डाक विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा, चार गिरफ्तार


डाक विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का खुलासा हुआ है। यूपी एसटीएफ की वाराणसी इकाई ने गिरोह के सरगना सहित चार लोगों को मिर्जापुर प्रधान डाकघर से दोपहर करीब एक बजे गिरफ्तार किया है। उनके पास से दो कार, 23 कूटरचित शैक्षणिक अंक पत्र, छह मोबाइल फोन और 1150 रुपये बरामद हुए हैं। 
डाक विभाग में इस समय ब्रांच पोस्ट मास्टर एवं असिस्टेंट ब्रांच पोस्ट मास्टर के पद पर हाईस्कूल के शैक्षणिक अंकों (मेरिट) के आधार पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। एसटीएफ को कुछ समय से नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के सक्रिय होने की शिकायतें मिल रही थी। जिससे विभिन्न टीमें उनका पता लगाने में जुटी थीं.
फर्जी वेबसाइट के जरिए भर्ती कराते थे
एसटीएफ को जानकारी मिली कि ठगी करने वाला गिरोह मिर्जापुर के प्रधान डाकघर में आने वाले हैं। इस पर दबिश देकर टीम ने चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया। सभी कौशांबी जिले के निवासी हैं। इसमें करारी थाना क्षेत्र के पथरा गांव निवासी सरगना उमेश कुमार, शाहपुर टिकरी निवासी सत्यम सिंह, चरवां क्षेत्र के बरियावां खंदौरा निवासी दीपचंद शर्मा और करारी क्षेत्र के जमालपुर निवासी भंवर सिंह शामिल हैं। उन पर आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज कराया गया है। गिरोह कूटरचित अंकपत्र और फर्जी वेबसाइट के जरिए भर्ती कराते थे।
एसटीएफ को  गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ में कई चौंकाने वाली जानकारी मिली है। पकड़े गए लोग अपने-अपने नेटवर्क के माध्यम से लोगों को पहले नियुक्ति की जानकारी देते थे। इसके बाद आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को आंध्र प्रदेश ओपेन स्कूल सोसाइटी व बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजूकेशन आंध्र प्रदेश से हाईस्कूल का कूटरचित अधिकतम प्राप्तांक का अंकपत्र बनाकर देेते थे।
भर्ती मेरिट में नाम आने के बाद डाक विभाग की ओर से आंध्र प्रदेश बोर्ड से अंक पत्रों, प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराने पर गिरोह की बनाई गई फर्जी वेबसाइट पर नाम, अंकपत्र का विवरण दिखाई देता है। इसके लिए गिरोह ने प्रति अभ्यर्थी एक-एक लाख रुपये लिए हैं।
अभ्यर्थी से पैसा लेने के बाद गिरोह उनको फर्जी वेबसाइट का लिंक भेजकर बताता था कि आप अपने अंक पत्र को वेबसाइट पर देख सकते हैं। यह वेबसाइट आंध्र प्रदेश के एजूकेेशन बोर्ड की है। अब किसी को यह नहीं पता चल पाएगा कि यह फर्जी प्रमाण पत्र है। गिरोह फर्जी अंक पत्र देने के पहले अभ्यर्थियों से असली अंक पत्राें की मूल प्रति जमा करा लेता था। 

बेवसाइट बनाने वाला लेखपाल भर्ती मामले में भी है आरोपी

एसटीएफ की दबिश से पहले भूपेंद्र सिंह और विवेक सिंह फरार हो गए। इनमें विवेक सिंह उर्फ सोनू विगत दिनों कराई गई लेखपाल परीक्षा में भी इलेक्ट्रानिक उपकरण के माध्यम से नकल कराये जाने के आरोप में एसटीएफ प्रयागराज द्वारा थाना फाफामऊ में पंजीकृत कराये गये अभियोग में वांछित चल रहा है।

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