जौनपुर के इस बदमाश ने लखनऊ की कोर्ट में संजीव जीवा को किया ढेर, मौके से हुआ गिरफ्तार

 
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात अपराधी संजीव जीवा की दिन दहाड़े लखनऊ सिविल कोर्ट के बाहर गोली मारकर हत्‍या कर दी गई।अचानक हुई इस घटना से पूरे कोर्ट पर‍िसर में हड़कंप मच गया। राजधानी लखनऊ के कोर्ट में बुधवार दोपहर अज्ञात बदमाशों ने गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी। फायरिंग के दौरान एक बच्ची को भी गोली लगी है। हत्यारा वकील की ड्रेस में था। घटना के बाद पकड़े गए एक बदमाश की पहचान विजय यादव पुत्र श्यामा यादव निवासी केराकत जिला जौनपुर के रूप में हुई है। पुलिस छानबीन में जुटी हुई है। हमले में एक सिपाही लाल मोहम्मद भी घायल हुआ है। हमले में घायल डेढ़ साल की बच्ची को बलरामपुर अस्पताल भेज दिया गया है। जहां उसका इलाज चल रहा है।
हमलावर वकील की ड्रेस में था और कोर्ट परिसर के बाहर वारदात को अंजाम दिया है। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है।
संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा ने वर्ष 1995 से संगीन घटनाओं को अंजाम दिया। संजीव जीवा अंतर राज्य गैंग का लीडर था। उसके खिलाफ हत्या, रंगदारी, लूट, डकैती, अपहरण, गैंगस्टर जैसी संगीन धाराओं में दो दर्जन मुकदमे दर्ज हैं। कोलकाता के एक व्यापारी के बेटे का अपहरण कर दो करोड़ की फिरौती मांगने से लेकर पूर्वांचल के भाजपा विधायक ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या के मामले में आरोपी था। 
जीवा माफिया डॉन प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी के बेहद करीबी माना जाता था। जीवा पर विधायक कृष्णानंद राय तथा पूर्व मंत्री ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या का भी आरोप है। भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के आरोपी मुन्ना बजरंगी की जेल में हत्या के बाद से ही सह अभियुक्त संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई थी।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ कोर्ट में हुई हत्या पर कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था का बुरा हाल है। प्रदेश में नियमित डीजीपी तक नहीं है। कार्यवाहक डीजीपी से काम चलाया जा रहा है। ऐसा तीसरी बार हुआ जब कार्यवाहक डीजीपी बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि क्या दिल्ली और लखनऊ का इंजन टकरा रहा है। लखनऊ में महिलाएं असुरक्षित हैं। हर जिले में महिलाओं के साथ घटनाएं हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि नोएडा में महिला वकील की हत्या हुई है। कन्नौज के सांसद चौकी में घुस कर पुलिस को पीट रहे हैं। कचहरी में हत्याएं हो रही हैं। सवाल यह नहीं है कि कौन मरा है सवाल ये है कि कहां मारा जा रहा है। कोर्ट में हत्या होना कानून व्यवस्था की पोल खोलता है। भाजपा के लोगों ने मंदिर में मांस रखवाया था। जिसकी वजह सं दंगा हुआ था।

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