पंचायत चुनाव के परिणाम जाने क्या दे रहे हैं संकेत, किसे हुआ फायदा तो किसे नुकसान



उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नतीजे अब घोषित हो चुके हैं. राजनीतिक दलों में अपने समर्थित उम्मीदवारों की जीत के दावे की होड़ मची है लेकिन जानकारों का कहना है कि बेहद स्थानीय स्तर पर होने वाले इन चुनावों और इनमें हावी रहने वाले स्थानीय मुद्दों के बावजूद, इनके परिणाम एक बड़ा राजनीतिक संदेश दे रहे हैं.

चार चरणों में संपन्न हुए पंचायत चुनावों की मतगणना दो मई से शुरू हुई और ज़िला पंचायत सदस्यों के अंतिम परिणाम आते-आते तीन दिन लग गए. इस चुनाव में सबकी निगाहें 3052 ज़िला पंचायत सदस्यों के निर्वाचन पर लगी थीं, जो बाद में अपने-अपने ज़िलों में ज़िला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव करते हैं. ज़िला पंचायत सदस्यों को राजनीतिक दलों ने अपना समर्थन दिया था और अब उसी आधार पर अपनी जीत के दावे कर रहे हैं.

राज्य के सभी 75 ज़िलों के परिणामों के आकलन से पता चलता है कि ज़िला पंचायत सदस्यों के चुनाव में समाजवादी पार्टी को सबसे ज़्यादा सीटें मिली हैं और उसके बाद भारतीय जनता पार्टी को.

इन चुनावों में समाजवादी पार्टी समर्थित 747 उम्मीदवारों को जीत मिली है, जबकि बीजेपी समर्थित 690 प्रत्याशी ही जीत पाए हैं. वहीं बहुजन समाज पार्टी ने भी 381, कांग्रेस पार्टी ने 76, राष्ट्रीय लोकदल ने 60 सीटें जीतने का दावा किया है. पंचायत चुनाव में पहली बार क़िस्मत आज़मा रही आम आदमी पार्टी ने भी क़रीब दो दर्जन सीटें जीतने का दावा किया है. जबकि बाक़ी  ज़्यादातर सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीती हैं.


Comments

Popular posts from this blog

यूपी में आठ पीसीएस अधिकारियों का हुआ तबादला,अजय कुमार अमबष्ट बने सीआरओ जौनपुर

डीएम जौनपुर पर हाईकोर्ट हुआ शख्त लगाया जुर्माना,18 दिसम्बर के पहले जमा करने का दिया आदेश

अब जौनपुर की अटाला मस्जिद का मामला पहुंचा हाईकोर्ट,जानिए मस्जिद के वक्फ बोर्ड ने दाखिल याचिका में क्या मांग किया है