पंचायत चुनाव: जाने कैसे किया जा रहा है गाँव से लेकर क्षेत्र एवं जिला पंचायतोंका आरक्षण
उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव की तैयारियों के बीच लोगों की नजर अब आरक्षण सूची पर है। इसी के आधार पर तय होगा कि इस बार कौन सा गांव कौन सी जाति या महिला-पुुरुष वर्ग के लिए आरक्षित हुआ है। उसी के बाद दावेदार अपना प्रचार और तेज करेंगे। इस सूची के आने के बाद कई संभावित उम्मीदवारों को झटका भी लग सकता है। इस बार क्षेत्र व जिला पंचायत में चक्रानुक्रम आरक्षण पूरा होने पर नये सिरे से आरक्षण तय किया जा सकता है। प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री चौधरी भूपेन्द्र सिंह ने ऐसे संकेत दिए हैं।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 में हुए पंचायत चुनाव में ग्राम पंचायतों का चक्रानुक्रम आरक्षण शून्य करके नये सिरे से आरक्षण तय किया गया था। मगर पिछले पांच चुनावों से जिला व क्षेत्र पंचायत में चक्रानुक्रम आरक्षण ही चल रहा है। इसलिए जिला व क्षेत्र पंचायतों के सदस्यों की सीटों का आरक्षण नये सिरे से तय किया जा सकता है। 2015 में प्रदेश में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव करवाने में सक्रिय भूमिका निभाने वाले पंचायतीराज विभाग के वरिष्ठ अधिकारी (अब सेवानिवृत्त) राकेश चतुर्वेदी ने पंचायतीराज मंत्री के इस कथन की तस्दीक करते हुए कहा कि क्षेत्र व जिला पंचायतों में चक्रानुक्रम आरक्षण पूरा हो चुका है इसलिए इन पंचायतों की सदस्य सीटों पर नये सिरे से आरक्षण का निर्धारण किया जा सकता है।
पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया जिला पंचायतों का आरक्षण राज्य मुख्यालय से तय होता रहा है और इस बार भी ऐसे ही होगा बाकी ग्राम पंचायत व क्षेत्र पंचायत की सीटों का आरक्षण जिला मुख्यालय से ही तय किया जाएगा। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि इस बारे में शासनादेश जारी किया जाएगा, आरक्षण की प्रक्रिया के लिए अभी समय है। उन्होंने बताया कि 15 मार्च से अप्रैल के पहले सप्ताह के बीच यूपी में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव करवा लिये जाएंगे। पंचायतीराज विभाग इसी समय सीमा के आधार पर अपनी तैयारी कर रहा है। परिसीमन पूरा होने के बाद आरक्षण निर्धारण की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
पंचायत चुनाव में सीटों के आरक्षण का चक्रानुक्रम फार्मूला
-पहले एसटी महिला, फिर एसटी महिला/पुरुष।
-पहले एससी महिला, फिर एससी महिला/पुरुष।
-पहले ओबीसी महिला, फिर ओबीसी महिला/पुरुष।
-अगर तब भी महिलाओं का एक तिहाई आरक्षण पूरा न हो तो इसके बाद अनारक्षित में महिलाओं की संख्या पूरी की जा सकती है।
Comments
Post a Comment