यूपी सरकार पर हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी, छोटे शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों की अनदेखी क्यों, कोर्ट ने दिया यह आदेश



अब यूपी के ग्रामीण इलाकों में कोरोना के मामले बढ़ने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चिंता जताई है. एक सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से ग्रामीण इलाकों व कस्बों में महामारी से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी मांगी है. योगी सरकार अब इस मामले में 11 मई को सुबह 11 बजे अपनी रिपोर्ट पेश करेगी.
अदालत का मानना है कि सरकार ने बड़े शहरों को ज़्यादा फोकस किया और ग्रामीण इलाके, कस्बे और छोटे शहरों में पर्याप्त इंतजाम नहीं किये. इसके अलावा हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सरकार से शारीरिक रूप से दिव्यांग लोगों के टीकाकरण की विशेष व्यवस्था को लेकर भी जवाब तलब किया. अदालत ने यूपी में वैक्सीन की कमी पर भी चिंता जताई और इसके लिए की जा रही टेंडर प्रक्रिया पर सवाल उठाए. अदालत ने कहा कि टेंडर प्रक्रिया लंबी होती है और राज्य को जल्द से जल्द ज़्यादा मात्रा में वैक्सीन की ज़रुरत है.
अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि जिस तरह से हालात खराब हो रहे हैं और तीसरी लहर की भी आशंका जताई जा रही है. ऐसे में सभी लोगों का जल्द से जल्द टीकाकरण बेहद जरूरी हो गया है. जब तक प्रत्येक व्यक्ति को टीका नहीं लग जाता, तब तक कोई सुरक्षित नहीं. अदालत ने सरकार से तत्काल वैक्सीन की व्यवस्था करने के बारे में उठाए जा रहे क़दमों की भी जानकारी मांगी.
तीन-चार महीने में सभी को लगे टीका- हाईकोर्ट
हाईकोर्ट ने निर्देश देते हुए कहा कि सरकार अगले तीन से चार महीने में यूपी में सभी लोगों के टीकाकरण की व्यवस्था करे. साथ ही अदालत ने रेमडेसिविर इंजेक्शन, ऑक्सीजन और ऑक्सीमीटर के साथ ही कुछ दवाओं की कालाबाजारी होने पर नाराज़गी जताई. अदालत ने मजिस्ट्रेटों व पुलिस अफसरों को ज़रूरी निर्देश दिए हैं.

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