सतत विकास से ही भारत बन सकता है विकसित व समृद्ध राष्ट्रः डा.सतेंद्र
अशोका बिजनेस स्कूल में मुंबई के सोमैया विद्या विहार के निदेशक का उद्बोधन
वाराणसी। मुंबई के सोमैया विद्या विहार के निदेशक डा.सतेंद्र कुमार उपाध्याय ने कहा कि भारत को विकसित और समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए सतत विकास के लक्ष्य को हासिल होगा। बेहतर जीवन की इच्छाओं को पूरा करने के लिए हमें कई मोर्चों पर काम करना होगा। सबसे पहले हमें गरीबी और भुखमरी को खत्म करना होगा। साथ ही सार्वभौमिक प्राथमिक शिक्षा, लिंग समानता और महिला सशक्तिकरण पर जोर देते शिशु-मृत्यु दर घटाना और मातृत्व स्वास्थ्य को बढ़ावा देना होगा।
डा.उपाध्याय सोमवार को पहड़िया स्थित अशोका बिजनेस स्कूल में एमबीए, बीबीए और बीकाम के स्टूडेंट्स को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सतत विकास का अभिप्राय ऐसे विकास से है, जो भावी पीढ़ी की अपनी ज़रूरतें पूरी करने की योग्यता को प्रभावित किए बगैर मौजूदा समय की जरूरतों को पूरा करे। आर्थिक विकास के लिए सस्टेनिबिलिटी जरूरी है और इसके लिए चाहिए उम्दा बुनियादी ढांचा और इनोवेशन। हमें उर्जा का सदुपयोग करते हुए विकास का माडल खड़ा करना होगा। उन्होंने कहा कि देश में जलवायु परिवर्तन की चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं। उसके प्रभावों से निपटने के लिए सतत प्रयास करना होगा। इसके लिए पारिस्थितिकी प्रणालियों, सुरक्षित जंगलों और जैव विविधता के बढ़ते नुकसान को रोकने का प्रयास करना होगा। बेहतर सामाजिक समावेश, आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण के लिए धरती पर मौजूद किसी भी वस्तु को बर्बाद न करके उसका इस्तेमाल हमें बार-बार करना चाहिए। चाहे वो भोजन हो अथवा प्लास्टिक के सामान।
डिजिटल इंडिया के महत्व को रेखांकित करते हुए डा.उपाध्याय कहा कि तकनीक ही एक ऐसी कुंजी है जो इंसान का हर काम आसान कर देती है। उन्होंने कहा कि कोरोना के दौर में प्रकृति ने हमें पर्यावरण के महत्व को अच्छी तरह से समझा दिया है। इंसान को अब प्रकृति से गहरा रिश्ता जोड़ना होगा। समाज के हर तबके की जिम्मेदारी बनती है कि वो सामाजिक सरोकारों के साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करे। पर्यावरण संरक्षण के लिए अशोका बिजनेस स्कूल एक बेहतरीन माडल है। स्कूल के कैंपस में हरियाली पर खास ध्यान दिया है, जिससे बेहतरीन माहौल नजर आता है।
अशोका बिजनेस स्कूल की तारीफ करते हुए सोमैया विद्या विहार के निदेशक ने कहा कि समाज को बदलने के लिए गुणवत्तायुक्त शिक्षा बेहद जरूरी है। समावेशी और न्यायसंगत गुणवत्ता युक्त शिक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही सभी को सीखने का अवसर देना होगा। सस्ती, विश्वसनीय, टिकाऊ और आधुनिक ऊर्जा तक पहुंच सुनिश्चित करना होगा। सभी के लिए निरंतर समावेशी और सतत आर्थिक विकास, पूर्ण और उत्पादक रोज़गार, और सभ्य काम को बढ़ावा देना होगा। साथ ही स्वच्छता और पानी के सतत प्रबंधन की उपलब्धता सुनिश्चित करना होगा। साथ ही लैंगिक समानता प्राप्त करने के साथ ही महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाना होगा। बेहतर पोषण और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देंगे।
लचीले बुनियादी ढांचे पर जोर देते हुए डा. उपाध्याय ने समावेशी और सतत औद्योगीकरण पर जोर दिया और कहा कि देशों के बीच और भीतर असमानता को कम करने के लिए सुरक्षित, लचीला, टिकाऊ शहर, मानव बस्तियों के निर्माण के साथ ही स्थायी खपत और उत्पादन पैटर्न को सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने कहा कि सतत विकास के लिए वैश्विक भागीदारी को पुनर्जीवित करने के अतिरिक्ति कार्यान्वयन के साधनों को मज़बूत बनाने कोशिश होनी चाहिए। इसके लिए शांतिपूर्ण और समावेशी समितियों को बढ़ावा देते हुए प्रभावी, जवाबदेही बनाना होगा ताकि सभी के लिए न्याय सुनिश्चित हो सके।
एकल संवाद के अवसर पर अशोका बिजनेस स्कूल के निदेशक प्रो.सीपी मल्ल और अशोका इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग मैनेजमेंट की निदेशक डा.सारिका श्रीवास्तव ने सोमिया विद्या विहार के निदेशक डा.सतेंद्र कुमार उपाध्याय का स्वागत किया। उन्हें प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन रचना सिंह ने किया। इस अवसर पर एमबीए के विभागाध्यक्ष राजेंद्र तिवारी, कोआर्डिनेटर विशाल गुप्ता, डा.खुशबू कुमार, पल्लवी सिंह, प्रीति राय, आदित्य यादव, प्रशांत पांडेय, डा.अशोक, शास्वत राय आदि उपस्थित रहे।
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