सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया सादीपुर गांव जंगल में बनने वाली सड़क का मामला,जाने क्या है पूरा मामला



जौनपुर। जनपद के विकास खण्ड सिरकोनी क्षेत्र स्थित ग्राम सादीपुर के जंगल खाते में बनने वाली सड़क का मामला अब देश की सर्वोच्च न्यायालय यानी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है सादीपुर गांव के जंगल में बन रही सड़क के  मामले को लेकर जिला से लेकर हाईकोर्ट तक लड़ने वाले सादीपुर निवासी उदयभान सिंह ने अब इस मामले को एक अपील के जरिए अपील संख्या 005732 एवं केश डायरी संख्या 8795/ 2021से अपील दायर किया है। 
यहां बतादे कि शासन स्तर से रसैना मार्ग से सादीपुर हरिजन बस्ती के लिए एक सड़क स्वीकृत है जो जंगल खाते की जमीन से दूर एक चकमार्ग से बस्ती तक पहुंचती है। लेकिन क्षेत्रिय जन प्रतिनिधि के सह पर इस गांव के जंगल की जमीन के मध्य से बगैर चक मार्ग के ही जबरिया विधायक के एक स्वजातीय ग्रामीण को बिशेष लाभ पहुंचाने के लिए सड़क बनायी जा रही थी। जबकि महज चन्द मीटर की दूरी पर स्थित चक मार्ग है लिए शासन से पैसा स्वीकृत हुआ था। सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के तहत जंगल की जमीन को बचाने के लिए गांव के उदयभान सिंह ने वीड़ा उठाया पहले तो जिला प्रशासन से सुप्रीम कोर्ट के गाइड लाइन के पालन की गुहार लगाया। 
यहां पर सत्ता धारी दल के क्षेत्रीय जन प्रतिनिधि के दबाव में जिला प्रशासन नतमस्तक रहा और याची की याचना सुनने के बजाय जबरिया सड़क बनवाने लगा। इसमें लोक निर्माण विभाग खासा दिलचस्पी ले रहा था। फिर उदयभान सिंह मामले को हाईकोर्ट लेकर गये वहां से आदेश कर पहले तो हाईकोर्ट ने जंगल खाते की जमीन पर बन रही सड़क को खोदवा दिया बाद में हाईकोर्ट ने सड़क बनाने का पूरा अधिकार फिर जिला प्रशासन को दे दिया।जिससे फिर सत्ता धारी दल के विधायक का दबाव पड़ते ही प्रशासन सुप्रीम कोर्ट के गाइड लाइन की अवज्ञा कर सकता है। 
इसी को दृष्टिगत रखते हुए उदयभान सिंह ने एक अपील याचिका सभी आदेशों एवं सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दिया है। याचिका रजिस्टर्ड होने के साथ ही सुनवाई के लिए लग चुकी है। ऐसा माना जा रहा है कि कोरोना संक्रमण काल खत्म होने के बाद मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपील याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार सहित जिलाधिकारी जौनपुर, एसडीएम सदर जौनपुर, अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग एवं जेई लोक निर्माण विभाग जौनपुर को प्रतिवादी बनाया गया है। खबर के अनुसार सभी पक्षकारों को नोटिस भी इजरा हो चुकी है। 
इस तरह यदि कहा जाये कि सत्ता धारी दल के विधायक की एवं ग्रामीण जनो के इस संघर्ष पूर्ण लड़ाई के बीच एक तो सरकारी पैसा गलत जगह लगा दूसरा अब धनराशि का कुछ अंश ठन्डे बस्ते में पड़ा है तो अतिशयोक्ति नहीं होगा।   

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