*बहराइच के बाद जौनपुर में भी गाजी मियां के मेले पर सख्ती, नहीं लगेगा 8 मई को मेला*

*खेतासराय में गाजी मियां के मेले पर लगा प्रतिबंध, पुलिस तैनात*



जौनपुर -- प्रदेश शासन द्वारा बर्बर लुटेरा,मंदिरों का विध्वंसक,जबरदस्ती तलवार के नोक पर हिन्दुओं को मुसलमान बनाने वाला सैयद सालार मसूद गाजी के नाम पर लगने वाले मेलों पर सख्ती के बाद खेतासराय क्षेत्र में प्रस्तावित 8 मई को लगने वाला गाजी मियां का मेला रद्द कर दिया गया है। शासन के निर्देश के बाद जिला प्रशासन और पुलिस ने पूरे मेला क्षेत्र में चौकसी बढ़ा दी है। खेतासराय थाने की पुलिस लगातार क्षेत्र की निगरानी कर रही है ताकि कोई भी गैरकानूनी गतिविधि न हो सके।

मेला आयोजन में शामिल होने वाले तथाकथित मुजावर और डफाली पुलिस की सख्ती के बाद भूमिगत हो गए हैं। इन लोगों पर अंधविश्वास फैलाकर आम जनता से धन, अनाज, मवेशी और चढ़ावे के रूप में वसूली करने के आरोप लगते रहे हैं। इस बार प्रशासन की कार्रवाई को देखते हुए उन्होंने कोई सार्वजनिक प्रचार-प्रसार नहीं किया है।

*शासन की सख्ती के बाद प्रशासन हरकत में*

बहराइच और संभल में गाजी मियां के मेलों पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर पूरे प्रदेश में प्रशासन सतर्क हो गया है। जौनपुर में भी जिला अधिकारी दिनेश चंद्र ने स्पष्ट आदेश दिया है कि खेतासराय में कोई भी धार्मिक मेला 8 मई को नहीं लगेगा। किसी भी प्रकार की अनुमति के बिना आयोजन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

*पुलिस का एलर्ट मोड, आयोजकों को जेल भेजने की चेतावनी*

खेतासराय थानाध्यक्ष रामाश्रय राय ने कहा कि बिना अनुमति कोई भी आयोजन करने पर आयोजक, संस्था या संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उन्हें जेल भेजा जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिस पूरी तरह सतर्क है और कानून व्यवस्था से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।

*गाजी मियां के नाम पर होता था जमकर चढ़ावा*

गाजी मियां के मेले में दूर-दूर से लोग कनूरी और मन्नतें लेकर आते थे। लकड़ी के निशानों पर कपड़े में लिपटी मन्नतें बांधी जाती थीं। मिट्टी के बर्तन में चने की दाल, चावल, बैगन, बाटी बनाकर चढ़ाया जाता था और मुर्गे की बलि तक दी जाती थी। मुजावर व डफाली इस चढ़ावे से भारी कमाई करते थे, जिसे वे खुले तौर पर स्वीकार भी करते हैं।

*इतिहास की नजर में: कौन था सैयद सालार मसूद गाजी*

सैयद सालार मसूद गाजी, महमूद गजनवी का भांजा था। इतिहासकारों के अनुसार, गजनवी द्वारा भारतीय उपमहाद्वीप में किए गए हमलों और लूट में मसूद ने बतौर सेनापति भाग लिया था। मंदिरों की लूट और विध्वंस में,हिन्दुओं को जबरन मुसलमान बनाने में उसकी अहम भूमिका मानी जाती है। ऐसे में प्रदेश सरकार ने इन आयोजनों को अनुचित बताते हुए रोक लगाने का निर्णय लिया है।

*कैसे हुआ सैयद सालार उर्फ़ गाजी का अंत*

ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार, 1034 ईस्वी में बहराइच में महाराजा सुहेलदेव राजभर की सेना ने गाजी मियां की सेना को निर्णायक युद्ध में हराया। इस युद्ध में सैयद सालार का वध किया। उसे बहराइच में दफनाया गया, जहां बाद में एक मजार बनाई गई।

*हजारों की भीड़, अब सन्नाटा*

गाजी मियां के मेले में पूर्वांचल के विभिन्न जिलों से हजारों लोग शामिल होते थे। खेतासराय से लेकर गोरारी तक लगभग तीन किलोमीटर के दायरे में मेला लगता था। लेकिन इस बार किसी भी प्रकार की बुकिंग, झूले, सर्कस या दुकानों की अनुमति नहीं दी गई है। पुलिस द्वारा समझाए जाने के बाद जो छोटे दुकानदार पहुंचे थे, वे भी लौट गए हैं। प्रदेश सरकार के सख्त रुख और प्रशासन की तत्परता के चलते इस बार खेतासराय में गाजी मियां का मेला नहीं लगेगा। बिना अनुमति कोई धार्मिक, सांस्कृतिक या वाणिज्यिक गतिविधि मेला क्षेत्र में नहीं होने दी जाएगी। पुलिस 24 घंटे निगरानी कर रही है और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

Comments

Popular posts from this blog

*घड़ी में 7:00 बजते ही यूपी में बजेंगे सायरन, छा जाएगा अंधेरा.....*

*मौसम का दिखा महातांडव! आकाशीय बिजली गिरने से हुई महिला की दर्दनाक मौत ...*

*पीएम किसान योजना के तहत 5 मई से लेकर 31मई तक आयोजित किए जाएंगे कैंप*