कृषि विधेयक के विरोध में अब किसानों ने पकड़ी आन्दोलन की राह,आज देश व्यापी प्रदर्शन
केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा लाये गये कृषि विधेयक के विरोध में पूरे देश का किसान अब आन्दोलित हो कर सड़क पर आ गया है । हर स्तर पर इस समय पूरे देश में किसानों का प्रदर्शन कर रहा है। किसान केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ लगातार हल्लाबोल रहे हैं और सड़कों पर उतरे हैं। इस सबकी वजह है केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि संबंधी बिल। पंजाब से शुरू हुआ ये विरोध अब देश के कोने-कोने तक फैल चुका है। किसानों के इस विरोध को राजनीतिक पार्टियों का भी भरपूर समर्थन मिल रहा है।
अब भारतीय किसान यूनियन समेत विभिन्न किसान संगठनों ने आज देशभर में चक्का जाम करने का एलान किया है। इसमें 31 संगठन शामिल हो रहे हैं। वहीं केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों के इस युद्ध में किसानों को कांग्रेस, RJD, समाजवादी पार्टी, अकाली दल, AAP, TMC समेत कई पार्टियों का साथ भी मिल रहा है। इससे पहले पंजाब में तीन दिवसीय रेल रोको अभियान की गुरुवार से शुरुआत हो गई है। किसान रेलवे ट्रैक पर डटे हुए हैं और बिल को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
वैसे तो अब किसानों का ये प्रदर्शन पूरे देश में फैल चुका है। लेकिन इन कृषि बिलों की सबसे प्रमुख विरोधी पंजाब सरकार रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि किसान विरोधी बिल से उद्योगपतियों को फायदा है। वहीं पूरे देश में जारी विरोध के बीच के केंद्र सरकार की सहयोगी JDU ने बिल का समर्थन किया है। गुरुवार को नीतीश कुमार ने विरोधियों को कहा कि वे इस मुद्दे पर सियासत कर रहे हैं। इस बीच बीजेपी ने 15 दिन तक जनसंपर्क अभियान चलाने का फैसला किया है।
किसान पूरी तरह से इन बिलों के खिलाफ हैं। लेकिन किसानों की मुख्य चिंता MSP को लेकर है। कृषि मंडियों को लेकर है। किसानों को इस बात का डर है कि नए बिल के प्रावधानों की वजह से कृषि क्षेत्र पूंजीपतियों और कॉर्पोरेट घरानों के हाथों में चला जाएगा। कुछ संगठन और सियासी दल चाहते हैं कि MSP को बिल का हिस्सा बनाया जाए ताकि अनाज की खरीदारी न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे ना हो। जबकि सरकार साफ-साफ कह चुकी है कि MSP और मंडी व्यवस्था पहले की तरह ही जारी रहेगी।
संसद के दोनों सदनों ने जिन दो विधेयकों पर मुहर लगाई है, उनमें पहला कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020 और दूसरा कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 शामिल हैं। इन्हीं दोनों बिल को लेकर किसान सड़क पर हैं।
फिलहाल किसानों का विरोध आए दिन बढ़ता जा रहा है। किसानों ने इस विरोध के चलते आज पूरे देश में देशव्यापी बंद का एलान किया है। जिसमें किसानों को कांग्रेस, RJD, समाजवादी पार्टी, अकाली दल, AAP, TMC समेत कई राजनीतिक पार्टियों काभी साथ भी मिल रहा है। सपा तो आज उप्र में हल्ला बोल रही है।
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