शरीर और आत्मा के सामंजस्य का अद्भुत विज्ञान है योग - प्रो.पीके मिश्र


अशोका इंस्टीट्यूट में धूमधाम से मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 

वाराणसी। डा.एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के कुलपति प्रो.प्रदीप कुमार मिश्र ने कहा योग, शरीर और आत्मा के सामंजस्य का अद्भुत विज्ञान है। शरीर ऐसा मंदिर है, जिसकी सफाई सिर्फ योग से ही संभव है। शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए योग से बेहतर व कारगर कोई तरीका नहीं है। 
प्रो.मिश्र मंगलवार को अशोका इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालाजी एंड मैनेजमेंट परिसर में हरे-भरे पेड़ों के बीच अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल स्टूडेंट्स एवं शिक्षकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत में योग की परंपरा पांच हजार साल पुरानी है। यह प्राचीन परंपरा समूची दुनिया के लिए एक ऐसे अमूल्य उपहार की तरह है जो दिमाग और शरीर के तारों को हमेशा जोड़कर रखती है। योग मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य पैदा करता है। साथ ही विचार और संयम के अलावा इंसान के भीतर एकता की भावना को बढ़ाता है। तेजी से बदलती जीवन शैली में योग चेतना बनाकर, हमें जलवायु परिवर्तन से सामंजस्य बनाने में मदद भी करता हैं। 
कुलपति ने स्टूडेंट्स से अपील की कि हवा, पानी और भोजन बर्बादी रोकने के लिए समाज में जागरूकता पैदा करें। हर किसी को पता होना चाहिए कि हवा, पानी और भोजन हमें प्रकृति से मिलता है। योग में इतनी ताकत है कि वह जीवन और समाज में आने वाली मुश्किलों और चुनौतियों का मुकाबला करने की हिम्मत व हौसला बंधाता है। प्रकृति की हिफाजत नहीं करेंगे तो जिंदगी की राह आसान नहीं रह पाएगी। प्रकृति से सामंजस्य बैठाने का सबसे आसान और कारगर तरीका है योग। योग के जरिये प्रकृति से तालमेल बैठाकर शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को आसानी से बुस्ट किया जा सकता है। 
योग की महत्ता को रेखांकित करते हुए छत्तीसगढ़ के स्वामी विवेकानंद प्राविधिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.एमके वर्मा ने कहा कि धरती बहुत सुंदर है। यह वनस्पति विज्ञान ही नहीं, जीव विज्ञान भी है। प्रकृति खुद में ऐसा विज्ञान है जो इंसान को जिंदगी देता है। हमारा कर्तव्य है कि हम प्रकृति को साफ-सुथरा रखें। हवा और पानी बचाएं। तेजी से बदलती लाइफ स्टाइल में हमें योग ही प्रकृति के साथ जोड़ता है। यह जीवन व प्रकृति के बीच सेतु का काम करता है। योग एक ऐसी साधना है जिससे दुनिया की हर बीमारी और महामारी से आसानी से मुकाबला किया जा सकता है।
अशोका इंस्टीट्यूट में पिछले एक हफ्ते से रोजाना योगाभ्यास कार्यक्रम संचालित  करने के लिए दोनों विश्वविद्यालय के कुलपति ने कालेज इंस्टीट्यूट प्रबंधन की सराहना की। साथ ही यह भी कहा कि अशोका इंस्टीट्यूट की हरियाली मन और आत्मा को विभोर कर देती है। बेहतरीन शिक्षा के साथ यह संस्थान प्रकृति के महत्व को जितनी गहराई से समझता है, उसी तरह की सोच दूसरी संस्थाओं को भी विकसित करने की जरूरत है। अशोका इंस्टीट्यूट की निदेशक डा.सारिका श्रीवास्तव ने योग के महत्व को रेखांकित करते हुए दोनों विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का स्वागत किया। फार्मेसी विभाग के प्रिंसिपल डा.बृजेश सिंह ने अतिथियों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। 
बाद में करीब आधे घंटे तक स्टूडेंट्स और टीचर्स ने योगाभ्यास किया। योग गुरु दिनेश शर्मा ने जीवन को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी आसनों का अभ्यास कराया। साथ ही स्वस्थ रहने के लिए योग को जीवन का अनिवार्य हिस्सा बनाने का आह्वान किया। कार्यक्रम के आरंभ में अतिथिगण ने सरस्वती प्रतिमा माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित किया। कार्यक्रम का संचालन डा.अजय भूषण प्रसाद ने किया। अंतर्राष्ट्रीय योग समारोह को सफल बनाने में इस्टीट्यूट के शिक्षक अरविद कुमार, सुश्री शर्मिला सिंह, अनुजा सिंह, प्रशांत गुप्ता आदि ने महत्व पूर्ण भूमिका निभाई ।

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