विधानसभा सत्र में मुख्यमंत्री का दो टुक यूपी में नहीं होगी जातीय जनगणना


विधानसभा में सरकार ने साफ किया है कि प्रदेश में जातीय जनगणना कराने की कोई योजना नहीं हैं। विधानसभा में सपा विधायक संग्राम सिंह यादव ने बृहस्पतिवार को तारांकित प्रश्न के जरिये जातीय जनगणना का मुद्दा उठाया। हालांकि प्रश्नकाल स्थगित होने के कारण इस मुद्दे पर सदन में चर्चा नहीं हो सकी। लेकिन प्रश्न के लिखित जबाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जातीय जनगणना कराने की योजना नहीं है। जनगणना कराना भारत सरकार की ओर से किया जाता है।
जातीय जनगणना पर चर्चा की मांग को लेकर सपाइयों का विधान परिषद में हंगामा
जातीय जनगणना पर चर्चा कराने मांग को लेकर सपाइयों ने विधान परिषद में जमकर हंगामा किया। नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने साफ कह दिया कि जातीय जनगणना कराना राज्य का नहीं, बल्कि केंद्र का विषय है। उन्होंने तंज कसा कि चार बार सत्ता में रहकर सपाई कुंभकर्णी नींद सोते रहे। सत्ता से बेदखल होकर दिन में तारे दिखे तो जातीय जनगणना की याद आई।
नियम 105 के तहत सपा सदस्य नरेश चंद्र उत्तम, स्वामी प्रसाद मौर्य, लाल बिहारी यादव, आशुतोष सिन्हा, डा. मानसिंह यादव, शहनवाज खान, मुकुल यादव और मो.जासमीर अंसारी ने सूचना लगाई थी। शाहनवाज खान, नरेश चंद्र उत्तम एवं स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस पर चर्चा कराने की पुरजोर मांग की। कहा कि सन 1865, 1872 में जातीय जनगणना हुई। इसके बार 1881, 1891, 1901, 1911, 1921, 1931 व 1941 में जातिवार गणना हुई। सपा की मांग पर 2011 में भी जातीय जनगणना हुई पर भाजपा सरकार ने इसके आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए। हैरत की बात यह है कि जनगणना कराने के फार्म में एससी के उल्लेख तो कॉलम है पर ओबीसी का नहीं। उन्होंने सदन की कार्यवाही रोककर इस पर चर्चा कराए जाने की मांग की। कहा कि केवल ओबीसी ही नहीं, बल्कि सभी जातियों की गणना कराने से भी सपा को कोई गुरेज नहीं है।
इस पर नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि यह छटपटाहट सत्ता से जाने की है। जातीय जनगणना से इनका कोई लेना देना नहीं है। यह जान लें कि वर्ष 2047 तक इनकी वापसी नहीं है। यह सिर्फ 2024 का एजेंडा सेट कर रहे हैं। सपाइयों ने कुछ का साथ कुछ का विकास किया जबकि भाजपा सबका साथ सबका विकास पर काम कर रही है। इस पर सपाइयों ने हंगामा शुरू कर दिया और वेल में आकर बैठ गए। सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने समझाया पर जब सपाई नहीं माने तो उन्होंने 15 मिनट के लिए सदन स्थगित कर दिया।
विधान परिषद में बृहस्पतिवार को शिष्टाचार एवं प्रोटोकॉल का मुद्दा गूंजा। एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने नियम 223 के तहत विशेषाधिकार हनन का मामला उठाया। कहा कि काकोरी शहीद स्मारक में लखनऊ आयोजित कार्यक्रम में जिला प्रशासन ने सीटिंग व्यवस्था में नियमों की धज्जियां उड़ाईं। अधिकारियों को अग्रिम पंक्ति में बैठाया और विधान मंडल सदस्यों को दूसरी और तीसरी पंक्ति में बैठाकर अपमानित किया। इस पर नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि पूरे प्रकरण की जांच कराकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने कहा कि 9 अगस्त को मेरी माटी मेरा देश अभियान काकोरी ट्रेन एक्शन वर्षगांठ पर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। यहां मंडलायुक्त लखनऊ, मुख्य सचिव तथा प्रमुख सचिव पर्यटन को पहली पंक्ति जबकि विधानमंडल सदस्यों को पिछली पंक्तियों में बैठाकर प्रोटोकॉल संबंधी शासनादेश की धज्जियां उड़ाईं गईं। यह विशेषाधिकार हनन का ज्वलंत उदाहरण है। इसमें संबंधित उत्तरदायित्व अधिकारी को विशेषाधिकार हनन करने का दोषी मानते हुए सदन में बुलाकर दंडित करें। इसका देवेंद्र प्रताप सिंह, उमेश द्विवेदी, अशोक कटारिया, लाल बिहारी यादव, आशीष पटेल आदि सभी ने समर्थन किया। इस पर नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने जवाब दिया कि विधान मंडल सदस्य का चीफ सेक्रेटरी से भी बड़ा प्रोटोकॉल है। इस पूरे प्रकरण की जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने कहा कि इस कार्रवाई से सदन को अवगत कराया जाए।
गुलदार के आतंक का मामला सदन में गूंजा
विभिन्न जिलों में छाया गुलदार यानि तेंदुए के आतंक का मामला बृहस्पतिवार को विधान परिषद में गूंजा। नियम 115 के तहत सपा विधायक नरेश चंद्र उत्तम ने कहा कि बिजनौर, बहराइच, लखमीपुर खीरी समेत विभिन्न जिलों में इस समय तेंदुए ने आतंक फैला रखा है। इससे 13 लोगों की मौत हो गई है। काफी लोग जख्मी हैं। छात्र स्कूल नहीं जा पा रहे हैं तो किसान खेतों का रुख नहीं कर रहे हैं। इस पर प्रभावी कार्रवाई की जाए। इसी नियम के तहत सतपाल सिंह सैनी ने मुरादाबाद के क्षेत्र बिलारी में कृषि मंडी बनाने की मांग की। कहा कि यहां कृषि विभाग की 400 बीघा जमीन है जिसे मंडी को हस्तांतरित किया जाए। सलिल विश्नोई ने पनकी में सीवर लाइन बिछाने की मांग की। सभी को सभापति ने शासन को आवश्यक कार्यवाही के लिए संदर्भित कर दिया।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं का मानदेय बढ़ाने का अभी सरकार का कोई विचार नहीं है। यह बात विधान परिषद में महिला कल्याण एवं बाल विकास पुष्टाहार विकास मंत्री बेबीरानी मौर्य ने एक सवाल का जवाब देते हुए कही। उन्होंने कहा कि एक साल पहले ही उनका मानदेय बढ़ाया गया है। इस बाबत सदस्य भीमराव अंबेडकर ने सवाल पूछा था। इसके अलावा उन्नाव जिले में गौशालाओं की संख्या एवं योजना के राज बहादुर चंदेल के सवाल पर पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने जवाब दिया। कहा कि उन्नाव में चार केंद्र और खुलवाए जा रहे हैं। यहां अभी 1260 गोवंश को संरक्षित करना शेष है।

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