लॉक डाउन : शिक्षा का माध्यम बनाऑनलाइन शिक्षा, इसके बड़े दुष्प्रभाव की संभावना भी है

                     
           

कोरोना वायरस(कोविड-19) के ख़ोफ़नाक दौर में जो, ऑनलाइन शिक्षा देने पर सरकार एवं विभाग के द्वारा बल दिया गया और उसे इस महामारी के काले दौर से धीरे धीरे गुजरने के बाद भी जारी रखने की संभवतया जो मंशा दिख रही है, इस पर समग्रता से विचार की दरकार है....
सरकार एवं विभाग से मेरा प्रश्न यह है कि ग्रीष्मावकाश में भी ऑनलाइन शिक्षा से ,क्या बच्चे खेलों एवं अन्य विविध प्रकार के अपने ब्यक्तित्व निर्माण, विकास के सहगामी कार्य कलापों से दूर नही हो जाएंगे,जिसके लिए वे इस अवकाश पर अपनी टकटकी लगाए रहते हैं?
मेरा मानना है कि 'कोरोना वायरस, के कारण हुए लॉक डाउन से, शिक्षा प्रभावित न हो, उसके लिए ऑनलाइन शिक्षा का 'वैकल्पिक सहारा, तो बेहद उचित था लेकिन इसे ग्रीष्मावकाश एवं आगे भी जारी रखना कहीं से भी उचित नही है क्योंकि इससे, छात्र छात्राएं खेलों एवं उन बिभिन्न प्रकार के प्रतियोगिताओं से दूर हो जाएंगे जो शिक्षा संस्थानों के जरिये ही प्राप्त होता रहा है।
दुःख तब बहुत होता है ,जब ऑनलाइन शिक्षा के साधन उपलब्ध न होने की जानकारी सरकार एवं विभाग  को होने के बाद भी, उन संसाधनहीन अभिभावकों को बिना कोई संसाधनयुक्त सहयोग दिए ही,आये दिन उत्तर प्रदेश के किसी न किसी जनपद के जिला विद्यालय निरीक्षक एवं बेसिक शिक्षा अधिकारी का 'तुगलकी आदेश , ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर ग्रीष्मावकाश में भी ,निर्गत किया जा रहा है।
आवश्यकता तो संसाधनहीन अभिभावकों के बच्चों  को, ऑनलाइन शिक्षा देने हेतु ,संसाधनयुक्त करने की है लेकिन इस पर, सरकार एवं विभाग चुप्पी साधे हुआ है, ऐसे में संसाधनहीन अभिभावक अपने बच्चे को, कैसे महंगे मोबाइल एवं अन्य डिवाइस दिला सकेंगे?
सही मायने में, ऑनलाइन शिक्षा से अपने प्रदेश में फायदों से ज्यादा नुकसान है।इसे ग्रीष्मावकाश एवं आगे भी औपचारिक रूप से लागू करना वेहद मुश्किल ही नही नामुमकिन सा है क्योंकि इसे सुचारू एवं प्रभावी करने के लिए प्रथमतया ,संसाधनयुक्त,प्रशिक्षित दक्षतायुक्त आवश्यक ढांचे को खड़ा करने की आवश्यकता है। अतः पहले सरकार एवं विभाग समय रहते संसाधनयुक्त बच्चों एवं ऑनलाइन शिक्षा हेतु प्रशिक्षित  कुशल शिक्षक को तैयार करने के अपने दायित्व का निर्वहन करे, साथ ही बहुत अच्छा होगा कि इस बात का जरूर ध्यान रखे कि बच्चों के समग्र विकास के लिहाज से भी इसकी एक सीमा रेखा अवश्य हो।
        डॉ गजाधर राय शिक्षक

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