मार्शल आर्ट ऐसी कला है जिससे आत्म रक्षा के साथ दूसरों को भी बचाया जा सकता है - अंकिता राज



जौनपुर। मार्शल आर्ट ऐसी कला है जिससे आत्म-रक्षा कर सकते हैं और दूसरों को भी बचा सकते हैं, उसे मार्शल आर्ट कहते हैं। कलायें हमारे तन और मन दोनों को मजबूत करती हैं। मार्शल आर्ट विभिन्न लड़ाई के खेल या कौशल (कलारिपायाट्टू, कुंग-फू, जूडो, कराटे और ताइकोंडो) में से कोई हो। मार्शल आर्ट्स को सशस्त्र (जैसे तीरंदाजी, भाला, और तलवारबाजी) और निहत्थे (जैसे पैर और हाथ या हाथापाई के साथ हड़ताली) कलाओं में बांटा जा सकता है। मुकाबले का खेल पहलवानी और बॉक्सिंग भी है। यह बातें आज जौनपुर आकांक्षा समिति की अध्यक्ष अंकिता राज ने कहा है। 
श्रीमती अंकिता ने कहा कि परशुराम और सप्तऋषि अगस्त्य को दुनियां की सबसे पुरानी मार्शल आर्ट कलारिपायाट्टू के संस्थापकों के रूप में माना जाता है। परशुराम शस्त्र विद्या के स्वामी थे। इसमे हड़ताली और हाथापाई की तुलना में हथियारों पर अधिक जोर दिये जाते हैं। पहलवानी करने वाले को पहलवान (फारसी भाषा में अर्थ है हीरो) कहते हैं और शिक्षकों को उस्ताद (फारसी भाषा में अर्थ है शिक्षक या मास्टर) कहते हैं। पहलवानी ने मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स को प्रेरित किया। मुक्केबाजी एक मुकाबला खेल है, जिसमें दो लोग सुरक्षात्मक दस्ताने, माउथगार्ड्स जैसे अन्य सुरक्षात्मक उपकरण पहने हुए एक पूर्व निर्धारित समय के लिए एक दूसरे को घूंसा मारते हैं। पहलवानी को कुश्ती भी कहा जाता है। यह भारतीय उपमहाद्वीप में लड़ा जाता है। इसे मुगल साम्राज्य में विकसित किया गया था। मैरी कॉम बॉक्सिंग में अंतर्राष्ट्रीय पदक जीत चुकी है। 
जूडो कला को सन् 1982 में जापान में बनाया गया था। यह एक शारीरिक, मानसिक और नैतिक शिक्षा शास्त्र है, इसमे हाथों से ही जूझा जाता है। जूडो शब्द का अर्थ है ‘आराम से’। कराटे में हाथ और पैर के साथ लात मार, हड़ताली और रक्षात्मक अवरुद्ध का उपयोग होता है। कराटे शब्द का अर्थ है खाली हाथ। ताइकोंडो कोरियन मार्शल आर्ट है, इसमे सिर की ऊंचाई तक किक पर जोर दिया जाता है। तेजी से किक तकनीकों पर जोर देने के साथ पंचिंग इसकी विशेषता है। ताइकोंडो का अर्थ है लात मार, छिद्रण और कला का रास्ता। मार्शल आर्ट प्रशिक्षण में कई स्तर हैं, जैसे कि (शुरुआत के क्रम में) : सफेद, पीला, नारंगी, हरे, नीले, बैंगनी, ब्राउन, लाल और काले। कई लोग ब्रूस-ली को इतिहास का सबसे प्रभावशाली मार्शल आर्टिस्ट मानते हैं। 
उन्होंने कहा कि मार्शल आर्ट्स का अध्ययन करने वाले बच्चों में काफी सुधार पाया गया है। यह कला ध्यान लगाने की क्षमता बढ़ाती है, अतिरिक्त ऊर्जा इस्तेमाल करवाती है और बाहर खुले में भी कार्य करवाती है, जिससे मन भी मजबूत होता है। कला में मजबूती और तकनीक चाहिये। जैसे होम साइन्स में बताते हैं कि सब्जियाँ किस प्रकार से काटी जाती हैं, वैसे ही सही ढंग से चाकू से हमलावर पर वार करना मार्शल आर्ट्स सिखाती है। मैं कला सीखती हूँ। खुद की रक्षा करने के काबिल हूँ और बच्चों के सामने एक उदाहरण स्थापित कर रही हूँ। इस कला के बारे में बहुत कुछ है, जो आप जानेंगे, तो जिंदगी बदल जायेगी। स्पोर्ट्स कोटा से नौकरी तो मिल ही सकती है, लेकिन जीवन भर मुफ्त में खाना भी पा सकते हैं। हाल ही में खिलाड़ी मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलंपिक्स में रजत पदक की जीत के बाद डोमिनोस पिज्जा चेन ने ऐलान किया है कि जीवन भर उन्हे मुफ्त में पिज्जा देंगे। अगर मन मजबूत है, खुद पर भरोसा है, तो मार्शल आर्ट का अध्ययन किसी भी उम्र से शुरू किया जा सकता है।

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