आइए जानते है योगी सरकार ने किन मकानो की रजिस्ट्री निःशुल्क करने का फरमान जारी किया है


योगी सरकार ने प्राइवेट बिल्डरों को बड़ी राहत दी है। अब उन्हें ईडब्लूएस यानि निर्बल आय वर्ग के लिए बनाए जाने वाले मकानों की रजिस्ट्री का शुल्क नहीं देना होगा। इस बारे में स्टाम्प एवं पंजीयन विभाग की प्रमुख सचिव वीना कुमारी ने अधिसूचना जारी की है। अभी हाल ही में कैबिनेट ने इस बाबत निर्णय लिया था।

अभी तक यह सुविधा सिर्फ प्रदेश सरकार के अधीन संचालित विकास प्राधिकरणों और आवास विकास परिषद को ही हासिल थी। मंगलवार को जारी अधिसूचना के अधीन छूट तभी अनुमन्य होगी जबकि आवास आयुक्त, उ.प्र.आवास विकास परिषद, विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष या उनके विहित प्राधिकारी अथवा नामांकित अधिकारी ऐसे लिखत पर इस तथ्य की पुष्टि के प्रयोजन के लिए साक्षी के रूप में हस्ताक्षर करेंगे कि उक्त रजिस्ट्री कमजोर आय वर्ग के मकान के लिए की जा रही है।

वहीं दूसरी ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए यूपी-112 की मदद ली जाएगी। इसके लिए यूपी-112 में लिंक प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है, जिसके माध्यम से प्रदेश के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को आपातकालीन परिस्थितियों में न्यूनतम समय के भीतर पुलिस, चिकित्सा, फायर सर्विस आदि की सहायता उपलब्ध हो सकेगी। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया है कि इसकी शुरुआत यूपी-112 द्वारा पांच एजेंसियों के साथ पाइलट प्रोजेक्ट के रूप में जुलाई 2020 में की गई थी। ताजा घटनाक्रम में शासन द्वारा इस योजना को पूर्ण रूप से शुरू किए जाने के निर्देश दिए गए।

अवनीश अवस्थी ने बताया कि इसके तहत अब तक उक्त एजेंसियों की 9636 साईट्स की लोकेशन को यूपी-112 के साथ इन्टीग्रेट किया जा चुका है और इनमें से 4428 साईट्स का यूपी-112 की पुलिस रिस्पान्स व्हीकिल (पीआरवी) द्वारा मौके पर जाकर भौतिक सुरक्षा सर्वे किया जा चुका है। यूपी-112 द्वारा वेब पेज के मुख्य पृष्ठ पर उपलब्ध कराए गए  ‘लिंक 112 पंजीकरण’ ऑपशन के माध्यम से इस योजना में अब तक कुल 684 पंजीकरण हुए हैं, जिनमें से 17 पंजीकरण प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी द्वारा किए गए हैं। पंजीकृत प्राइवेट सिक्योंरिटी एजेंसियों के साथ यूपी-112 के एकीकरण की प्रक्रिया एजेंसी वार अलग-अलग चरण में जारी है और प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसियों द्वारा अपने स्तर पर केन्द्रीय कृत एलार्म रिसेप्शन सेंटर की व्यवस्था करने तक उन्हें 112 इण्डिया एप्प और यूपी-112 सिटीजन एप्प के माध्यम से पुलिस सहायता प्राप्त किए जाने की सुविधा उपलब्ध है।

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