पंचायत में निर्णय:अब इस गांव में किसी भी व्यक्ति के निधन पर नहीं होगी तेरहवीं, इस मद का पैसा जानें कहां होगा खर्च


जनपद वाराणसी स्थित हरहुआ विकास खंड के वाजिदपुर गांव में अब किसी भी व्यक्ति का निधन हो जाने के बाद उसकी तेरहवीं नहीं की जाएगी। इसके लिए मंगलवार को गांव में स्थित पंचायत भवन पर ग्रामीणों की एक सभा बुलाई गई। सभा में गांव के रहने वाले सभी लोगों द्वारा सामूहिक रूप से यह निर्णय लिया गया। ग्रामीणों ने कहा कि तेरहवीं करने की बजाय तेहरवीं में खर्च होने वाले रुपए से गांव के रहने वाले गरीब छात्र-छात्राओं को पढ़ाया जाएगा। इसके अलावा तेरहवीं के दिन गांव में पौधरोपण किया जाएगा। 
दरअसल, वाजिदपुर गांव में मंगलवार सुबह ग्राम प्रधान लालमन यादव और जिला पंचायत सदस्य मूलचंद यादव की अगुवाई में गांव के सभी लोगों की एक सभा बुलाई गई। सभा में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए ग्राम प्रधान लालमन यादव ने कहा कि आज के बाद गांव में किसी भी व्यक्ति के निधन हो जाने के बाद उसकी तेरहवीं नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिस किसी परिवार में किसी व्यक्ति का निधन हो जाता है उस परिवार में लोग पहले से ही दुखी रहते हैं उसके बाद भी तेरहवीं आयोजित की जाती है। तेरहवीं करने के लिए मृतक के परिजनों को काफी परेशान होना पड़ता है। इसे करने के लिए कई गरीब परिवारों द्वारा कर्ज तक लेने पड़ते हैं। ऐसे में गांव में अब तेरहवीं का सामूहिक रूप से बहिष्कार किया जाए। 
उन्होंने कहा कि इसके लिए एक कमेटी बनाई जाएगी और कमेटी में ही अपनी इच्छा अनुसार तेरहवीं में होने वाले खर्च को जमा कर दिया जाएगा। उसके बाद कमेटी द्वारा निर्णय लिए जाने के बाद उस रुपए को गांव के रहने वाले गरीब छात्र-छात्राओं के पढ़ाई लिखाई में खर्च किया जाएगा। इसके अलावा यदि किसी गरीब बेटी की शादी में समस्या हो रही है तो गांव के लोगों द्वारा उस व्यक्ति की मदद भी की जाएगी। 
इस दौरान जिला पंचायत सदस्य मूलचंद यादव द्वारा बताया गया कि मृतक व्यक्ति के तेरहवीं के दिन गांव में पंचायत भवन पर सभी लोग एकजुट होंगे और शोक सभा की जाएगी। शोक सभा करने के बाद मृतक के जितने बेटे रहेंगे उतने ही पौधे बेटों के ही हाथों से गांव में सार्वजनिक भूमि या मृतक की भूमि में फलदार पौधे लगाए जाएंगे। माता पिता की निधन के बाद उनकी निशानी के रूप में पौधों को ही याद किया जाएगा और पौधों की सुरक्षा तथा देखरेख की जिम्मेदारी बेटों की होगी। ऐसा करने से जहां पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी वहीं ग्रामीणों को पौधों से काफी लाभ भी मिलेगा।
इन सुझावों के बाद भग्गू यादव, बीडीसी धर्मराज यादव, सपा नेता रामनारायण यादव, जितेंद्र, अजय, कमलेश सहित अन्य ग्रामीणों और गांव के रहने वाले वृद्धजनों द्वारा इसे सही बताया गया और लोगों ने ग्राम प्रधान का समर्थन किया। समर्थन के बाद लोगों ने सामूहिक रूप से निर्णय लिया कि गांव में अब किसी भी व्यक्ति के निधन हो जाने के बाद तेरहवीं में आयोजित नहीं की जाएगी। निर्णय के बाद हरहुआ ब्लाक के चक्का ग्राम प्रधान मधुबन यादव, हरहुआ ग्राम प्रधान अनवर हाशमी, संजय पटेल, मोदी यादव, सूर्य प्रकाश, मुकेश पटेल सहित अन्य ग्राम प्रधानों द्वारा इसकी सराहना की गई।

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