*घड़ी में 7:00 बजते ही यूपी में बजेंगे सायरन, छा जाएगा अंधेरा.....*
*केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच उभर रहे नए और जटिल खतरों के मद्दे नजर सभी राज्यों से 7 मई को मॉक ड्रिल आयोजित करने को कहा है। सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के गृह सचिवों को गृह मंत्रालय की ओर से भेजे गए परिपत्र में कहा गया है कि मॉक ड्रिल के दौरान किए जाने वाले उपायों में हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन का संचालन करें। नागरिकों को किसी भी हमले की सूरत में खुद को बचाने के लिए सुरक्षा पहलुओं पर प्रशिक्षण देना,बंकरों और खाइयों की साफ सफाई शामिल है।*
*जंग वाला सायरन आमतौर पर निम्नलिखित स्थानों पर लगाया जाता है*
*प्रशासनिक भवन... महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालयों और इमारतों में*
*पुलिस मुख्यालय... पुलिस विभाग के मुख्य कार्यालयों में*
*फायर स्टेशन... अग्निशमन विभाग के कार्यालयों और स्टेशनों में*
*सैन्य ठिकाने... सैन्य बलों के ठिकानों और शिविरों में*
*भीड़ भाड़ वाले इलाके...शहरों के व्यस्त और भीड़ भाड़ वाले क्षेत्रों में*
*संवेदनशील इलाके... दिल्ली-नोएडा जैसे बड़े शहरों में विशेष रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में*
*युद्ध वाला सायरन एक विशेष प्रकार का वार्निंग सिस्टम होता है।*
*तेज आवाज... यह सायरन बहुत तेज आवाज में बजता है,जो दूर तक सुनाई देता है।*
*कंपन वाली आवाज... इसकी आवाज में लगातार ऊंचा नीचा होता हुआ कम्पन होता है।जो इसे आम हॉर्न या एम्बुलेंस की आवाज से अलग बनाता है।*
*आपात स्थिति की सूचना ...यह सायरन युद्ध,एयर स्ट्राइक या आपदा जैसी आपात स्थिति की सूचना देने के लिए उपयोग में लिया जाता है।*
*चेतावनी प्रणाली ...इसका उद्देश्य लोगों को खतरे के बारे में चेतावनी देना और उन्हें सुरक्षा उपायों के लिए तैयार करना होता है।*
*आवाज की तीव्रता... 120 से 140 डेसिबल होता है।*
*दूरी...2 से 5 किलोमीटर तक सुनाई दे सकती है।*
*आवाज का पैटर्न... साइक्लिक पैटर्न, जिसमें आवाज धीरे धीरे तेज होती और फिर घटती है।*
*आवाज की विशेषता... यह आवाज आम हॉर्न या एम्बुलेंस की आवाज से अलग होती है और इसका उद्देश्य लोगों को आपात स्थिति के बारे में चेतावनी देना होता है।*
*पहले कब-कब बजा था सायरन*
*1962 का चीन युद्ध...जंग वाले सायरन का उपयोग किया गया था।*
*1965 का भारत पाकिस्तान युद्ध... जंग वाले सायरन का उपयोग किया गया था।*
*1971 का भारत-पकिस्तान युद्ध...जंग वाले सायरन का उपयोग किया गया था।*
*कारगिल युद्ध... जंग वाले सायरन का उपयोग बार्डर से लगे इलाकों में किया गया था।*
*मॉक ड्रिल के दौरान सायरन बजने पर निम्नलिखित कदम उठाने होंगे*
*सुरक्षित स्थानों पर जाएं... खुले इलाकों से हटकर घरों या सुरक्षित इमारतों के अंदर जाएं।*
*शांत रहें पैनिक ना हो और शांति से निर्देशों का पालन करें। टीवी रेडियो और सरकारी एलर्ट्स पर ध्यान दें। आधिकारिक सूचनाओं और निर्देशों के लिए इन माध्यमों का उपयोग करें।*
*अफवाहों से बचें... अफवाहों पर ध्यान न दें। केवल आधिकारिक सूचनाओं पर विश्वास करें। प्रशासन के निर्देशों व सलाह का पालन करें।*
*सुरक्षित स्थान तक पहुंचने का समय...सायरन बजने से 5 मिनट से लेकर 10 मिनट के अंदर सुरक्षित स्थान तक पहुंचना होता है।*
*माक ड्रिल का उद्देश्य. ..लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचने के लिए प्रशिक्षित करना और उन्हे आपात स्थिति में जल्दी और शांतिपूर्वक सुरक्षित स्थान तक पहुंचने के लिए आवश्यक कौशल क विकास करना*
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