झील,तालाब और पार्क की जमीनो पर बने घरो के खिलाफ एक बार फिर कार्यवाई को लेकर चर्चा


जौनपुर। शासन और कानून की तरफ से भले ही तालाबों को अतिक्रमण मुक्त करने का दावा किया जाता हो लेकिन नगर में तालाब व पार्क पर ही घर बना लिए गए। नगर को 16 सेक्टर में विभाजित कर 3650 भवनों को नोटिस भी जारी की गई थी। अब तक इन भवनों का नक्शा भी पास कराने की तैयारी है। भवन स्वामियों के आवेदन व गुहार लगाने पर जौनपुर महायोजना 2031 के तहत शासन स्तर पर अक्तूबर माह में स्वीकृत के लिए प्रस्ताव भेजा गया था। 
शहर के ग्रीन लैंड क्षेत्र में झील, पार्क, नदी के तटीय इलाकों में अतिक्रमण कर काफी संख्या में भवन बना लिए गए हैं। ऐसे में सिटी मजिस्ट्रेट की तरफ से पूर्व में भेजे गए नोटिस में भवन स्वामियों से पूछा गया कि जौनपुर महायोजना 2021 में पार्क के लिए आरक्षित भूमि पर व्यावसायिक व आवासीय भवन का निर्माण कैसे किया गया है, क्यों न इन्हें गिरा दिया जाए ? इन आवासीय व व्यावसायिक भवनों व अगर नक्शा स्वीकृत करने की अनुमति मिली तो करीब 2255 आवासीय भवनों पर 15.33 करोड रुपये व करीब 1095 व्यावसायिक भवनों पर 8.76 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे।
नए पुल से वाजिदपुर तिराहे तक 250, चांदमारी और कंहईपुर देहात तक 500, बदलापुर पड़ाव से कलीचाबाद पुलिया तक 400, शिया कालेज से हम्जा चिश्ती तक 600, लाइन बाजार से खरका कालोनी तक 200, गंगापट्टी कला में 100, जगदीशपुर वाराणसी मार्ग पर 300, माधुरी चौरसिया से आदमपुर मार्ग तक 200, नई मंडी के पीछे भवानीपुर में 100, प्रसाद इंटरनेशनल स्कूल से चौकिया मार्ग तक 100, नईगंज तिराहे से ईदगाह मार्ग तक 200, लखनपुर से सरफराजपुर तक 150, सीहीपुर से सैदनपुर तक 200, पचहटिया में 150, मंडी मार्ग से चितरसारी रोड तक 100, प्रेमराजपुर मार्ग पर 100 हैं।
शहरी क्षेत्र के ग्रीन बेल्ट में निषिद्ध क्षेत्र में अतिक्रमण किया गया है। यह भूमि जौनपुर महायोजना 2021 में झील व पार्क के लिए आरक्षित थी। अब जौनपुर महायोजना 2031 में नक्शा स्वीकृत करने की मांग को शासन स्तर पर भेजा गया है। फिलहाल अभी तक कोई स्वीकृत नहीं मिली है।

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