इलेक्ट्रिक गाड़ियां भी पावर ग्रिड को करेंगी बिजली की सप्लाई



अशोका इंस्टीट्यूट में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर केएनआईटी के निदेशक प्रो.केएस वर्मा का उद्बोधन

वाराणसी। सुल्तानपुर स्थित केएनआईटी के निदेशक प्रो.केएस वर्मा ने कहा कि ऊर्जा संकट से जूझ रही दुनिया में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स मील का पत्थर साबित होंगे। कुछ ही महीनों में ही इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें पेट्रोल और डीजल गाड़ियों के बराबर हो जाएंगी। इन गाड़ियों का प्रचलन तेज होने पर जहां ग्लोवल वार्मिंग की समस्या से निजात मिलेगी, वहीं डीजल-पेट्रोल के लिए मारामारी कम हो जाएगी। इन गाड़ियों के जरिए भविष्य में पावर ग्रिड को बिजली की सप्लाई भी की जा सकेगी।
प्रो.वर्मा अशोका इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालाजी एंड मैनेडमेंट में आयोजित एक सेमिनार में स्टूडेंट्स एवं टीचर्स को संबोधित कर रहे थे। स्मार्ट ग्रिड एंड अप्लीकेशन्स आफ इलेक्ट्रिक विषय पर व्याख्यान देते हुए उन्होंने कहा कि कुछ ही सालों में डीजल और पेट्रोल से चलने वाली ज्यादातर गाड़ियां इलेक्ट्रिक व्हीकल में रिप्लेस हो जाएंगी। सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल की लागत को कम करने पर जोर दे रही है। इलेक्ट्रिक व्हीकल को चलाने के लिए इस्तेमाल होने वाली थिमय आयन बैटरी की कीमतें भी तेजी कम हो रही हैं। इन गाड़ियों को चलाने के लिए जिंक-आयन, एल्यूमीनियम-आयन, सोडियम-आयन बैटरी विकसित की जा रही है। दो-तीन सालों में इलेक्ट्रिक स्कूटर, कार, ऑटो रिक्शा की कीमत पेट्रोल से चलने वाले स्कूटर, ऑटो, कार की कीमत के बराबर हो जाएगी।
प्रो.वर्मा ने कहा कि विश्व भर के ऑटोमोबाइल मार्केट में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की डिमांड तेजी से बढ़ रही है, जिसमें भारत भी पीछे नहीं है। इलेक्ट्रिक व्हीकल के तरफ इस बढ़ते रुझान को देखते हुए दिग्गज वाहन निर्माताओं के साथ कई स्टार्ट अप्स कंपनियां भी इस सेगमेंट में अपने नए वाहन उतार रही हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों की एक खासियत यह भी है कि यह परंपरागत वाहनों की तुलना में शोर नहीं करते, जिससे ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण में सहायता मिलती है। इलेक्ट्रिक वाहन सड़क पर चलते वक्त बिल्कुल  साइलेंट रहते हैं, इनसे कोई भी आवाज नहीं आती। इलेक्ट्रिक व्हीकल के बारे में ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड्स कमेटी (एआईएससी)  नए नॉर्म्स तक करने वाली है। सरकार अब इलेक्ट्रिक व्हीकल को ओवर हेड इलेक्ट्रिक वायर के जरिये चार्ज करने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स बैटरी सोर्स की तरह काम करते हैं। जरूरत पड़ने पर पावर ग्रिड को बिजली की सप्लाई की जा सकेगी।
अशोका इंस्टीट्यूट की निदेशक डा.सारिका श्रीवास्तव ने केएनआईटी के निदेशक प्रो.केएस वर्मा का स्वागत किया करते हुए उन्हें स्मृति चिह्न भेंट किया। कार्यक्रम का संचालन अनुजा सिंह ने किया। इस अवसर पर प्रो.बृजेश सिंह, एसएन सिंह, सोमेंद्र बनर्जी, आनंद वर्धन, संदीप मिश्र, संदीप सिंह, डा.प्रीति कुमारी आदि प्रमुख शिक्षक उपस्थित थे।

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