष 2005 में सूबे की पुलिस भर्ती में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप थे। उनके विरुद्ध लखनऊ के महानगर थाने में अभियोग भी पंजीकृत हुआ था। वर्ष 2007 में तत्कालीन मायावती सरकार ने जांच के आदेश भी दिए थे। तब तत्कालीन डीजीपी विक्रम सिंह ने इस प्रकरण की जांच भ्रष्टाचार निवारण संस्थान को सौंपी थी।‌ याची ने इस मामले की शिकायत वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री कार्यालय को प्रेषित की थी, जिस पर 23 फरवरी 2018 को गृह मंत्रालय में आईपीएस सेक्शन सचिव मुकेश साहनी ने पत्र भी लिखा

कुलपति की शख्त निगरानी में कोविड-19 गाइडलाइन के निर्देशानुसार हुई बीएड की प्रवेश परीक्षा

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जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर समेत विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में शुक्रवार को संयुक्त प्रवेश परीक्षा बीएड 2021-23  आयोजित की गई।  पहली पाली सुबह 9 बजे से 12 बजे तक और दूसरी पाली की परीक्षा दोपहर 2 बजे से शाम पांच बजे तक आयोजित की गई। जिले में कुल 196 केंद्रों पर परीक्षा आयोजित की गई। विश्वविद्यालय परिसर के उमानाथ सिंह इंजीनियरिंग संस्थान और प्रोफेसर राजेंद्र सिंह रज्जू भैया भौतिकीय संस्थान केंद्रों पर कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने सभी कक्षों में पहुंच कर परीक्षा व्यवस्था को देखा। उन्होंने केंद्राध्यक्षों को सख्त हिदायत दी कि हर हाल में शुचितापूर्ण परीक्षा संपन्न हो। वैसे विश्वविद्यालय परिसर में कोविड-19 की गाइड लाइन के अनुरूप परीक्षा की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थी। केंद्रों पर परीक्षा सीसीटीवी कैमरे से निगरानी में हुई। इसके अलावा कोरोना से सुरक्षा के मद्देनजर कोरोना किट भी सभी परीक्षा सेंटर पर उपलब्ध थी। प्रत्येक परीक्षा-केंद्र पर कोविड-19 को प्रोटोकॉल एवं निर्देशों का पूर्ण पालन कराया गया।  इसके

पुलिस की मौजूदगी में दबंगों ने फूंक दिया दलित का रिहायसी मड़हा, पुलिस जानें क्यों बनी रही मूक दर्शक

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पुलिस के समक्ष घटित घटना ने एक बार फिर प्रदेश की कानून व्यवस्था को सवालो के कटघरे में खड़ा किया है। जी हां चंदौली जिले के कंदवा थाना क्षेत्र के बकौड़ी गांव में गुरुवार की रात दो पक्षों में गली को लेकर विवाद हो गया। सूचना पर पहुंची डायल 112 पुलिस टीम अभी दोनों पक्षों को समझा-बुझा रही थी। इसी बीच एक पक्ष पुलिस के सामने ही दूसरे पक्ष के दलित परिवार की मड़ई (झोपड़ी) फूंक कर फरार हो गया।  पुलिस की मौजूदगी में मड़ई में आगलगी लगने से अफरा-तफरी मच गई। दोनों पक्षों के नौ लोगों को हिरासत में लेकर पुलिस अगली कार्रवाई में जुटी है। वहीं सीओ सकलडीहा शेषमणि ने पहुंचकर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया। बकौड़ी गांव निवासी कौशलेश उपाध्याय उर्फ राजू और दशमी राम का घर सटा है।  दोनों परिवार में गली को लेकर पुराना विवाद चल आ रहा है। दोनों पक्ष गली को अपना बता रहे थे। कुछ दिन पहले ही कंदवा थाने में दोनों पक्ष बीच पंचायत भी हुई थी। इसके बावजूद मामले का निस्तारण नहीं हो सका। दोनों पक्ष गुरुवार की एकबार फिर गली के विवाद को लेकर आमने-सामने आ गए। एक पक्ष ने डायल 112 पुलिस को सूचना दी। पुलिस टीम मौके

आखिर गैंगरेप पीड़िता को न्याय के लिए डीजीपी के चौखट तक क्यों जाना पड़ा,क्या इसका जबाब देगी जिले की पुलिस

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जौनपुर। जनपद में थाना कोतवाली क्षेत्र स्थित गैंगरेप की पीड़िता द्वारा लखनऊ स्थित डीजीपी कार्यालय पर न्याय की गुहार लगाने के मामले ने जौनपुर पुलिस को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है। आखिर जौनपुर की पुलिस ने गैंगरेप पीड़िता के साथ न्याय क्यों नहीं किया। कौन सी ऐसी परिस्थिति रही कि मुकदमा लिखने के बाद भी अभियुक्त गिरफ्तार नहीं किये गये।  खबर वायरल हुई है कि जनपद मुख्यालय की निवासिनी एक महिला लखनऊ स्थित डीजीपी कार्यालय के पास शिकायती पत्र लेकर गयी है। बताया जा रहा है कि महिला के साथ 2019 में 04 लोंगो द्वारा जबरिया गैंगरेप किया गया रेपिस्ट के खिलाफ तहरीर देने पर पुलिस ने मुकदमा तो लिखा लेकिन रेपिस्टों की गिरफ्तारी  नहीं किया। आरोप है कि आज तक अभियुक्त पुलिस हिरासत में नहीं लाये जा सके है।  पीड़िता का आरोप यह भी है कि गिरफ्तारी न होने से अभियुक्तों के हौसले बुलंद है और लगातार धमकियां भी दे रहे। इतना ही नहीं अभियोग पत्र न्यायालय पहुंचा और कोर्ट से एनवीडब्लू तक जारी है फिर भी उनकी सेहत पर कोई असर नहीं है  इस घटना के एक अभियुक्त के बिषय में पीड़िता का कथन है कि अभियुक्त साहिद हस

पत्नी को प्रेमी संग फरार होने पर पति ने किया आत्महत्या,बच्चे हुए अनाथ जानें पूरी क्या है घटना

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चार बच्चों और पति को छोड़कर प्रेमी के साथ भाग जाने पर पति ने आत्महत्या कर ली। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि परिजनों की तहरीर व पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।  बता दें कि बदायूं जिले में बीती देर रात एक पति ने पत्नी के वियोग में या यूं कहे बदनामी के डर से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मामला जिले के उघैती थाना क्षेत्र के मेवली गांव का है। यहां के रहने वाले प्रेमपाल की पत्नी का एक व्यक्ति के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था। गांव वालों और परिजनों के मुताबिक करीब 17 दिन पहले गांव मचलई के रहने वाले दूसरे समुदाय के व्यक्ति के साथ पत्नी फरार हो गई थी। प्रेमपाल किसी तरह अपनी पत्नी को मना कर वापस ले आया था। लेकिन उसकी पत्नी गुरुवार को सुबह फिर से उसी व्यक्ति के साथ चली गई। जिसके चलते प्रेमपाल ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।  प्रेमपाल को आत्महत्या करने से परिवार में कोहराम मच गया। वहीं मौके पर पहुंचे सीओ बिल्सी अनिरुद्ध सिंह व उघैती थाना पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पो

एनटी करप्शन टीम की कार्यवाई घूस लेते रंगेहाथ लेखपाल हुआ गिरफ्तार

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भ्रष्टाचार निवारण दल की कार्रवाई से मची अफरातफरी पैमाइश कर आख्या के लिए मांगा था 10 हजार रुपये  सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए कितनी भी कोशिश कर ले, लेकिन भ्रष्ट लोग अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे। भ्रष्टाचार निवारण दल ने लगभग पौने तीन बजे मेंहनगर थाना क्षेत्र के गौतम बाजार से लेखपाल मिथिलेश मौर्य को घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में मेंहनगर तहसील क्षेत्र के गोपालपुर निवासी श्रीराम चौहान ने शिकायत दर्ज कराई थी। दरअसल श्रीराम चौहान का एक मुकदमा एडीएम (एफआर) के यहां चल रहा है। उसमें जमीन का स्थलीय निरीक्षण के बाद जांच आख्या प्रस्तुत करनी थी। श्रीराम ने लेखपाल से संपर्क किया तो उसने 10 हजार रुपये की डिमांड कर डाली। आरोप है कि श्रीराम ने अपनी मजबूरी बताई तो लेखपाल ने कहा कि दूसरों से इसी काम का 20 हजार लेता हूं। जब श्रीराम को कोई रास्ता नहीं सूझा तो उन्होंने सामाजिक संगठन प्रयास के लोगों से संपर्क किया। संगठन के अध्यक्ष रणजीत सिंह ने मदद को ठानी तो श्रीराम का संपर्क एंटी करप्शन टीम से करा दिया। उसके बाद योजना के मुताबिक 10 रुपये की व्यवस्था कर श्

आइये जानते है शिक्षक भर्ती में आरक्षण के मुद्दे को लेकर आन्दोलन कारियों के बाबत अपर मुख्य सचिव का क्या रहा जबाब

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 उत्तर प्रदेश में 6900 हजार शिक्षक भर्ती के आरक्षण पीड़ितों ने अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार से मुलाकात की। अभ्यर्थियों ने मुख्य सचिव के सामने अपनी समस्या बताई और कहा कि ओबीसी को भर्ती में 27 परसेंट आरक्षण और एससी वर्ग 21 परसेंट का आरक्षण नहीं मिला है। वहीं आरक्षण पीड़ितों का कहना था कि हमने अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार से बात की और उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी। उनको पूरे मामले की जानकारी नहीं थी तो हम लोगों ने उन्हें हाई कोर्ट सारे आदेश की कॉपी दिखाई। जिसके बाद उन्होंने हम लोगों को आश्वासन दिया है कि उनकी समस्या का जल्द ही हल किया जाएगा और किसी का भी हक़ नहीं मारा जाएगा।  आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी काफी समय लखनऊ में प्रदर्शन कर रहे हैं। दरसअल लखनऊ में 69000 शिक्षक भर्ती आरक्षण पीड़ित OBC/SC अभ्यर्थी राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को लागू करवाने के लिए काफी समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। इनकी मांग है कि ओबीसी अभ्यर्थियों को भर्ती में 27% आरक्षण नहीं मिला है। भर्ती में ओबीसी वर्ग को मिला है सिर्फ 3.86% आरक्षण मिला है। वहीं एससी वर्ग के अभ्यर्थिय