मिशन शक्ति के तहत महिलाओ के बीच चला सुरक्षा जागरूकता अभियान, महिला अधिकारियों ने बताये बचाव के नियम कानून


जौनपुर। मिशन शक्ति 4.0 के तहत मिशन शक्ति की टीम ने जिला प्रोबेशन अधिकारी अभय कुमार के निर्देशन में मंगलवार को पुलिस लाइन के सभागार में महिलाओं सुरक्षा एवं जागरुकता के सम्बन्ध में समस्त महिला बीट पुलिस, नगर में नियुक्त समस्त महिला पुलिस अधिकारीगण व कर्मचारीगण को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में थानाध्यक्ष लाइनबाजार किरण मिश्रा ने बताया कि किस प्रकार से एंटी रोमियो स्क्वायड महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करता है अगर कोई महिला या कोई बालिका किसी ऐसी स्थिति में फंसी है तो वह एंटी रोमियो स्क्वायड नंबर पर फोन करके अपनी समस्या बता सकती हैं।उन्होंने 1090 वूमेन पावर हेल्पलाइन नंबर के बारे में बताया कि यदि कोई व्यक्ति किसी बालिका या महिला को अश्लील वीडियो अथवा सड़क पर आते जाते छेड़ता है या उसे किसी भी प्रकार से परेशान करता है तो वह 1090 पर कॉल करके अपनी समस्या बता सकती है, यह 1090 कॉल उसे संबंधित थाने पर फॉरवर्ड करके उस महिला की समस्या का समाधान किया जाता है।
उन्होनें यह भी बताया कि जनपद में पिंक बूथ बने हैं जो महिलाओं की सुरक्षा करते हैं। पिंक बूथ पर कोई भी महिला जाकर महिला सिपाही से अपनी समस्या बता कर समस्या का निवारण पा सकती हैं। महिला शक्ति केंद्र की जिला समन्वयक बबीता द्वारा प्रशिक्षण में 1090 वीमेन पावर हेल्पलाइन नंबर के बारे में बताते हुए कहा कि मैं खुद इस नंबर का इस्तेमाल एक बार स्वयं के लिए की हूं और मुझे पूरी तरह से सहायता भी मिली है। इस दौरान उन्होंने 181 महिला हेल्पलाइन नंबर की जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि 181 पर घरेलू हिंसा से पीड़ित कोई भी महिला शिकायत दर्ज कर सकती है यदि महिला चाहती है कि उसका नाम गोपनीय रखा जाए तो उस व्यक्ति का नाम गोपनीय रखा जाता है।
उन्होंने बताया कि महिला कल्याण विभाग द्वारा वन स्टॉप सेंटर कार्यालय खण्ड विकास अधिकारी करंजाकला के परिसर में बनाया गया है जिसमें एक छत के नीचे महिलाओं को पांच तरह की सुविधाओं से आच्छादित किया जाता है। यदि कोई पीड़ित महिला वहां पहुंचती है तो वहीं पर उसका एफआरआई रिपोर्ट दर्ज की जाती है, उसका मेडिकल करवाया जाता है, 05 दिन का शेल्टर देने के साथ ही उसके रहने-खाने की व्यवस्था वन स्टॉप सेंटर में की जाती है। यदि महिला घरेलू हिंसा का शिकार है तो दोनों पक्षों को बुलाकर सुलह समझौता का भी कार्य वन स्टॉप सेंटर में किया जाता है।  
महिला शक्ति केंद्र की जिला समन्वयक प्रतिभा सिंह द्वारा मिशन शक्ति अभियान के तहत महिला सुरक्षा, महिला सम्मान व महिला स्वालंबन के बारे में बताते हुए कहा कि इन्हीं तीन शब्दों में संपूर्ण मिशन शक्ति समाहित है - जैसा कि सभी जानते हैं कि महिला सुरक्षा को लेकर मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा कई टोल फ्री नंबर चलाए गए हैं, जो महिला व बच्चों की सुरक्षा के लिए कार्य करते हैं।
इस अवसर पर जिला संमन्वयक बबीता व महिला थानाध्यक्ष किरण मिश्रा ने बताया कि आज के परिवेश में नारी का सम्मान व स्वालंबन बहुत ही आवश्यक है, नारी सम्मान तभी पाएगी जब वह शिक्षित होगी और शिक्षित हो करके आत्मनिर्भर बनेगी। इसके लिए माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा बालिकाओं एवं महिलाओं के लिए कई योजनाएं संचालित कर रहे हैं जिसके द्वारा एक बालिका अच्छी शिक्षा प्राप्त करके आत्मनिर्भर बन सकती है।
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के तहत बेटी के जन्म से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई का पूरा खर्चा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाया जाता है, जिसे छह चरणों में संपादित किया जाता है जिसमें प्रथम चरण में बेटी के जन्म पर रु. 2000 की धनराशि, द्वितीय चरण में टीकाकरण पर रु. 1000 की धनराशि, तृतीय चरण में कक्षा 01 में प्रवेश के उपरांत रु. 2000 की धनराशि, चतुर्थ चरण में कक्षा 6 में प्रवेश पर रु. 2000 की धनराशि, पंचम चरण में कक्षा 9 में प्रवेश पर रु. 3000 एवं 10वीं व 12वीं की परीक्षा उत्तीण, डिप्लोमा अन्य कोर्स में प्रवेश लेने पर 5000 की धनराशि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अंतर्गत बेटियों को दी जा रही है, जिससे वे अपनी पढ़ाई को सुचारू रूप से चला सके।
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत सरकार द्वारा कोविड में अनाथ हुए बच्चों को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा रु. 4000 की धनराशि बच्चों की पढ़ाई के लिए दी जाती है। बाल सेवा योजना सामान्य के तहत उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 1 मार्च 2020 के उपरांत यदि किसी माता या पिता की मृत्यु हो गई हो अथवा माता-पिता दोनों की मृत्यु हो गई हो ऐसी स्थिति में रु. 2500 की धनराशि बच्चे के खाते में प्रदान की जाती है।
अपराध पीड़ित महिला कोष के बारे में बताते हुए जिला समन्वयक प्रतिभा सिंह ने बताया कि भारतीय दंड संहिता अधिनियम के तहत यदि किसी महिला पर तेजाब फेंक कर उसे गहरी चोट पहुंचाई गई हो तो 10 वर्ष का दंड का प्रावधान है उसमें क्षतिपूर्ति धनराशि के रूप में पीड़िता को मिलती है, यदि पीड़िता की मृत्यु हो गई है तो बच्चों को अथवा अगर बच्चे उनके नाबालिग है तो ऐसी स्थिति में उनके माता-पिता को क्षतिपूर्ति धनराशि दी जाती है। उन्होंने बताया कि इसके तहत प्रथम चरण में यदि 10 से 30 प्रतिशत जलने के मामले में रु. 3 लाख की क्षतिपूर्ति दी जाती है। 30 प्रतिशत से अधिक पर 5 लाख की क्षतिपूर्ति दी जाती है और यदि तेजाब के हमले के कारण मृत्यु हो गई है तो 10 लाख रुपए की धनराशि दी जाती है।
इसी क्रम में उन्होंने बताया कि महिला की दहेज के कारण मृत्यु हो जाती है तो 7 वर्ष की सजा का प्रावधान है और पीड़िता के बच्चे को धनराशि दी जाती है। यह सब बताते हुए कहा कि हमारे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी द्वारा मिशन 4.0 चलाया जा रहा है ताकि हम सभी महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान व स्वालंबन को स्थिरता प्रदान हो, समाज में सुरक्षा की भावना महसूस हो और वे आत्मनिर्भर बन सके। 

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