कैसे होगी नकल विहीन परीक्षा? प्रशासन है शख्त तो केन्द्र पर नकल के नाम पर पैसे की वसूली शुरू ?



जौनपुर। शिक्षक पात्रता परीक्षा को नकल विहीन सम्पन्न कराने के जिला प्रशासन के अधिकारी बैठके कर शख्त निर्देश दे रहे है और नकल करते कराते पकड़े जाने पर मुकदमा दर्ज कराने की चेतावनी भी दी जा रही है तो दूसरी ओर कुछ परीक्षा केन्द्रो के ढीठ प्रशासनिक जिम्मेदार नकल कराने का ठेका लेते हुए परीक्षार्थियों से धनोपार्जन भी कर रहे है ऐसी खबर गोपनीय सूत्र के जरिए मिली है। 
यहां बता दे कि शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को शूचितापूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने के लिए जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने आज कलेक्ट्रेट स्थित प्रेक्षागृह में अधिकारियों के साथ बैठक की और परीक्षा केंद्रों पर सेक्टर व स्टेटिक मजिस्ट्रेट तथा पर्यवेक्षक की तैनाती एवं सचल दलों का गठन करने के साथ ही कहा कि किसी भी दशा में परीक्षा को नकल विहीन सम्पन्न कराया जाए। अनुचित साधनों का प्रयोग करने या किसी अन्य के स्थान पर परीक्षा देने वाले के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई जाये।  
बैठक में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व राम प्रकाश ने जिले में यू0पी0 टेट परीक्षा की व्यवस्थाओ के बिषय में जानकारी देते हुए बताया कि प्रथम पाली में 68 केंद्र एवं द्वितीय में 44 केंद्र बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि 28 नवंबर 2021 को दो पाली में यह परीक्षा सम्पन्न होगी। प्राथमिक स्तर की परीक्षा प्रथम पाली में सुबह 10.00 से 12.30 बजे तक तथा उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा द्वितीय पाली में दोपहर 2.30 से 05.00 बजे तक आयोजित की जाएगी। प्रथम पाली में 41996 एवं द्वितीय पाली में 28129 अभ्यर्थी शामिल होंगे।बैठक में डीआईओएस भी मौजूद रहे।
इस तरह प्रशासन नकल विहीन परीक्षा की कवायत करते हुए मुकदमा दर्ज करने तक का फरमान जारी कर रहा है वहीं पर कुछ परीक्षा केन्द्रो के प्रबंधक एवं कालेज के कर्मचारी गण इस परीक्षा में नकल कराने का ठेका भी ले रहें है खबर तो यह भी मिली है कि प्रति परीक्षार्थी 50 हजार रुपए तक की वसूली की जा रही है। ऐसे में जब केन्द्र व्यवस्थापक नकल कराने में शामिल होगा तो सरकारी दावों का क्या होगा? क्या प्रशासन अपने मिशन में सफल हो सकेगा ? सूत्र की माने तो एक सत्ताधारी दल के नेता का विद्यालय जो शाहगंज मार्ग पर स्थित है यहां पर नकल कराने के नाम पर एक परीक्षार्थी के अभिभावक से उक्त धनराशि की मांग किया। इतना ही नहीं शहर मुख्यालय पर स्थित एक विद्यालय में भी नकल कराने के नाम पर पैसा लिया जा रहा है। यह तो महज उदाहरण है तलाश होगी तो ऐसे तमाम परीक्षा केन्द्र इसकी जद में नजर आयेगे। बच्चे को परीक्षा में शामिल होने की वजह से अभिभावक ने अपना नाम गोपनीय रखने का आग्रह भी किया है। अभिभावक की बात संकेत करती है कि प्रशासन डाल डाल तो केन्द्र व्यवस्थापक पात पात चल रहे है ऐसे नकल विहीन परीक्षा सम्पन्न कराना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगी।
                 

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