एनक्वास की टीम ने जिला महिला अस्पताल का किया निरीक्षण

जौनपुर। राष्ट्रीय क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेट (एनक्वास), लक्ष्य तथा मुस्कान कार्यक्रम के तहत अस्पताल में उपलब्ध सेवाओं और सुविधाओं का मूल्यांकन करने के लिए केंद्र सरकार की तीन सदस्यीय टीम ने जिला महिला चिकित्सालय का तीन दिवसीय दौरा (18 से 20 जुलाई तक) किया।
जिला महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ तबस्सुम बानो, नोडल अधिकारी डॉ एके पांडे तथा डॉ संदीप सिंह ने बताया कि अस्पताल में मिलने वाली सुविधाओं का मूल्यांकन करने आई टीम ने इस दौरान लेबर रूम, आपरेशन थियेटर, रेडियोलॉजी सहित कुल 11 विभागों की गहनता से जांच और मूल्यांकन किया। अस्पताल में उपलब्ध सुविधाएं, मरीजों से संबंधित जानकारी, विभिन्न विभागों में उपलब्ध सेवाएं, अस्पताल चलाने के लिए जरूरी मानव संसाधन, उपकरण, दवा, साफ-सफाई, बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, लांड्री, भोजन व्यवस्था, इंफेक्शन कंट्रोल व्यवस्था, मरीजों की उपचार सुविधा, विभागों का गुणवत्ता प्रबंधन तथा मासिक आंकड़ों के बारे में तीमारदारों, मरीजों, आमलोगों तथा अस्पताल के कर्मचारियों से बातकर तथा वास्तविक स्थिति देखकर जानकारी ली। टीम में कर्नाटक की डॉ गुनाशीला बी, जबलपुर के डॉ आदर्श विश्नोई तथा मेघालय के डॉ बालाहुन पोश्नगप शामिल थे। 
 सिक न्यू बार्न चाइल्ड केयर यूनिट (एसएनसीयू) के नोडल डॉ संदीप सिंह ने बताया कि जिला महिला अस्पताल प्रदेश की पहली चिकित्सा इकाई है जिसके एसएनसीयू की जांच मुस्कान योजना में की जा रही है। जिला महिला अस्पताल के प्रबंधक डॉ आशीष यादव ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में कायाकल्प अवार्ड योजना चलाई जा रही है। इसके माध्यम से मरीजों की संतुष्टि, स्वास्थ्यकर्मियों का व्यवहार-आचरण, अस्पताल में मिलने वाली सुविधाओं तथा मरीजों को कोई कष्ट न हो आदि विषयों को परखा जा रहा है। अस्पताल कर्मचारियों का स्वास्थ्य, उनका आचरण-व्यवहार, अस्पतालों में होने वाले इन्फेक्शन से बचाव, के लिए ड्रेस कोड पालिसी तथा मरीजों के साथ आनेवाले तीमारदारों को दी जाने वाली सुविधाओं का भी वर्ष 2022 के लिए मूल्यांकन हो रहा है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) सत्यव्रत त्रिपाठी ने बताया कि इस वर्ष 30 मई को घोषित कायाकल्प अवार्ड योजना में जनपद के आठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) सफल हुए। लगातार पांचवें वर्ष सीएचसी डोभी ने इस अवार्ड में टाप 10 में जगह बनाई। इस वर्ष उसे तीसरा स्थान मिला। सीएचसी रेहटी, शाहगंज और नौपेड़वा ने पहले प्रयास में इसमें जगह बनाई। रेहटी को 18वां और शाहगंज को 43वां स्थान मिला। सीएचसी मछलीशहर 53  स्थान पर है। बरसठी लगातार दूसरे वर्ष कायाकल्प योजना में पुरस्कृत हुआ है। इस बार उसे 55वां स्थान मिला है।  मुफ्तीगंज 99वें स्थान पर, बदलापुर 193 स्थान पर तथा नौपेड़वा 198 स्थान पर पुरस्कृत हुआ है।
क्वालिटी एश्योरेंस के जिला सलाहकार डॉ क्षितिज पाठक बताते हैं कि किसी भी स्वास्थ्य इकाई को कायाकल्प योजना में पुरस्कृत होने के लिए तीन चरणों से गुजरना होता है। पहले चरण में हॉस्पिटल के कर्मचारी और जिला क्वालिटी टीम चिकित्सालयों का मूल्यांकन करती है जिसमें 70 प्रतिशत या उससे अधिक अंक पाने पर राज्य की ओर से नामित दूसरे जिले की क्वालिटी टीम उसका क्रास वेरीफिकेशन करती है। इसमें 70 प्रतिशत या उससे अधिक अंक पाने पर उसका अंतिम मूल्यांकन किया जाता है जिस में 70 प्रतिशत या उससे अधिक अंक पाने पर प्राप्त अंकों के आधार पर स्टेट वार रैंकिंग तैयार की जाती है। इन सात बिन्दुओं पर प्रतिभाग करने वाली स्वास्थ्य इकाइयों का मूल्यांकन किया जाता है। इसके लिए 600 अंक निर्धारित हैं जो इस प्रकार हैं।  
1-चिकित्सालय का रखरखाव (इसके लिए 100 अंक निर्धारित हैं)
2-साफ-सफाई (100 अंक)
3-बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट ((100 अंक)
4-संक्रमण नियंत्रण (100 अंक)
5-सहयोगी सेवाएं (50 अंक)
6-साफ-सफाई के प्रति जागरूकता (50 अंक)
7-समुदाय से सम्पर्क (100 अंक)
   

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