बेमौसम वर्षात ने तोड़ी किसानो की कमर, जानें इससे क्या - क्या होगी समस्या,तापमान में आयी गिरावट


जौनपुर। पश्चिमी विक्षोभ के कारण शुक्रवार को अचानक मौसम का मिजाज ऐसा बदला कि शनिवार की सुबह तक गरज-चमक के साथ तेज बारिश हुई। तेज हवा के कारण कई इलाकों में पेड़ गिरने से यातायात बाधित हो गया। ग्रामीण क्षेत्रों में तेज वर्षात का खासा बुरा असर रबी की फसलों पर पड़ा किसानो के माथे पर इस बेमौसम बारिश ने बल डाल दिया है आखिर साल भर तक रोटी कैसे मिल सकेगी।शहर से लेकर गांव तक गरज-चमक और तेज हवा के साथ बारिश का सिलसिला बना रहा।
शुक्रवार की भोर में मौसम ने करवट ली और बादलों के साथ ही बूंदाबांदी का सिलसिला शुरू हो गया। दिन चढ़ने के साथ ही धूप भी तेज हो गई। शाम को पांच बजे से मौसम का मिजाज फिर बदला और तेज आंधी के साथ बारिश शुरू हो गई। मौसम विभाग के अनुसार अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 21.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान में सात डिग्री की गिरावट दर्ज की गई, वहीं न्यूनतम तापमान में तीन डिग्री सेल्सियस का बढ़ाव रहा। विभाग के अनुसार 24 घंटे में 0.6 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई।


तेज हवा के साथ हुई बारिश ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें गहरी कर दी हैं। बेमौसम बारिश के कारण खेतों में कटी हुई फसल भीग गई और तेज हवा के कारण खड़ी फसल खेतों में गिर गई है। पिछले सप्ताह हुई ओलावृष्टि की वजह से क्षेत्र में फसलों को काफी नुकसान हुआ था और शुक्रवार की शाम को शुरू हुई बारिश से किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ेगी। बारिश होने से अनाज के साथ-साथ भूसे के भी लाले पड़ जाएंगे।
किसान पारस नाथ मौर्य, सुबाष यादव, राम सिंह  दिनेश चन्द यादव आदि लोंगो से बात करने पर किसानो ने बताया कि बारिश के चलते किसानों को एक बार फिर झटका लगा है। ओलावृष्टि से जो पहले जो फसलें बचीं थीं। अब वह भी बर्बाद हो रहीं हैं। मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय के अनुसार अगले 24 घंटों तक मौसम का रुख इसी तरह बना रहेगा।
शनिवार की सुबह वर्षात अचानक शुरू हुई और लगभग दो घन्टे तक पूरे जनपद सहित पूर्वांचल के जिलो में पानी अनवरत गिरता रहा लोग जहां के तहां फंसे रहे। इस बेमौसम बारिश को लेकर लक्ष्मी नरायन यादव ने बातचीत के दौरान बताया कि यह बरसात किसानो के लिए शत्रु की भूमिका में आ गयी है। रबी की फसल से किसान की बड़ी आशाये होती है वह अब समाप्त हो गयी। वर्षात से खेत में कटी फसलें खराब होगी सबसे बड़ी समस्या तो जानवरो के चारे की आयेगी।
इस वर्षात से वातावरण का तापमान भी प्रभावित हो गया है। जो तरह तरह की बीमारी का जनक साबित हो सकता है।

Comments

Popular posts from this blog

गयादीन विश्वकर्मा इण्टर कालेज के विद्यार्थियों ने बोर्ड परीक्षा में बच्चों ने लहराया परचम

जालसाज़ी के आरोप में जेल में बंद एक बंदी की मौत

जौनपुर पुलिस व एसटीएफ लखनऊ की बड़ी कामयाबी, 50 हजार का इनामी बदमाश गिरफ्तार